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'विशेषज्ञों' को हटाए जाने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ने LG को लिखा पत्र, दोबारा नियुक्त करने की मांग

उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सरकार के विभिन्न विभागों में विशेषज्ञ के रूप में तैनात 400 लोगों की सेवाओं को समाप्त कर दिया है. इनकी नियुक्ति को अवैध करार दिया है. इस मामले में दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल ने उपराज्यपाल को पत्र लिखा है. उन्होंने विशेषज्ञों को दोबारा नियुक्त करने की मांग की है.

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Published : Jul 7, 2023, 10:53 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की ओर से नियुक्त किए गए 400 विशेषज्ञों के पद समाप्त किए जाने को लेकर दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखा है. इस पत्र में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा है कि इन विशेषज्ञों के खिलाफ की गई कोई भी कार्रवाई सदन के विशेषाधिकार का हनन और उल्लंघन होगा. उन्होंने लिखा है कि यंग प्रोफेशनल्स को बिना किसी चर्चा या नोटिस के हटाया जाना प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ है.

यह दुर्भावना से लिया गया निर्णय है. इस निर्णय को वापस लिया जाना चाहिए और यंग प्रोफेशनल्स को दोबारा नियुक्त किया जाना चाहिए. विधानसभा अध्यक्ष ने अपने पत्र में लिखा है कि दिल्ली असेंबली रिसर्च सेंटर (डीएआरसी) के फेलो एसोसिएट, फेलो और विशेषज्ञों को विधि की पूरी प्रक्रिया का पालन करने के बाद रखा गया था. डीएआरसी का फैलोशिप प्रोग्राम कोई नियुक्ति या रोजगार नहीं है, इसलिए यह सर्विसेज डिपार्टमेंट के तहत नहीं आता है. यह नियुक्ति या रोजगार नहीं है, इसलिए यह आरक्षण के दायरे में भी नहीं आता है.

इसे भी पढ़ें: CM केजरीवाल को बड़ा झटका, LG ने सरकार के 400 सलाहकार, विशेषज्ञ, फेलो को किया बर्खास्त

रामनिवास गोयल ने लिखा है कि इन यंग प्रोफेशनल्स को अलग-अलग विश्वविद्यालयों और अच्छे संस्थानों से लिया गया है. ये फेलो और एसोसिएट किसी सिविल पोस्ट या ऑफिस के कैटेगरी में नहीं आते हैं. इसीलिए इनकी नियुक्तियों में किसी तरह का आरक्षण का उल्लंघन भी नहीं हुआ है. ये यंग माइंड हैं और इनके साथ यह अच्छा व्यवहार नहीं हो रहा है.

इसे भी पढ़ें: Delhi Govt vs LG: अब स्पेशलिस्ट को लेकर दिल्ली सरकार और LG के बीच टकराव, आगे क्या करेंगे केजरीवाल?

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की ओर से नियुक्त किए गए 400 विशेषज्ञों के पद समाप्त किए जाने को लेकर दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखा है. इस पत्र में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा है कि इन विशेषज्ञों के खिलाफ की गई कोई भी कार्रवाई सदन के विशेषाधिकार का हनन और उल्लंघन होगा. उन्होंने लिखा है कि यंग प्रोफेशनल्स को बिना किसी चर्चा या नोटिस के हटाया जाना प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ है.

यह दुर्भावना से लिया गया निर्णय है. इस निर्णय को वापस लिया जाना चाहिए और यंग प्रोफेशनल्स को दोबारा नियुक्त किया जाना चाहिए. विधानसभा अध्यक्ष ने अपने पत्र में लिखा है कि दिल्ली असेंबली रिसर्च सेंटर (डीएआरसी) के फेलो एसोसिएट, फेलो और विशेषज्ञों को विधि की पूरी प्रक्रिया का पालन करने के बाद रखा गया था. डीएआरसी का फैलोशिप प्रोग्राम कोई नियुक्ति या रोजगार नहीं है, इसलिए यह सर्विसेज डिपार्टमेंट के तहत नहीं आता है. यह नियुक्ति या रोजगार नहीं है, इसलिए यह आरक्षण के दायरे में भी नहीं आता है.

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रामनिवास गोयल ने लिखा है कि इन यंग प्रोफेशनल्स को अलग-अलग विश्वविद्यालयों और अच्छे संस्थानों से लिया गया है. ये फेलो और एसोसिएट किसी सिविल पोस्ट या ऑफिस के कैटेगरी में नहीं आते हैं. इसीलिए इनकी नियुक्तियों में किसी तरह का आरक्षण का उल्लंघन भी नहीं हुआ है. ये यंग माइंड हैं और इनके साथ यह अच्छा व्यवहार नहीं हो रहा है.

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