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DU: ओपन बुक परीक्षा का विरोध जारी, आइसा ने किया 'प्रोटेस्ट फ्रॉम होम'

दिल्ली विश्वविद्यालय में ओपन बुक एग्जाम को लेकर लगातार विरोध जताया जा रहा है. इस विरोध के लिए आइसा ने 17 मई को 'प्रोटेस्ट फ्रॉम होम' का आवाहन किया था. विरोध में देशभर के 25 कॉलेजों ने हिस्सा लिया. और सोशल मीडिया पर ट्वीट कर इन मुद्दों को उठाया.

open book exam opposed
बुक एग्जाम को लेकर विरोध
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Published : May 18, 2020, 10:16 AM IST

नई दिल्ली: ओपन बुक एग्जाम कराए जाने को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय में लगातार विरोध जारी है. वहीं इसी कड़ी में ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) ने एग्जामिनेशन के विरोध में 17 मई को 'प्रोटेस्ट फ्रॉम होम' का आवाहन किया था. जिसके तहत सोशल मीडिया के जरिए बड़ी संख्या में छात्रों ने ऑनलाइन ओपन बुक एग्जामिनेशन का विरोध किया. वहीं आइसा का कहना है कि वह उन छात्रों के साथ खड़ा है, जो जैसे-तैसे संघर्ष कर विश्वविद्यालय में अपनी शिक्षा हासिल कर रहे हैं. ऑनलाइन परीक्षा के जरिए ऐसे छात्रों के साथ आइसा नाइंसाफी कभी नहीं होने देगा.

डीयू में जारी ओपन बुक एग्जाम को लेकर विरोध
बड़ी संख्या में छात्रों ने लिया हिस्सा

बता दें कि ऑनलाइन ओपन बुक एग्जामिनेशन के विरोध में आइसा ने 17 मई को प्रोटेस्ट फ्रॉम होम का आवाहन किया था, जिसमे बड़ी संख्या में छात्रों ने हिस्सा लिया था. देशभर के 25 कॉलेजों किरोड़ीमल कॉलेज, शिवाजी कॉलेज, दयाल सिंह कॉलेज सहित डिपार्टमेंट ऑफ सोशल वर्क एंड आरएलडी कॉलेज आदि ने इस विरोध में भागीदारी जताई थी. वहीं सोशल मीडिया पर इन सभी कॉलेज के छात्रों ने ऑनलाइन ओपन बुक एग्जाम के खिलाफ नारे लगाए, ट्वीट किया और उन सभी मुद्दों को उठाया था, जिसके चलते ऑनलाइन परीक्षा का बहिष्कार कर रहे हैं. इसको लेकर उन्होंने दृष्टिबाधित छात्रों की समस्या, कश्मीर में रह रहे छात्रों की परेशानी, हिंदी मीडियम छात्र, इंटरनेट कनेक्टिविटी और पाठ्य सामग्री की अनुपलब्धता आदि का हवाला दिया.



निर्णय नहीं बदला तो जारी रहेगा संघर्ष

वहीं आइसा की कार्यकर्ता दामिनी ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ रहे छात्रों में से 70 फीसदी से ज्यादा छात्र ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा में भाग नहीं ले सकेंगे. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के जरिए ऑनलाइन एग्जाम की प्रक्रिया के विरोध में आइसा छात्रों के साथ खड़ा है, क्योंकि हम जानते हैं कि ऑनलाइन एग्जाम प्रक्रिया से छात्रों के साथ भेदभाव होगा और सभी छात्र इससे लाभान्वित नहीं हो सकेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर विश्वविद्यालय प्रशासन ऑनलाइन परीक्षा को लेकर अपना निर्णय नहीं बदलता तो आने वाले समय में भी यह संघर्ष जारी रहेगा. और इसमे ज्यादा से ज्यादा छात्रों को शामिल भी किया जाएगा. बता दें कि छात्रों को दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ का भी इस दौरान समर्थन मिला.

