नई दिल्ली: राजधानी के मोरी गेट इलाके में 7 फरवरी को हुई ट्रैवल एजेंट अखिलेश तिवारी की हत्या के मामले में दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने बस ऑपरेटर को गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान संजेश कुमार चौहान के रूप में हुई है. वह सेना से रिटायर है और यूपी के इटावा का रहने वाला है. हत्या के बाद से ही वह फरार था. इस दौरान इटावा में अपनी बहन के घर में जाकर छुपा था. इस मामले में संजेश के दो साथी उदयवीर उर्फ बाबा और विष्णु पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं. उदयवीर इटावा का गैंगस्टर है और उस पर 50 से अधिक मामले दर्ज हैं.
डीसीपी स्पेशल आलोक कुमार ने बताया कि संजेश चौहान ने सेना से रिटायर होने के बाद 4 बसें खरीदी थी और उन्हें दिल्ली-इटावा-कानपुर रूट पर चलवाता था. ट्रैवल एजेंट अखिलेश तिवारी का ऑफिस मोरी गेट में था. वह संजेश की बसों के लिए ऑनलाइन टिकट बुक करता था. अखिलेश तिवारी दिल्ली-कानपुर-इटावा रूट पर अपनी खुद की बस चलावाना चाहता था. यह बात संजय चौहान को पसंद नहीं आई. उसको लगा कि अखिलेश अपनी बसें चलाने लगेगा तो इस रूट पर कॉम्पटीशन बढ़ जाएगा और हो सकता है उसकी बसों को सवारी न मिले. जांच में यह भी पता चला है कि संजेश ने अखिलेश को डेढ़ लाख रुपए दिए थे, जिसे अखिलेश वापस नहीं कर रहा था. इस बात से भी दोनों पक्षों में रंजिश थी इसीलिए संजेश ने अखिलेश तिवारी को रास्ते से हटाने का प्लान बना लिया.
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7 फरवरी को संजेश, इटावा के गैंगस्टर उदयवीर और अपने एक साथी विष्णु के साथ अखिलेश तिवारी के ऑफिस पहुंचा और गोली मारकर उसकी की हत्या कर दी. इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने सीसीटीवी की फुटेज खंगाली तो आरोपियों के बारे में पता चला. फुटेज के आधार पर पुलिस ने उदयवीर सिंह और विष्णु को गिरफ्तार कर लिया. वहीं, मोबाइल सर्विलांस के आधार पर पुलिस को पता चला कि संजेश इटावा में छुपा है, जिसके बाद पुलिस ने छापा मारकर उसे उसकी बहन के घर से गिरफ्तार कर लिया. उसपर इटावा में मारपीट का भी मामला दर्ज है.
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