नई दिल्ली: इतिहास रचने के करीब पहुंचने से पहले लेंडर 'विक्रम' के साथ संपर्क टूटने से 'चंद्रयान 2' मिशन को झटका लगने के बाद इसरो के वैज्ञानिक थोड़े निराश जरूर हैं लेकिन पूरा देश उन पर गर्व कर रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके प्रयासों की तारीफ करते हुए वैज्ञानिकों के साथ खड़े रहने की बात कही है. वहीं आम लोग भी इसे असफलता न मानकर सफलता की और बढ़ाया गया पहला कदम मान रहे हैं.
अब तक सिर्फ 3 देश ही हुए है सफल
शनिवार को इंडिया गेट घूमने आए लोगों से जब चंद्रयान की सफलता के विषय में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ये कोई मामूली बात नहीं है कि भारत ने वहां पहुंचने का प्रयास किया जहां आजतक कोई नहीं पहुंच पाया है.
सॉफ्ट लैंडिंग में अभी तक सिर्फ 3 देश ही सफल हुए हैं. भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाता.
हालांकि चंद्रमा के जिस हिस्से में ये कोशिश हो रही थी वो पहली बार था. संपर्क टूटने को मिशन फेल होना नहीं कहा जा सकता.
लोगों ने वैज्ञानिकों के प्रयासों की तारीफ की
रेशम कहते हैं कि नया काम करने में कठिनाइयां आती है. यहां तक कि असफलता भी हाथ लगती है. भारत के मिशन को असफल नहीं कह सकते.
हां, जैसा सोच था वैसा नहीं हो पाया लेकिन इससे सीख कर आने वाले दिनों में बेहतर तरीके से इसे किया जाएगा.
पीयूष कहते हैं कि उन्हें अपने देश के वैज्ञानिकों पर गर्व है. उन्होंने कहा कि ऑर्बिटर अब भी चंद्रमा के चक्कर काट रहा है.
ऐसे में मिशन तो अब भी चल रहा है. अन्य लोगों ने भी यहां देश के वैज्ञानिकों की उनके प्रयासों के लिए तारीफ की.