बताते चले कि दिल्ली यूनिवर्सिटी ने एक नोटिफिकेशन जारी किया. इस नोटिफिकेशन में बताया गया कि ग्रेजुएशन और मास्टर्स के सभी फाइनल ईयर/सेमेस्टर स्टूडेंट्स की परीक्षा 1 जुलाई 2020 से आयोजित की जाएगी. अगर कोरोना वायरस महामारी के कारण स्थिति बिगड़ती है, तो ओपन बुक एग्जामिनेशन (OBE) के जरिए परीक्षा आयोजित की जाएगी.

नई दिल्ली: ओपन बुक एग्जाम कराए जाने को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय में लगातार विरोध जारी है. वहीं इसी कड़ी में ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) ने एग्जामिनेशन के विरोध में 17 मई को 'प्रोटेस्ट फ्रॉम होम' का आवाहन किया था. जिसके तहत सोशल मीडिया के जरिए बड़ी संख्या में छात्रों ने ऑनलाइन ओपन बुक एग्जामिनेशन का विरोध किया. वहीं आइसा का कहना है कि वह उन छात्रों के साथ खड़ा है, जो जैसे-तैसे संघर्ष कर विश्वविद्यालय में अपनी शिक्षा हासिल कर रहे हैं. ऑनलाइन परीक्षा के जरिए ऐसे छात्रों के साथ आइसा नाइंसाफी कभी नहीं होने देगा.

डीयू में जारी ओपन बुक एग्जाम को लेकर विरोध
बड़ी संख्या में छात्रों ने लिया हिस्सा

बता दें कि ऑनलाइन ओपन बुक एग्जामिनेशन के विरोध में आइसा ने 17 मई को प्रोटेस्ट फ्रॉम होम का आवाहन किया था, जिसमे बड़ी संख्या में छात्रों ने हिस्सा लिया था. देशभर के 25 कॉलेजों किरोड़ीमल कॉलेज, शिवाजी कॉलेज, दयाल सिंह कॉलेज सहित डिपार्टमेंट ऑफ सोशल वर्क एंड आरएलडी कॉलेज आदि ने इस विरोध में भागीदारी जताई थी. वहीं सोशल मीडिया पर इन सभी कॉलेज के छात्रों ने ऑनलाइन ओपन बुक एग्जाम के खिलाफ नारे लगाए, ट्वीट किया और उन सभी मुद्दों को उठाया था, जिसके चलते ऑनलाइन परीक्षा का बहिष्कार कर रहे हैं. इसको लेकर उन्होंने दृष्टिबाधित छात्रों की समस्या, कश्मीर में रह रहे छात्रों की परेशानी, हिंदी मीडियम छात्र, इंटरनेट कनेक्टिविटी और पाठ्य सामग्री की अनुपलब्धता आदि का हवाला दिया.



निर्णय नहीं बदला तो जारी रहेगा संघर्ष

वहीं आइसा की कार्यकर्ता दामिनी ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ रहे छात्रों में से 70 फीसदी से ज्यादा छात्र ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा में भाग नहीं ले सकेंगे. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के जरिए ऑनलाइन एग्जाम की प्रक्रिया के विरोध में आइसा छात्रों के साथ खड़ा है, क्योंकि हम जानते हैं कि ऑनलाइन एग्जाम प्रक्रिया से छात्रों के साथ भेदभाव होगा और सभी छात्र इससे लाभान्वित नहीं हो सकेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर विश्वविद्यालय प्रशासन ऑनलाइन परीक्षा को लेकर अपना निर्णय नहीं बदलता तो आने वाले समय में भी यह संघर्ष जारी रहेगा. और इसमे ज्यादा से ज्यादा छात्रों को शामिल भी किया जाएगा. बता दें कि छात्रों को दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ का भी इस दौरान समर्थन मिला.

बताते चले कि दिल्ली यूनिवर्सिटी ने एक नोटिफिकेशन जारी किया. इस नोटिफिकेशन में बताया गया कि ग्रेजुएशन और मास्टर्स के सभी फाइनल ईयर/सेमेस्टर स्टूडेंट्स की परीक्षा 1 जुलाई 2020 से आयोजित की जाएगी. अगर कोरोना वायरस महामारी के कारण स्थिति बिगड़ती है, तो ओपन बुक एग्जामिनेशन (OBE) के जरिए परीक्षा आयोजित की जाएगी.

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