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DU SOL New Building: साल के अंत तक डीयू स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग को मिल सकती है नई इमारत

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Published : Mar 14, 2023, 2:31 PM IST

डीयू स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग को साल के अंत तक नई इमारत मिल सकती है. इससे रोजगार मेला सहित अन्य गतिविधियों को अंजाम दिया जा सकेगा. इस इमारत के लिए केंद्र द्वारा 25 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे.

du school of open learning
du school of open learning

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) को इस साल के अंत तक एक नई इमारत मिलने की उम्मीद है. इस सात मंजिला इमारत का निर्माण कार्य पूर्वी दिल्ली के ताहिरपुर इलाके में किया जा रहा है. स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग के विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) प्रो. उमाशंकर पांडेय ने बताया कि, डेढ़ एकड़ जमीन में इस इमारत का निर्माण कार्य वर्ष 2020 में शुरू किया गया था, लेकिन कोरोना संकट के चलते कई बार कार्य बाधित हुआ. इस वजह से इमारत के निर्माण कार्य को पूरा होने में देरी हुई है.

अभी लगभग सभी सात मंजिला का ढांचा खड़ा हो गया है और आगे का निर्माण कार्य किया जा रहा है. इसके दिसंबर माह तक पूरा होने की उम्मीद है. इस इमारत में डिजिटल पुस्तकालय, आइटी लैब, क्लासरूम सहित कई कार्यालय भी खोले जाएंगे. प्रो. उमाशंकर पांडेय ने बताया कि इस इमारत के बनने से एसओएल के छात्रों की कक्षाएं चलाने के साथ उन्हें पुस्तकालय में पढ़ने का भी मौका मिलेगा. उन्होंने कहा कि अभी हमारे पास डीयू के उत्तरी परिसर में जो इमारत है उसमें पर्याप्त जगह नहीं है. नई इमारत के बन जाने से पर्याप्त जगह उपलब्ध हो जाएगी. इससे एसओएल रोजगार मेले सहित अन्य शिक्षणेत्तर गतिविधियों को गति दे सकेगा. इसका निर्माण एसओएल केंद्रीय लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जा रहा है. इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा 25 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई थी.

यह भी पढ़ें-DU के VC शिक्षकों, छात्रों व कर्मचारियों की समस्या सुनने के लगाए दरबार

बता दें कि एसओएल में कुल साढ़े पांच लाख छात्र अध्ययनरत हैं. अभी दिल्ली विश्वविद्यालय के 50 कालेजों में एसओएल के स्टडी सेंटर चल रहे हैं. इन सेंटरों पर हर रविवार को एसओएल के छात्रों की कक्षाएं चलती हैं. एसओएल में आठ स्नातक और आठ स्नातकोत्तर के कोर्सेज संचालित होते हैं, जिसमें एमबीए कोर्स भी शामिल है. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी एसओएल के छात्र रह चुके हैं. देशभर के हजारों छात्र जो दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ने की सोचते हैं, लेकिन वहां सीमित कॉलेजों में सीमित सीटें होने से उन्हें दाखिला नहीं मिल पाता है. ऐसे छात्र स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग में ही दाखिला लेते हैं और यहां से अपनी पढ़ाई पूरी कर दिल्ली विश्वविद्यालय की डिग्री हासिल करते हैं.

यह भी पढ़ें-DU के प्रोफेसरों को 5 महीने से नहीं मिल रही सैलरी, भाजपा ने मुख्यमंत्री आवास पर दिया धरना

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) को इस साल के अंत तक एक नई इमारत मिलने की उम्मीद है. इस सात मंजिला इमारत का निर्माण कार्य पूर्वी दिल्ली के ताहिरपुर इलाके में किया जा रहा है. स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग के विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) प्रो. उमाशंकर पांडेय ने बताया कि, डेढ़ एकड़ जमीन में इस इमारत का निर्माण कार्य वर्ष 2020 में शुरू किया गया था, लेकिन कोरोना संकट के चलते कई बार कार्य बाधित हुआ. इस वजह से इमारत के निर्माण कार्य को पूरा होने में देरी हुई है.

अभी लगभग सभी सात मंजिला का ढांचा खड़ा हो गया है और आगे का निर्माण कार्य किया जा रहा है. इसके दिसंबर माह तक पूरा होने की उम्मीद है. इस इमारत में डिजिटल पुस्तकालय, आइटी लैब, क्लासरूम सहित कई कार्यालय भी खोले जाएंगे. प्रो. उमाशंकर पांडेय ने बताया कि इस इमारत के बनने से एसओएल के छात्रों की कक्षाएं चलाने के साथ उन्हें पुस्तकालय में पढ़ने का भी मौका मिलेगा. उन्होंने कहा कि अभी हमारे पास डीयू के उत्तरी परिसर में जो इमारत है उसमें पर्याप्त जगह नहीं है. नई इमारत के बन जाने से पर्याप्त जगह उपलब्ध हो जाएगी. इससे एसओएल रोजगार मेले सहित अन्य शिक्षणेत्तर गतिविधियों को गति दे सकेगा. इसका निर्माण एसओएल केंद्रीय लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जा रहा है. इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा 25 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई थी.

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बता दें कि एसओएल में कुल साढ़े पांच लाख छात्र अध्ययनरत हैं. अभी दिल्ली विश्वविद्यालय के 50 कालेजों में एसओएल के स्टडी सेंटर चल रहे हैं. इन सेंटरों पर हर रविवार को एसओएल के छात्रों की कक्षाएं चलती हैं. एसओएल में आठ स्नातक और आठ स्नातकोत्तर के कोर्सेज संचालित होते हैं, जिसमें एमबीए कोर्स भी शामिल है. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी एसओएल के छात्र रह चुके हैं. देशभर के हजारों छात्र जो दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ने की सोचते हैं, लेकिन वहां सीमित कॉलेजों में सीमित सीटें होने से उन्हें दाखिला नहीं मिल पाता है. ऐसे छात्र स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग में ही दाखिला लेते हैं और यहां से अपनी पढ़ाई पूरी कर दिल्ली विश्वविद्यालय की डिग्री हासिल करते हैं.

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