नई दिल्लीः ED ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मनी लॉड्रिंग मामले के आरोपी सुपरटेक कंपनी के मालिक आरके अरोड़ा को स्वास्थ्य के आधार 30 दिनों की अंतरिम जमानत के ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. 16 जनवरी को पटियाला हाउस कोर्ट ने उनको अंतरिम जमानत दी थी. एडिशनल सेशंस जज देवेंदर कुमार जांगला ने एक लाख रुपये के निजी मुचलके और दो लाख रुपये के जमानती के आधार पर अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था.
अरोड़ा की ओर से पेश वकील तनवीर अहमद मीर ने कहा था कि अरोड़ा की तबीयत खराब है और बीमारी की वजह से वो काफी कमजोर हो गए हैं. हिरासत के दौरान उनका वजन 10 किलोग्राम कम हो गया है. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा है कि अरोड़ा के रीढ़ की हड्डी में तीन स्थानों पर समस्या है और उनकी सर्जरी करनी पड़ेगी. सर्जरी के लिए अस्पताल ने काफी लंबी डेट दी है. एफआईआर में अरोड़ा और सुपरटेक पर फ्लैट बुक कराने वालों से अग्रिम राशि लेकर धोखाधड़ी करने का आरोप है.
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ED ने इनको बनाया है आरोपीः 26 सितंबर को पटियाला हाउस कोर्ट ने आरके अरोड़ा के खिलाफ ईडी की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. जांच एजेंसी ने अरोड़ा के अलावा सुपरटेक लिमिटेड, नेहा तलरेजा, मेसर्स सर्व रियलटर्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स एएसपी सरिन रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स पलास बिल्डिंग सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड, गुडटाइम बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स दामोदर बिल्ड इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड, दून वैली टेक्नोपॉलिस प्राइवेट लिमिटेड और आरके अरोड़ा फैमिली ट्रस्ट को आरोपी बनाया है.
ईडी ने अरोड़ा को 27 जून को 2023 गिरफ्तार किया था. सुपरटेक समूह के खिलाफ दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में कई एफआईआर दर्ज हैं. इसी आधार पर सुपरटेक समूह, उसके निदेशकों व प्रमोटरों के खिलाफ मनी लॉड्रिंग का केस दर्ज किया गया था. अप्रैल 2023 में ईडी ने सुपरटेक और उसके निदेशकों की 40 करोड़ से अधिक की संपत्तियां जब्त की थीं.
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