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खोड़ा की बेतरतीब गलियों से 12वीं में 98.2% अंक तक की कहानी, पूजा झा की जुबानी

12वीं के परिणाम में राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय की छात्रा पूजा झा ने 98.2 फीसदी अंक प्राप्त किए हैं. परीक्षा की तैयारियों से लेकर भविष्य की रणनीति तक ईटीवी भारत ने इस मौके पर पूजा झा से बातचीत की.

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Published : Jul 14, 2020, 12:35 PM IST

Updated : Jul 14, 2020, 12:46 PM IST

12th cbse Board Result
12वीं सीबीएसई बोर्ड के परिणाम

नई दिल्ली: वीरेंद्रनाथ झा अपनी दो बेटियों के साथ मयूर विहार फेज-3 के पास शिव विहार खोड़ा में रहते हैं. धूल उड़ाती सड़कों, तंग गलियों और बेतरतीब से मकानों को देखकर सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां विकास की रोशनी का अब भी अभाव है. लेकिन इसी इलाके में किराए के मकान में रहकर अपनी बेटियों को पढ़ाकर उनका जीवन संवारने ने लगे झा के घर में ज्ञान की रौशनी की बखूबी मौजूदगी है.

संघर्ष के सुखद परिणाम की कहानी



12वीं में आए 98.2 फीसदी

सोमवार शाम जब सीबीएसई बोर्ड की ओर से 12वीं का परिणाम घोषित हुआ, तब इस घर की ज्ञान वाली रोशनी में खुशियों का संचार भी हो गया. वीरेंद्रनाथ झा की छोटी बेटी पूजा झा ने 98.2 प्रतिशत नंबरों के साथ 12वीं की परीक्षा पास की है. उन्होंने राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय सूरजमल विहार से पढ़ाई की थी. रिजल्ट की इस खुशी को परिवार ने दही के साथ सेलिब्रिट किया. ईटीवी भारत ने इस परिणाम को लेकर पूजा, उनकी बहन और उनके पिता से बातचीत की.


परिणाम से खुश परिवार

पूजा ने बताया कि उन्हें उनकी एक स्कूल टीचर की ओर से सूचना मिली कि उन्हें उनके विषय ह्यूमैनिटीज में 98.2 प्रतिशत अंक हासिल हुए हैं. पूजा इस परिणाम से बहुत खुश थी और साथ ही खुश थे वे पिता भी, जो बीते 8 सालों से अपनी बेटियों के लिए पिता और मां दोनों का फर्ज अदा कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि 2012 में उनकी पत्नी का देहांत हो गया, तब से परिवार में ये तीन लोग ही हैं. वे इसी घर में आसपड़ोस के बच्चों को प्राइवेट कोचिंग कराते हैं और यही आजीविका का साधन भी है.



नहीं ली थी कोचिंग

इस घर की दीवारों पर लिखी सूक्तियों से यहां शिक्षा के माहौल का अंदाजा लगाया जा सकता है. 2 कमरे वाले घर के एक कमरे के कोने में एक टेबल पर अब भी कुछ किताबें बिखरी पड़ीं हैं, पूजा ने बताया कि यही वो जगह है. जहां बैठकर 12वीं की परीक्षा के लिए पढ़ाई की. गौर करने वाली बात ये भी है कि इसके लिए उन्होंने कोचिंग नहीं ली थी, स्कूल की पढ़ाई के बाद घर की सेल्फ स्टडीज ने ही इस परिणाम तक पहुंचाया है.


विदेश सेवा में जाना चाहती हैं

अपनी पढ़ाई को लेकर पूजा ने बताया कि हर दिन करीब 6-8 घंटे की पढ़ाई करती थीं. जरूरत के समय केवल कुछ जानकारी के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल किया. लेकिन सोशल मीडिया से अब भी पूरी तरह से दूर हैं. पूजा आगे चलकर भारतीय विदेश सेवा (IFS) में जाना चाहतीं हैं और इसे ध्यान में रखते हुए ही उन्होंने 12वीं के लिए ह्यूमैनिटीज का चुनाव किया था. उन्होंने बताया कि उनकी बहन कोमल झा ने उन्हें इसके लिए प्रेरित कोय था.


बहन ने किया प्रेरित

पूजा की बहन कोमल भी खुद सीविल सेवा की तैयारी कर रहीं हैं. उन्होंने बताया कि पूजा शुरू से पढ़ने में अच्छी रही है. 10वीं में भी उनके 97 फीसदी से ज्यादा नंबर आए थे. इसलिए सभी ने आगे के लिए भी प्रेरित किया. पूजा ने अमर्त्य सेन की एक सूक्ति का उदाहरण देते हुए बताया कि भारत के लिए वर्तमान में शिक्षा कितना जरूरी है और हमें मानव संसाधन के विकास में कितना ध्यान देना चाहिए और इसीलिए उन्होंने भी ये रास्ता चुना है.

