नई दिल्ली: यमुना नदी पर बने सिग्नेचर ब्रिज को बनाने का सपना दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने देखा था और अपने कार्यकाल में इसका निर्माण कार्य शुरू कराया था. अब उनके निधन के बाद जब प्रदेश कांग्रेस ने सिग्नेचर ब्रिज का नाम शीला दीक्षित के नाम पर रखने के लिए दिल्ली सरकार को पत्र लिखा तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे मानने से इनकार कर दिया है.
'सिग्नेचर ब्रिज का नाम ठीक है'
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सिग्नेचर ब्रिज का नाम शीला दीक्षित के नाम पर रखे जाने को लेकर कहा कि इस ब्रिज का नाम शीला दीक्षित सरकार के कार्यकाल में ही सिग्नेचर ब्रिज रखा गया था. सिग्नेचर ब्रिज का नाम ठीक है. कांग्रेस द्वारा नाम में बदलाव को लेकर भेजे गए पत्र को लेकर केजरीवाल ने कहा कि इसको लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए.
'शीला दीक्षित के जाने से देश को नुकसान'
महज़ दो दिन पहले प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता जितेंद्र कोचर ने सिग्नेचर ब्रिज का नाम बदलकर शीला ब्रिज करने की मांग करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र भी लिखा था. उन्होंने कहा है कि दिल्ली की शिल्पकार के नाम से मशहूर शीला दीक्षित के निधन से आज जो जगह रिक्त हुई है, उसकी भरपाई कभी पूरी नहीं की जा सकती. उनके जाने से दिल्ली और कांग्रेस पार्टी को ही नुकसान नहीं हुआ है बल्कि देश को भी नुकसान हुआ है.
'शीला दीक्षित ने कई ब्रिज बनवाएं'
जितेंद्र कोचर ने आगे कहा कि देश की राजधानी दिल्ली को जिस तरह से उन्होंने सजाया संवारा, आज तक किसी ने भी नहीं किया था. शीला दीक्षित ने एक से एक बढ़कर फ्लाईओवर का निर्माण किया है. शीला दीक्षित ने दिल्ली को रफ्तार देने की कोशिश की. आज दिल्ली की जनता को ही नहीं पूरे देश को इसका लाभ मिल रहा है. सिग्नेचर ब्रिज यमुना नदी पर बनाने का सपना शीला दीक्षित ने देखा था और आज यह ब्रिज बनकर तैयार है. जो शीला दीक्षित के दूरगामी सोच का ही नतीजा है.
बता दें कि सिग्नेचर ब्रिज का निर्माण कार्य पिछले एक दशक से चल रहा था. गत वर्ष अक्टूबर में इस ब्रिज को आवाजाही के लिए खोल दिया गया.