नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में हिंसा के चलते इन दिनों फैली अशांति को लेकर लोग अलग-अलग तरीकों से शांति बहाल करने की अपील कर रहे हैं. कोई कैंडल मार्च निकाल रहा है तो कहीं लोग शांति की अपील कर रहे हैं. इसी कड़ी में दिल्ली में शांति के लिए गुरुद्वारा बंगला साहिब में विशेष अरदास की गई. साथ ही गुरुद्वारा समिति ने जगह-जगह रिलीफ कैंप और लंगर की भी व्यवस्था की है.
शांति बहाल करने के लिए की गई विशेष अरदास
गुरुद्वारा बंगला साहिब में दिल्ली में शांति बहाल करने के लिए की गई विशेष अरदास के बारे में बताते हुए अकाली दल के नेता और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि हर सिख मानवधर्म को सर्वपरी मानता है. इसलिए दिल्ली में जो नफरत की आग लगी है उसे शांत करने के लिए यह अरदास किया गया है. यह अरदास उनके लिए है जो इस आगजनी में दिवंगत हो गए हैं और जो अस्पताल में जिंदगी और मौत से लड़ रहे हैं. वहीं उन्होंने कहा कि दिल्ली में इस समय जो हालात हैं वो बहुत कुछ 1984 के दंगों की याद ताजा कर रहे हैं.
'मरा भी इंसान है और मरी भी इंसानियत है'
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की तरफ से गृह मंत्री अमित शाह का इस्तीफा मांगे जाने को लेकर उन्होंने कहा कि दिल्ली की इस स्थिति के लिए कांग्रेस खुद ज़िम्मेदार है. उन्होंने कहा कि अगर 1984 में हुए दंगों के समय पुलिस, सरकार और न्यायालय द्वारा न्यायोचित कदम उठाए गए होते तो शायद आज दिल्ली के ये हालात नहीं होते. वहीं उन्होंने दंगाईयों को इस आगजनी का दोषी बताते हुए कहा कि यह दहशत किसी धर्म विशेष के लोगों ने नहीं बल्कि उन लोगों ने मचाई है जिनके अंदर की इंसानियत मर चुकी है. उन्होंने कहा कि मरा भी इंसान है और मरी भी इंसानियत है.
घायलों के लिए रिलीफ कैंप और लंगर की व्यवस्था
वहीं उन्होंने कहा कि गुरुद्वारा समिति की ओर से जगह जगह रिलीफ कैम्प लगाए गए हैं. जहां पर घायलों की देख रेख की जा रही है. साथ ही इस हिंसा का शिकार हुए लोगों के साथ साथ उनके परिजनों के लिए भी लंगर की व्यवस्था की गई है.