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नगर निगम का परिसीमन : आयोग ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से मांगी राय

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली में एकीकृत नगर निगम के वार्डों के परिसीमन के लिए तीन सदस्यीय आयोग का गठन किया है. दिल्ली के राज्य निर्वाचन आयुक्त विजय कुमार देव को आयोग को इसका अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. अब आयोग ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से वार्डों की संख्या को लेकर राय मांगी है.

Integrated Municipal Corporation
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Published : Jul 19, 2022, 10:00 AM IST

नई दिल्ली: एकीकृत नगर निगम (एमसीडी) का परिसीमन करने के लिए गठित आयोग ने दिल्ली में निगम वार्डों की संख्या तय करने के लिए गृह मंत्रालय से राय मांगी है. वार्ड का दायरा तय करने के अलावा दूसरा कोई फैसला अपने स्तर पर नहीं लेगा. आयोग ने दिल्ली में वार्ड की संख्या, एक वार्ड की जनसंख्या और मतदाताओं की संख्या तय करने के मामले में गृह मंत्रालय से राय मांगने का निर्णय लिया है. अब केंद्र से जवाब मिलने के बाद वार्ड की सीमा तय करने का काम शुरू होगा.

दिल्ली में दो महीने पहले तक तीन भागों में बंटी एमसीडी के प्रमुख चुनावों की घोषणा से ऐन पहले केंद्र सरकार द्वारा नोटिफिकेशन जारी किए जाने के बाद तीनों नगर निगम का एकीकरण के निर्देश जारी होने के चलते प्रमुख चुनावों की प्रक्रिया टल गई थी. इसके बाद 22 मई को एकीकृत निगम दोबारा अस्तिव में आ गई है. वहीं, एमसीडी के चुनाव में हो रही देरी को लेकर लगातार आप बीजेपी पर निशाना साध रही है. इधर, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नगर निगम के वार्डों का परिसीमन करने के लिए गठित किए गए आयोग के सदस्यों के बीच पहली बैठक में अपने स्तर पर कोई भी निर्णय नहीं लेने की राय बनी है.

सूत्रों के अनुसार परिसीमन आयोग के सदस्यों ने निर्णय लिया है कि गृह मंत्रालय से राय पर काम शुरू किया जाए. वजह यह है कि गृह मंत्रालय ने एमसीडी के वार्डों की संख्या 272 से कम करके अधिकतम 250 बनाने का निर्णय लिया था. इस कारण सुझाव मांगा है कि वार्ड कैसे बनाने हैं? एमसीडी के तहत आने वाले क्षेत्र की जनसंख्या और मतदाताओं के साथ-साथ तीनों नगर निगम में रह रहे वार्डों के संबंध में जानकारी एकत्रित करके केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास भेजेगा. इस संबंध में आयोग ने बीते दिनों जानकारी एकत्रित करने का कार्य किया. इसके अलावा आयोग की ओर से केंद्रीय गृह मंत्रालय से पूछा जाएगा कि वह कितने वार्ड बनाए, इसी तरह वार्डों में शामिल किए गए जाने वाले औसतन जनसंख्या, मतदाताओं की संख्या के बारे में भी सुझाव दिया जाएगा.

परिसीमन आयोग विधानसभा क्षेत्र की सीमा के अंदर ही वार्ड बनाने के बारे में भी केंद्रीय गृह मंत्रालय से राय मांगा है. अब वहां से राय और सुझाव मिलने के बाद परिसीमन करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी. गृह मंत्रालय ने आयोग को 4 माह में परिसीमन की रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं. इस तरह आयोग को नवंबर के प्रथम सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देनी है. आयोग की रिपोर्ट स्वीकार होने के बाद दिल्ली राज्य चुनाव आयोग अनुसूचित जाति के लिए वार्ड आरक्षित करने का कार्य करेगा.

बता दें कि गृह मंत्रालय ने एससीडी एक्ट 1957 की धारा 3, 3A एवं 5 द्वारा निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए निगम वार्डों के परिसीमन एवं उससे से जुड़े अन्य कार्यों में केंद्र सरकार की सहायता के लिए परिसीमन आयोग का गठन किया है. आयोग में तीन सदस्य को नामित किया गया है. इनमें विजय देव राज्य चुनाव आयुक्त, दिल्ली परिसीमन आयोग के अध्यक्ष होंगे एवं पंकज कुमार सिंह, संयुक्त सचिव, शहरी विकास मंत्रालय, भारत सरकार के साथ रणधीर सहाय, अतिरिक्त आयुक्त, दिल्ली नगर निगम इस परिसीमन आयोग के सदस्य होंगे. यह आयोग दिल्ली नगर निगम के वार्डों के परिसीमन से संबंधित अपनी रिपोर्ट अपने गठन से चार माह के अंदर सौंपेगा.

