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कॉलेज ऑफ आर्ट्स एडमिशन प्रक्रिया में डीयू के प्रोफेसरों ने की कुलपति से हस्तक्षेप करने की मांग - डीयू के प्रोफेसरों ने की हस्तक्षेप की मांग

दिल्ली विश्वविद्यालय के 11 प्रोफेसर्स ने कुलपति को प्रो. योगेश सिंह को पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र में दिल्ली विश्वविद्यालय के विघटन को रोकने के लिए तत्काल आवश्यक हस्तक्षेप करने को कहा है.

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Published : May 18, 2022, 9:58 AM IST

नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय के 11 प्रोफेसर ने कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह को पत्र लिखकर कॉलेज ऑफ आर्ट्स द्वारा शैक्षणिक सत्र 2022-23 में डॉ. बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय के द्वारा एडमिशन शुरू किए जाने के मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है. कुलपति को जिन शिक्षकों ने पत्र लिख हस्तक्षेप करने की मांग की है वह एग्जीक्यूटिव काउंसिल और अकादमिक काउंसिल के सदस्य हैं. उन्होंने अपने पत्र में इस तरह की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. इसके अलावा दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने भी मामले पर अपना विरोध जताया है.

वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय अकादमिक काउंसिल और एग्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्यों के द्वारा दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह को लिखे गए पत्र में कहा गया कि दिल्ली विश्वविद्यालय के विघटन को रोकने के लिए तत्काल आवश्यक हस्तक्षेप करें और कार्यकारी परिषद के निर्णय के अनुसार शैक्षणिक सत्र 2021-22 और 2022-23 के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के तत्वावधान में कॉलेज ऑफ आर्ट की प्रवेश प्रक्रिया शुरू करें.

दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रोफेसर एके भागी ने कहा कि कॉलेज ऑफ आर्ट की अकादमिक स्वायत्तता और रचनात्मकता पर यह सीधा हमला है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार इसे सीधे नियंत्रण में लेकर अपनी मनमानी करना चाहती है. दिल्ली विश्वविद्यालय ने कॉलेज ऑफ आर्ट्स की असंबद्धता को लेकर कोई एनओसी नहीं दिया है. कॉलेज ऑफ आर्ट्स का डॉ. बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय का हिस्सा होना कॉलेज ऑफ आर्ट्स के लिए एक अकादमिक आपदा है जो की डूटा को स्वीकार नहीं है.

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नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय के 11 प्रोफेसर ने कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह को पत्र लिखकर कॉलेज ऑफ आर्ट्स द्वारा शैक्षणिक सत्र 2022-23 में डॉ. बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय के द्वारा एडमिशन शुरू किए जाने के मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है. कुलपति को जिन शिक्षकों ने पत्र लिख हस्तक्षेप करने की मांग की है वह एग्जीक्यूटिव काउंसिल और अकादमिक काउंसिल के सदस्य हैं. उन्होंने अपने पत्र में इस तरह की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. इसके अलावा दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने भी मामले पर अपना विरोध जताया है.

वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय अकादमिक काउंसिल और एग्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्यों के द्वारा दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह को लिखे गए पत्र में कहा गया कि दिल्ली विश्वविद्यालय के विघटन को रोकने के लिए तत्काल आवश्यक हस्तक्षेप करें और कार्यकारी परिषद के निर्णय के अनुसार शैक्षणिक सत्र 2021-22 और 2022-23 के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के तत्वावधान में कॉलेज ऑफ आर्ट की प्रवेश प्रक्रिया शुरू करें.

दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रोफेसर एके भागी ने कहा कि कॉलेज ऑफ आर्ट की अकादमिक स्वायत्तता और रचनात्मकता पर यह सीधा हमला है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार इसे सीधे नियंत्रण में लेकर अपनी मनमानी करना चाहती है. दिल्ली विश्वविद्यालय ने कॉलेज ऑफ आर्ट्स की असंबद्धता को लेकर कोई एनओसी नहीं दिया है. कॉलेज ऑफ आर्ट्स का डॉ. बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय का हिस्सा होना कॉलेज ऑफ आर्ट्स के लिए एक अकादमिक आपदा है जो की डूटा को स्वीकार नहीं है.

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