नई दिल्ली: वीरेंद्रनाथ झा अपनी दो बेटियों के साथ मयूर विहार फेज-3 के पास शिव विहार खोड़ा में रहते हैं. धूल उड़ाती सड़कों, तंग गलियों और बेतरतीब से मकानों को देखकर सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां विकास की रोशनी का अब भी अभाव है. लेकिन इसी इलाके में किराए के मकान में रहकर अपनी बेटियों को पढ़ाकर उनका जीवन संवारने ने लगे झा के घर में ज्ञान की रौशनी की बखूबी मौजूदगी है.

संघर्ष के सुखद परिणाम की कहानी



12वीं में आए 98.2 फीसदी

सोमवार शाम जब सीबीएसई बोर्ड की ओर से 12वीं का परिणाम घोषित हुआ, तब इस घर की ज्ञान वाली रोशनी में खुशियों का संचार भी हो गया. वीरेंद्रनाथ झा की छोटी बेटी पूजा झा ने 98.2 प्रतिशत नंबरों के साथ 12वीं की परीक्षा पास की है. उन्होंने राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय सूरजमल विहार से पढ़ाई की थी. रिजल्ट की इस खुशी को परिवार ने दही के साथ सेलिब्रिट किया. ईटीवी भारत ने इस परिणाम को लेकर पूजा, उनकी बहन और उनके पिता से बातचीत की.


परिणाम से खुश परिवार

पूजा ने बताया कि उन्हें उनकी एक स्कूल टीचर की ओर से सूचना मिली कि उन्हें उनके विषय ह्यूमैनिटीज में 98.2 प्रतिशत अंक हासिल हुए हैं. पूजा इस परिणाम से बहुत खुश थी और साथ ही खुश थे वे पिता भी, जो बीते 8 सालों से अपनी बेटियों के लिए पिता और मां दोनों का फर्ज अदा कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि 2012 में उनकी पत्नी का देहांत हो गया, तब से परिवार में ये तीन लोग ही हैं. वे इसी घर में आसपड़ोस के बच्चों को प्राइवेट कोचिंग कराते हैं और यही आजीविका का साधन भी है.



नहीं ली थी कोचिंग

इस घर की दीवारों पर लिखी सूक्तियों से यहां शिक्षा के माहौल का अंदाजा लगाया जा सकता है. 2 कमरे वाले घर के एक कमरे के कोने में एक टेबल पर अब भी कुछ किताबें बिखरी पड़ीं हैं, पूजा ने बताया कि यही वो जगह है. जहां बैठकर 12वीं की परीक्षा के लिए पढ़ाई की. गौर करने वाली बात ये भी है कि इसके लिए उन्होंने कोचिंग नहीं ली थी, स्कूल की पढ़ाई के बाद घर की सेल्फ स्टडीज ने ही इस परिणाम तक पहुंचाया है.


विदेश सेवा में जाना चाहती हैं

अपनी पढ़ाई को लेकर पूजा ने बताया कि हर दिन करीब 6-8 घंटे की पढ़ाई करती थीं. जरूरत के समय केवल कुछ जानकारी के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल किया. लेकिन सोशल मीडिया से अब भी पूरी तरह से दूर हैं. पूजा आगे चलकर भारतीय विदेश सेवा (IFS) में जाना चाहतीं हैं और इसे ध्यान में रखते हुए ही उन्होंने 12वीं के लिए ह्यूमैनिटीज का चुनाव किया था. उन्होंने बताया कि उनकी बहन कोमल झा ने उन्हें इसके लिए प्रेरित कोय था.


बहन ने किया प्रेरित

पूजा की बहन कोमल भी खुद सीविल सेवा की तैयारी कर रहीं हैं. उन्होंने बताया कि पूजा शुरू से पढ़ने में अच्छी रही है. 10वीं में भी उनके 97 फीसदी से ज्यादा नंबर आए थे. इसलिए सभी ने आगे के लिए भी प्रेरित किया. पूजा ने अमर्त्य सेन की एक सूक्ति का उदाहरण देते हुए बताया कि भारत के लिए वर्तमान में शिक्षा कितना जरूरी है और हमें मानव संसाधन के विकास में कितना ध्यान देना चाहिए और इसीलिए उन्होंने भी ये रास्ता चुना है.

Last Updated : Jul 14, 2020, 12:46 PM IST
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