नई दिल्ली: दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने AAP सरकार के नेतृत्व में दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन नीतियों की दिशा पर चिंता जाहिर की है. एक वीडियो जारी करते हुए उन्होंने कहा कि मौजूदा नीतियां राज्य की प्राथमिक सार्वजनिक परिवहन सेवा, दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की कीमत पर निजी बस ऑपरेटरों को फायदा पहुंचाने के गलत इरादों से तैयार की गई हैं. बता दें कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार काे दिल्ली में एप आधारित प्रीमियम बस सेवा शुरू करने की बात कही है.
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डीटीसी की स्थिति के बारे में बताते हुए गुप्ता ने पिछले कुछ वर्षों में हुई उपेक्षा पर अफसोस जताते हुए कहा कि बेड़े में बड़े पैमाने पर ऐसी बसें शामिल हैं जो 15 साल से अधिक पुरानी हैं और खराब स्थिति में हैं, जिससे वे दैनिक परिचालन के लिए अनुपयुक्त हो गई हैं. उन्होंने इसकी तुलना प्रचारित की जा रही लक्जरी प्रीमियम बसों से की जो दिल्ली में आम आदमी की जरूरतों को पूरा करने के लिए नहीं हैं. गुप्ता ने कहा है कि यह डीटीसी को होने वाले 25 सौ करोड़ रुपये के सालाना घाटे से पता चलता है.
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि 2016 में विपक्ष के नेता के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने एक विशेष एग्रीगेटर के पक्ष में अनियमितताओं के बारे में चिंता जताई थी. उन्होंने कहा, इस नीति को बाद में इसके गलत कार्यों के परिणामों की आशंका के कारण वापस ले लिया गया था. उन्होंने कहा "हमने पहले भी इस पैटर्न को देखा है: एक नीति लागू करें और संभावित कदाचार सामने आने पर पीछे हट जाएं.
गुप्ता ने राज्यों में 10 हजार इलेक्ट्रिक बसों की योजना शुरू करके दिल्ली के परिवहन संकट को दूर करने के लिए केंद्र सरकार की पहल की सराहना की, जिसमें 13 सौ से अधिक बसें दिल्ली के लिए हैं, जिसमें छह सौ करोड़ रुपये का खर्च शामिल है. उन्होंने कहा कि इनमें से 850 से अधिक बसें पहले से ही शहर में चल रही हैं. लेकिन AAP सरकार इन पहलों का बेशर्मी से दुरुपयोग कर रही है.
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