नई दिल्ली: दिल्ली में मैनुअल सफाई के कारण धूल और वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए दिल्ली विधानसभा की पर्यावरण समिति ने 4 जनवरी को तीनों एमसीडी के आयुक्तों को तलब किया है. पर्यावरण समिति की अध्यक्ष आतिशी ने कहा कि दिल्ली में धूल और वायु प्रदूषण में लगातार वृद्धि के बावजूद एमसीडी मैकेनिकल सफाई क्यों नहीं कर रही है.
प्रदूषण का मुख्य कारण-धूल
दिल्ली के प्रदूषण में धूल का प्रमुख योगदान है. लोग सांस नहीं ले पा रहे हैं, लेकिन एमसीडी मैकेनिकल सफाई नहीं कर रही है. पर्यावरण समिति को शहर के विभिन्न हिस्सों से धूल के बढ़ते स्तर और वायु प्रदूषण के संबंध में शिकायतें मिलीं हैं. नगर निगमों की ओर से सड़कों की मैन्युअल सफाई किए जाने से धूल प्रदूषण बढ़ा है.
रिपोर्ट जमा करें निगम
पर्यावरण समिति की अध्यक्ष आतिशी ने कहा कि तीनों नगर निगम आयुक्तों को एनजीटी के आदेश और टेरी के सुझावों को लागू करने के लिए किए गए प्रयासों पर रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा गया है. इसमें दिल्ली की सड़कों पर एमआरएस मशीनों के इस्तेमाल और मैन्युअल सफाई को बंद करने की दिशा में उठाए गए कदमों के संबंध में बताने के लिए कहा गया है.
मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीन का इस्तेमाल जरूरी
आतिशी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय और राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण की ओर से जारी निर्देशों के बावजूद राजधानी में सड़कों की मैकेनिकल सफाई के बजाए हाथों से हो रही है. सड़कों की हाथों से सफाई के कारण एसपीएम प्रदूषण होता है.नई दिल्ली में सड़कों की लगातार हाथों से सफाई पूरी तरह से अस्वीकार्य और चिंता का विषय है. नई दिल्ली में मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीन (एमआरएस मशीन) का उपयोग अनिवार्य हो गया है, क्योंकि वैक्यूम सक्शन और स्प्रिंकल वॉटर के जरिए एसपीएम को कम करने और धूल को पकड़ने में मदद मिलती है.
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मांगी गई थी रिपोर्ट
दिल्ली विधानसभा की पर्यावरण समिति की अध्यक्ष आतिशी ने कहा कि शहर के विभिन्न हिस्सों में धूल के बढ़ते स्तर और वायु प्रदूषण के बारे में कई शिकायतें मिली थी.एमसीडी से एमआरएस मशीनों के उपयोग और हस्त चालित सफाई को खत्म करने और धूल प्रदूषण को रोकने के लिए उठाए गए कदमों पर रिपोर्ट भी मांगी गई थी.