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Delhi University: डीयूटीए ने लिखा वीसी को पत्र, लिखित परीक्षा को वापिस लेने की मांग - सहायक प्रोफेसरों के चयन हेतु लिखित परीक्षा

डेमोक्रेटिक यूनाइटेड टीचर्स एलायंस (डूटा) ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिखकर प्रौद्योगिकी संकाय में सहायक प्रोफेसरों के चयन के लिए शुरू होने वाली लिखित परीक्षाओं की योजना को वापस लेने की मांग की है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 2, 2023, 10:33 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी(डीयू) में सहायक प्रोफेसर के पद पर शुरू होने वाली लिखित परीक्षा को लेकर डेमोक्रेटिक यूनाइटेड टीचर्स एलायंस (डीयूटीए) ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिखा है.पत्र में डीयूटीए ने विगत दिनों, प्रौद्योगिकी संकाय में सहायक प्रोफेसरों के चयन के लिए शुरू होने वाली लिखित परीक्षाओं की योजना को वापस लेने की मांग की है.

डीयूटीए ने क्या लिखा पत्र में
डीयूटीए ने अपने पत्र में लिखा कि दिल्ली विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद द्वारा स्थाई नियुक्तियों के लिए अनुमोदित स्क्रीनिंग योजना में सहायक प्रोफेसरों के चयन हेतु लिखित परीक्षा का कोई प्रावधान नहीं है. लेकिन प्रौद्योगिकी संकाय में शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों को 25 अगस्त को जारी अधिसूचना के अनुसार लिखित परीक्षा में शामिल होना होगा. जो कि नियम के अनुकूल नहीं है. इसलिए लिखित परीक्षाओं को रद्द करने के लिए ईसी द्वारा अनुमोदित स्क्रीनिंग योजना के अनुसार अधिसूचना में संशोधन किया जाए.

कुलपति को संबोधित पत्र में आगे लिखा कि दिल्ली विश्वविद्यालय में हजारों तदर्थ शिक्षक वर्षों से कार्यरत हैं, उनमें से कई शिक्षकों को चल रहे साक्षात्कारों में विस्थापित कर दिया गया है. अब उन्हें लिखित परीक्षा और स्क्रीनिंग के ऐसे नए मापदंडों के अधीन करने से न सिर्फ साक्षात्कार में शामिल होने के अवसर से वंचित किया जा सकता है बल्कि समूची साक्षात्कार प्रकिया उलझ सकती है.

NET-GATE जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के बाद पुनः लिखित परीक्षा आयोजित करने से जहां एक ओर उच्च शिक्षा क्षेत्र में मौजूद शिक्षण नौकरियों के लिए निर्धारित मूल्यांकन योजना में केवल दोहराव बढ़ेगा वहीं दूसरी ओर नियुक्ति प्रक्रिया में अनावश्यक विलंब होगा. डीयूटीए ने तदर्थ और अस्थाई शिक्षकों के समायोजन के साथ नियुक्ति प्रक्रिया जारी रखने और पिछले दो वर्षों के दौरान विस्थापित हुए शिक्षकों को पुनः बहाल करने की भी मांग की. यहां जानकारी के लिए बताते चलें कि सितंबर माह के अंत में शिक्षक संघ का चुनाव भी होना है.

नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी(डीयू) में सहायक प्रोफेसर के पद पर शुरू होने वाली लिखित परीक्षा को लेकर डेमोक्रेटिक यूनाइटेड टीचर्स एलायंस (डीयूटीए) ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिखा है.पत्र में डीयूटीए ने विगत दिनों, प्रौद्योगिकी संकाय में सहायक प्रोफेसरों के चयन के लिए शुरू होने वाली लिखित परीक्षाओं की योजना को वापस लेने की मांग की है.

डीयूटीए ने क्या लिखा पत्र में
डीयूटीए ने अपने पत्र में लिखा कि दिल्ली विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद द्वारा स्थाई नियुक्तियों के लिए अनुमोदित स्क्रीनिंग योजना में सहायक प्रोफेसरों के चयन हेतु लिखित परीक्षा का कोई प्रावधान नहीं है. लेकिन प्रौद्योगिकी संकाय में शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों को 25 अगस्त को जारी अधिसूचना के अनुसार लिखित परीक्षा में शामिल होना होगा. जो कि नियम के अनुकूल नहीं है. इसलिए लिखित परीक्षाओं को रद्द करने के लिए ईसी द्वारा अनुमोदित स्क्रीनिंग योजना के अनुसार अधिसूचना में संशोधन किया जाए.

कुलपति को संबोधित पत्र में आगे लिखा कि दिल्ली विश्वविद्यालय में हजारों तदर्थ शिक्षक वर्षों से कार्यरत हैं, उनमें से कई शिक्षकों को चल रहे साक्षात्कारों में विस्थापित कर दिया गया है. अब उन्हें लिखित परीक्षा और स्क्रीनिंग के ऐसे नए मापदंडों के अधीन करने से न सिर्फ साक्षात्कार में शामिल होने के अवसर से वंचित किया जा सकता है बल्कि समूची साक्षात्कार प्रकिया उलझ सकती है.

NET-GATE जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के बाद पुनः लिखित परीक्षा आयोजित करने से जहां एक ओर उच्च शिक्षा क्षेत्र में मौजूद शिक्षण नौकरियों के लिए निर्धारित मूल्यांकन योजना में केवल दोहराव बढ़ेगा वहीं दूसरी ओर नियुक्ति प्रक्रिया में अनावश्यक विलंब होगा. डीयूटीए ने तदर्थ और अस्थाई शिक्षकों के समायोजन के साथ नियुक्ति प्रक्रिया जारी रखने और पिछले दो वर्षों के दौरान विस्थापित हुए शिक्षकों को पुनः बहाल करने की भी मांग की. यहां जानकारी के लिए बताते चलें कि सितंबर माह के अंत में शिक्षक संघ का चुनाव भी होना है.

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