नई दिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में जेल में बंद दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका का विरोध किया है. जैन को ईडी ने पिछले साल 30 मई को गिरफ्तार किया था. उन पर कथित रूप से उनसे जुड़ी चार कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप है. ईडी की तरफ से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा के समक्ष तर्क दिया कि अगर आप नेता को जमानत मिलती है तो वह मौजूद साक्ष्य को नष्ट कर सकते हैं.
कोर्ट में दाखिल अपने जवाब में ईडी ने कहा कि मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका को खारिज कर दिया जाना चाहिए क्योंकि उनकी रिहाई से आगे की जांच बाधित होगी. तिहाड़ जेल से कुछ सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था जिसमें देखा गया है कि वह किस तरह एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और उनके बाहर आने से वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं.
बता दें, ईडी ने भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत 2017 में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जैन को गिरफ्तार किया था. एसवी राजू ने दावा किया कि जैन ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) की धारा 50 के तहत एक बयान दिया है जो ईडी के दावे का भी समर्थन करता है और 4 करोड़ रुपये से अधिक के अपराध का मामला बनता है. वे अभी न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं.
7 करोड़ रुपए रिश्वत लेने का आरोपः वहीं, सत्येंद्र जैन पर एंटी करप्शन ब्रांच ने भी शिकायत दर्ज किया है. उनपर 7 करोड़ की रिश्वत लेने का आरोप है. शिकायत में कहा गया है दिल्ली में जो सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे, उस वक्त उनमें गड़बड़ी बताकर 16 करोड़ की पेनल्टी लगाई गई. पेनल्टी को हटाने के नाम पर सत्येंद्र जैन ने 7 करोड़ की रिश्वत ली. एंटी करप्शन ब्रांच ने इस मामले में फिलहाल कोई एफआईआर तो नहीं दर्ज की है, लेकिन प्रारंभिक जांच शुरू कर दी.
(इनपुट- PTI)
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