नई दिल्लीः दिल्ली यूनिवर्सिटी ने ओपन बुक एग्जामिनेशन पर सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती दी है. दिल्ली यूनिवर्सिटी ने शिकायत निवारण कमेटी की अध्यक्षता हाईकोर्ट के पूर्व जज से कराने के आदेश का विरोध किया है. पिछले 7 अगस्त को जस्टिस प्रतिभा सिंह की बेंच ने ओपन बुक एग्जामिनेशन को हरी झंडी देते हुए ये आदेश दिया था.
हाईकोर्ट की हरी झंडी के बाद पिछले 10 अगस्त से दिल्ली यूनिवर्सिटी की ओर से ओपन बुक एग्जामिनेशन शुरू हो चुकी है. पिछले 7 अगस्त को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने ओपन बुक एग्जामिनेशन के संचालन के तौर-तरीकों पर चिंता जताते हुए दिल्ली यूनिवर्सिटी को निर्देश दिया था कि छात्रों की शिकायतों पर गौर करने के लिए गठित शिकायत निवारण कमेटी की अध्यक्षता दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस प्रतिभा रानी करेंगी.
दिल्ली यूनिवर्सिटी को दिया था निर्देश
कोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी को निर्देश दिया था कि शिकायत निवारण अधिकारी छात्रों के ई-मेल का 48 घंटे के अंदर शिकायत निवारण करते हुए जवाब देंगे. अगर वे 48 घंटे के भीतर शिकायत का निवारण नहीं करते हैं तो संबंधित शिकायत को शिकायत निवारण कमेटी को रेफर कर दिया जाए.
यूजीसी को करना है फैसला
इस मामले पर सुनवाई के दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कहा था कि छात्रों को प्रश्नों के उत्तर भेजने के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी के पोर्टल पर जाने की जरूरत नहीं है. जो छात्र ओपन बुक एग्जामिनेशन में शामिल नहीं हो पाएंगे वे बाद में ऑफलाइन परीक्षा में शामिल हो सकते हैं. याचिकाकर्ता चाहते हैं कि पहले के असेसमेंट के आधार पर रिजल्ट जारी हो. इस मसले पर यूजीसी को फैसला करना है. तब यूजीसी ने कहा कि इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई लंबित है