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किसानों के समर्थन में उतरे दिल्ली के वकील, कड़कड़डूमा कोर्ट परिसर में की नारेबाजी

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Published : Dec 8, 2020, 9:39 PM IST

किसानों के भारत बंद के समर्थन में मंगलवार को दिल्ली के वकील भी दिखे. तीस हजारी कोर्ट और कड़कड़डूमा कोर्ट में वकीलों ने ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन के बैनर तले प्रदर्शन कर नारेबाजी और सभाएं की. वकीलों ने तीन कृषि कानूनों को न सिर्फ किसान विरोधी बताया, बल्कि इसे वकील विरोधी भी करार दिया.

Delhi's lawyers came out in support of farmers, Sloganeering in Karkardooma court premises
किसानों के समर्थन में वकील

नई दिल्ली: ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन के बैनर तले मंगलवार को वकीलों ने कड़कड़डूमा कोर्ट परिसर में नारेबाजी की. वकीलों ने कड़कड़डूमा मेट्रो के पास वाले गेट के पास सभा भी की. सभा के दौरान ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन के दिल्ली स्टेट के सेक्रेटरी सुनील कुमार ने कहा कि कृषि कानून पर कोई चर्चा नहीं की गई, बल्कि ध्वनिमत से पारित कर दिया गया. किसानों की स्थिति पर स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को स्वीकार नहीं किया गया.

किसानों के समर्थन में वकील

कांट्रैक्ट खेती का विरोध किया

उन्होंने कहा कि ये कृषि कानून किसान, मजदूर और वकीलों के खिलाफ है. इसमें विवाद होने की स्थिति में एसडीएम को अधिकार दिया गया है, किसी कोर्ट में ये मामला नहीं जाएगा. उन्होंने कांट्रैक्ट खेती का विरोध करते हुए कहा कि किसानों की फसलों की गुणवत्ता कारपोरेट तय करेंगे. इस मौके पर शाहदरा बार एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष घनश्याम नागर ने केंद्र सरकार को कारपोरेट घरानों का कठपुतली करार दिया.



तीस हजारी कोर्ट में बड़ी संख्या में जुटे वकील


इस मौके पर तीस हजारी कोर्ट में भी ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन के बैनर तले भारी संख्या में वकीलों ने किसानों के समर्थन में सभा की. इस मौके पर तीस हजारी कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव नसियार ने कहा कि किसानों के विरोध-प्रदर्शन पर केंद्र सरकार का रवैया चिंता का विषय है. किसानों के समर्थन में वकील बिरादरी खड़ी है. कृषि कानून न तो किसानों के हित में है और न ही वकीलों के हित में है.

नई दिल्ली: ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन के बैनर तले मंगलवार को वकीलों ने कड़कड़डूमा कोर्ट परिसर में नारेबाजी की. वकीलों ने कड़कड़डूमा मेट्रो के पास वाले गेट के पास सभा भी की. सभा के दौरान ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन के दिल्ली स्टेट के सेक्रेटरी सुनील कुमार ने कहा कि कृषि कानून पर कोई चर्चा नहीं की गई, बल्कि ध्वनिमत से पारित कर दिया गया. किसानों की स्थिति पर स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को स्वीकार नहीं किया गया.

किसानों के समर्थन में वकील

कांट्रैक्ट खेती का विरोध किया

उन्होंने कहा कि ये कृषि कानून किसान, मजदूर और वकीलों के खिलाफ है. इसमें विवाद होने की स्थिति में एसडीएम को अधिकार दिया गया है, किसी कोर्ट में ये मामला नहीं जाएगा. उन्होंने कांट्रैक्ट खेती का विरोध करते हुए कहा कि किसानों की फसलों की गुणवत्ता कारपोरेट तय करेंगे. इस मौके पर शाहदरा बार एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष घनश्याम नागर ने केंद्र सरकार को कारपोरेट घरानों का कठपुतली करार दिया.



तीस हजारी कोर्ट में बड़ी संख्या में जुटे वकील


इस मौके पर तीस हजारी कोर्ट में भी ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन के बैनर तले भारी संख्या में वकीलों ने किसानों के समर्थन में सभा की. इस मौके पर तीस हजारी कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव नसियार ने कहा कि किसानों के विरोध-प्रदर्शन पर केंद्र सरकार का रवैया चिंता का विषय है. किसानों के समर्थन में वकील बिरादरी खड़ी है. कृषि कानून न तो किसानों के हित में है और न ही वकीलों के हित में है.

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