नई दिल्ली: विश्व एनेस्थीसिया दिवस के मौके पर दिल्ली एम्स के ट्रॉमा सेंटर में नुक्कड़ नाटक किया. एम्स के चिकित्सकों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को जागरूक किया. एनेस्थीसिया दिवस के दिन लोगों विभिन्न माध्यमों से यह बताने की कोशिश की जाती है कि सही स्वास्थ्य सेवाओं में एनेस्थीसिया का कितना महत्व होता है. लोगों को यह बताया जाता है कि सर्जरी के कारगर होने में एनेस्थीसिया का कितना महत्व होता है.
नुक्कड़ नाटक से समझाया महत्व: इस वर्ष विश्व एनेस्थीसिया दिवस को एनेस्थीसिया और कैंसर केयर की थीम पर मनाया गया. हर साल इस दिन को अलग-अलग थीम से मनाकर लोगों को हर क्षेत्र में इसकी महत्ता का एहसास दिलाया जाता है. इस थीम के जरिए कैंसर जैसी बड़ी बीमारी में एनेस्थीसिया के महत्व को आमजनों तक पहुंचाया गया. यह दिन डॉ. डब्ल्यूटीजी मॉर्टन द्वारा ईथर एनेस्थीसिया के पहले सफल सार्वजनिक प्रदर्शन की भी याद दिलाता है.
किसी भी जटिल ऑपरेशन और हर तरह की सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम तक पहुंचाने में एनेस्थीसिया एक महत्वपूर्ण रोल अदा करता है. विशेषज्ञ डॉक्टर एनेस्थेसियोलॉजिस्ट इसमें बड़ी भूमिका निभाते हैं. क्रिटिकल केयर और पेन मैनेजमेंट में भी ये काफी कारगर साबित होते हैं. इस अवसर पर मरीजों एवं तिमारदारों को नुक्कड़ नाटक से लेकर मॉक ड्रिल के माध्यम से एनेस्थीसिया के उपयोग को लेकर जागरूक किया. इस अवसर पर एक जन जागरूकता कार्यक्रम का भी आयोजित हुआ जिसमें एक नुक्कड़ नाटक और पोस्टर और नारा लेखन प्रतियोगिता शामिल थी. इस आयोजन को सफल बनाने के लिए फैकल्टी, रेजिडेंट डॉक्टर, एनेस्थिसियोलॉजी तकनीशियनों ने इसमें भाग लिया.
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केवल बेहोशी के डॉक्टर नहीं होते हैं एनेस्थेसियोलॉजिस्ट: एम्स के एनेस्थीसिया विभाग के एसआर और क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ डॉ. विनय कुमार ने बताया कि बिना दर्द की अनुभूति के बड़ी-बड़ी सर्जरी को सहजता से सफल बनाने में एनेस्थीसिया विशेषज्ञों की बड़ी भूमिका होती है. ऑपरेशन के पहले, इसके दौरान और इसके बाद भी यही मरीजों को दर्द से राहत दिलाते हैं. आईसीयू में भी इनकी बड़ी जिम्मेदारी होती है, जिसे वे बखूबी निभाते हैं. एनेस्थीसिया विशेषज्ञ केवल बेहोशी के ही डॉक्टर नहीं होते हैं, वे मरीजों के लिए क्रिटिकल केयर और पेन मैनजमेंट में भी काफी मददगार साबित होते हैं.
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