इसलिए काफी देर तक भारी पुलिस बल ने उन्हें रोक कर रखा लेकिन फिर उनके प्रतिनिधि मंडल को दिल्ली में जाने की इजाजत दी गई और बाकी लोगों को वापस भेज दिया गया. पश्चिम उत्तर प्रदेश के 27 जिलों को मिलाकर अलग राज्य बनाने की मांग की जा रही है. ऐसी मांग पहले भी उठ चुकी है. इसी क्रम में एक संस्था ने आज फिर इस मांग को रखने के लिए दिल्ली कूच करने की कोशिश की लेकिन दिल्ली और यूपी की सीमा यूपी गेट पर उन्हें रोक दिया गया.
भारी पुलिस बल लगाया गया
वहीं दोनों तरफ से भारी पुलिस बल लगाया गया. आशंका थी कि कहीं दिल्ली में हंगामा ना हो जाए और प्रदर्शन की वजह से जाम न लग जाए. इसलिए एहतियात के तौर पर दिल्ली जाने से प्रदर्शनकारियों को रोक दिया गया. सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी अलग-अलग गाड़ियों से यहां पहुंचे थे लेकिन उनको वापस भेज दिया गया. उनके एक प्रतिनिधिमंडल को ही दिल्ली जाने की इजाजत दी गई है.
अलग राज्य बनाने की मांग
संस्थाओं का यह कहना है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अगर राज्य बना दिया जाएगा तो यहां पर विकास की गति और तेज हो सकती है. इनमें 27 जिलों को रखने की मांग की जा रही है, जिसमें मुख्य रूप से गाजियाबाद, हापुड़, बागपत और गौतम बुद्ध नगर जैसे जिले शामिल हैं. अब तक सरकार की तरफ से ऐसा कोई भी इशारा नहीं मिला है कि पश्चिम उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाया जाएगा लेकिन धीरे-धीरे तमाम संस्थाए इस मुहिम में जोड़ रही है. साथ ही इस जुगत में लगी हैं कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य का दर्जा प्राप्त हो जाए.