नई दिल्ली: दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो लाइन के लिए 7200 करोड़ रुपये जुटाने के लिए दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने राइट्स इश्यू जारी किया (dmrc will raise 7200 crore ) है. इससे पहले दिल्ली मेट्रो ने 7200 करोड़ रुपये कर्ज चुकाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार से मदद की गुहार लगाई थी, लेकिन मदद नहीं मिली.
हाईकोर्ट के निर्देश पर चुकानी है देनदारी : दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देश पर अमल करते हुए दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) को रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के द्वारा प्रमोट की गई कंपनी दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड को करीब 7200 करोड़ रुपए की देनदारी चुकानी है. एयरपोर्ट मेट्रो लाइन को टेकओवर किए जाने की एवज में दिल्ली मेट्रो को यह रकम चुकानी है. कोर्ट में डीएमआरसी की तमाम दलीलें पहले ही खारिज हो चुकी है. इसलिए इस रकम को अब रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर को देने के सिवाय और कोई विकल्प बचा नहीं है.ये रकम जुटाने के लिए दिल्ली मेट्रो रेल निगम ने अब राइट्स इश्यू जारी किया है. राइट्स इश्यू वह प्रक्रिया है जिसके तहत कोई कंपनी फंड जुटाने के लिए अपने वर्तमान शेयरधारकों को नए इक्विटी शेयर जारी करती है.
केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों की है 50-50 हिस्सेदारी : दिल्ली मेट्रो रेल निगम में केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों की 50- 50 फीसद की हिस्सेदारी है. इसके लिए उसके शेयरों को केवल कंपनी के शेयर धारक यानी केंद्र और दिल्ली सरकार ही खरीद सकती है. डीएमआरसी ने दोनों ही सरकारों से आधे-आधे शेयर खरीदने का अनुरोध किया है. क्योंकि अब सुप्रीम कोर्ट ने भी दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड की बकाया रकम के भुगतान के लिए तीन महीने की डेडलाइन तय कर दी है. ऐसे में डीएमआरसी को उम्मीद है कि राइट्स इश्यू जारी कर वह 7131 करोड़ रुपए जुटा लेगी और तय समय सीमा के भीतर ही बकाया रकम का भुगतान कर देगी.
बोर्ड मीटिंग में लिया गया फैसला : दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड की मंगलवार को हुई बोर्ड मीटिंग में बकाया रकम के भुगतान के लिए राइट्स इश्यू जारी करने का फैसला लिया गया. डीएमआरसी ने अपने दोनों शेयरधारकों से अनुरोध किया है कि दोनों इक्विटी योगदान के तौर पर आधे-आधे शेयर खरीद लें. इससे जो 7131.28 करोड़ की रकम जमा होगी, उससे डीएमआरसी आर्बिट्रल अवॉर्ड के तहत दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड को बकाया रकम का भुगतान कर सकेगी.
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बैंकों के जरिए पैसा जुटाने की थी योजना : इससे पहले दिल्ली मेट्रो रेल निगम ने बैंकों के जरिए पैसा जुटाने की योजना बनाई थी, लेकिन जिन शर्तों के आधार पर दिल्ली मेट्रो रेल निगम बैंकों से पैसा लेना चाह रहा था, उसमें बैंकों ने ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई. इस बीच हर दिन बढ़ रही देनदारी और कोर्ट के सख्त रुख को देखते हुए डीएमआरसी ने अब राइट्स इश्यू जारी कर फंड जुटाने का फैसला लिया है. बता दें कि वर्ष 2011 में दिल्ली मेट्रो की एयरपोर्ट लाइन पर परिचालन शुरू हुआ था.
कॉन्ट्रैक्ट पर दी गई पहली मेट्रो लाइन : यह दिल्ली मेट्रो की पहली लाइन थी, जिसे दिल्ली मेट्रो रेल निगम ने निजी कंपनी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर को परिचालन के लिए था. लेकिन इस लाइन में परिचालन शर्तों का पालन नहीं होने पर रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने परिचालन से हाथ पीछे खींच लिए और दिल्ली मेट्रो से अपनी रकम वापस देने की मांग की. जिसके बाद मामला कोर्ट में गया था और कोर्ट ने दिल्ली मेट्रो रेल निगम को 7200 करोड़ रुपये रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर को लौटाने का आदेश दिया था.
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