नई दिल्ली: दिल्ली कांग्रेस कमेटी में जहां अध्यक्ष पद की उम्मीदवारी को लेकर उथल-पुथल मची हुई है, तो वहीं दूसरी तरफ अब शीला दीक्षित के निधन पर नया विवाद खड़ा हुआ है. शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित ने एक पत्र सोनिया गांधी को लिखा जिसके बाद यह मामला तूल पकड़ चुका है. इस मामले को देखते हुए शुक्रवार को दिल्ली कांग्रेस कमेटी के सीनियर लीडर्स ने मांग की है कि सोनिया गांधी दिल्ली से पीसी चाको को हटाएं, ताकि दिल्ली कांग्रेस की स्थिति में सुधार हो सके.
पीसी चाको को हटाने की मांग
दिल्ली कांग्रेस कमेटी के सीनियर लीडर रामाकांत गोस्वामी, डॉ किरण वालिया और मंगतराम ने शुक्रवार को प्रेस क्लब में एक कॉन्फ्रेंस की. जहां पर उन्होंने पीसी चाको पर कई गंभीर आरोप लगाए. रमाकांत गोस्वामी ने कहा कि संदीप दीक्षित ने जिस तरीके से व्यक्तिगत रूप से सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी. उसको प्रेस के सामने खुद पीसी चाको ने लाया है. ऐसे में हमारी मांग है कि पार्टी हाईकमान इस मामले पर संज्ञान ले और पीसी चाको को दिल्ली के प्रभारी पद से हटाया जाए.
मामले में जांच की मांग
वहीं किरण वालिया ने कहा कि पीसी चाको अपने राजनीतिक फायदे के लिए ये सब कर रहे हैं. इससे पहले भी वो ऐसी राजनीति करते आए हैं. उन्होंने कहा कि शीला दीक्षित को कई बार प्रताड़ित पीसी चाको ने किया था. जिसकी लिए शीला दीक्षित ने अपने अंतिम क्षणों में सोनिया गांधी को एक चिट्ठी लिखी थी. जरूरत पड़ने पर हम उस चिट्ठी को भी सबके सामने लेकर आएंगे. लेकिन अभी जरूरी है इस पूरे मामले पर अब जांच कमेटी गठित हो और पार्टी उचित फैसला ले.
वहीं इस पूरे घटनाक्रम को लेकर जब रमाकांत गोस्वामी से ये सवाल किया गया कि वह शीला दीक्षित की मौत की जांच लीगल रूप से करवाना चाहते हैं या पार्टी स्तर पर. उनका कहना है कि यह दिल्ली कांग्रेस कमेटी का मामला है और यह जांच भी कांग्रेस पार्टी के स्तर पर ही होगी. उन्होंने कहा कि यह न सिर्फ शीला दीक्षित की बात है बल्कि दिल्ली कांग्रेस कमेटी में अपना योगदान देने वाले सभी नेताओं के लिए बेहद जरूरी है. क्योंकि शीला दीक्षित से कई लोग लंबे अरसे से जुड़े हुए हैं.