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नई दिल्ली: एकीकृत नगर निगम (एमसीडी) का परिसीमन करने के लिए गठित आयोग ने दिल्ली में निगम वार्डों की संख्या तय करने के लिए गृह मंत्रालय से राय मांगी है. वार्ड का दायरा तय करने के अलावा दूसरा कोई फैसला अपने स्तर पर नहीं लेगा. आयोग ने दिल्ली में वार्ड की संख्या, एक वार्ड की जनसंख्या और मतदाताओं की संख्या तय करने के मामले में गृह मंत्रालय से राय मांगने का निर्णय लिया है. अब केंद्र से जवाब मिलने के बाद वार्ड की सीमा तय करने का काम शुरू होगा.

दिल्ली में दो महीने पहले तक तीन भागों में बंटी एमसीडी के प्रमुख चुनावों की घोषणा से ऐन पहले केंद्र सरकार द्वारा नोटिफिकेशन जारी किए जाने के बाद तीनों नगर निगम का एकीकरण के निर्देश जारी होने के चलते प्रमुख चुनावों की प्रक्रिया टल गई थी. इसके बाद 22 मई को एकीकृत निगम दोबारा अस्तिव में आ गई है. वहीं, एमसीडी के चुनाव में हो रही देरी को लेकर लगातार आप बीजेपी पर निशाना साध रही है. इधर, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नगर निगम के वार्डों का परिसीमन करने के लिए गठित किए गए आयोग के सदस्यों के बीच पहली बैठक में अपने स्तर पर कोई भी निर्णय नहीं लेने की राय बनी है.

सूत्रों के अनुसार परिसीमन आयोग के सदस्यों ने निर्णय लिया है कि गृह मंत्रालय से राय पर काम शुरू किया जाए. वजह यह है कि गृह मंत्रालय ने एमसीडी के वार्डों की संख्या 272 से कम करके अधिकतम 250 बनाने का निर्णय लिया था. इस कारण सुझाव मांगा है कि वार्ड कैसे बनाने हैं? एमसीडी के तहत आने वाले क्षेत्र की जनसंख्या और मतदाताओं के साथ-साथ तीनों नगर निगम में रह रहे वार्डों के संबंध में जानकारी एकत्रित करके केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास भेजेगा. इस संबंध में आयोग ने बीते दिनों जानकारी एकत्रित करने का कार्य किया. इसके अलावा आयोग की ओर से केंद्रीय गृह मंत्रालय से पूछा जाएगा कि वह कितने वार्ड बनाए, इसी तरह वार्डों में शामिल किए गए जाने वाले औसतन जनसंख्या, मतदाताओं की संख्या के बारे में भी सुझाव दिया जाएगा.

परिसीमन आयोग विधानसभा क्षेत्र की सीमा के अंदर ही वार्ड बनाने के बारे में भी केंद्रीय गृह मंत्रालय से राय मांगा है. अब वहां से राय और सुझाव मिलने के बाद परिसीमन करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी. गृह मंत्रालय ने आयोग को 4 माह में परिसीमन की रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं. इस तरह आयोग को नवंबर के प्रथम सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देनी है. आयोग की रिपोर्ट स्वीकार होने के बाद दिल्ली राज्य चुनाव आयोग अनुसूचित जाति के लिए वार्ड आरक्षित करने का कार्य करेगा.

बता दें कि गृह मंत्रालय ने एससीडी एक्ट 1957 की धारा 3, 3A एवं 5 द्वारा निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए निगम वार्डों के परिसीमन एवं उससे से जुड़े अन्य कार्यों में केंद्र सरकार की सहायता के लिए परिसीमन आयोग का गठन किया है. आयोग में तीन सदस्य को नामित किया गया है. इनमें विजय देव राज्य चुनाव आयुक्त, दिल्ली परिसीमन आयोग के अध्यक्ष होंगे एवं पंकज कुमार सिंह, संयुक्त सचिव, शहरी विकास मंत्रालय, भारत सरकार के साथ रणधीर सहाय, अतिरिक्त आयुक्त, दिल्ली नगर निगम इस परिसीमन आयोग के सदस्य होंगे. यह आयोग दिल्ली नगर निगम के वार्डों के परिसीमन से संबंधित अपनी रिपोर्ट अपने गठन से चार माह के अंदर सौंपेगा.

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