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स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तिहाड़ में बंद पाकिस्तानी कैदी भी होंगे रिहा, फैसला लेगा सेंटेंस रिव्यू बोर्ड

दिल्ली सचिवालय में दिल्ली गृह मंत्री सत्येंद्र जैन की अध्यक्षता में सेंटेंस रिव्यू बोर्ड की मीटिंग होगी. जिसमें उम्मीद जताई जा रही है कि अधिक से अधिक कैदियों को रिहा करने का फैसला लिया जाए. इससे पहले एसआरबी की मीटिंग लॉकडाउन के दौरान 11 मई को हुई थी. जिसमें जेसिका लाल हत्याकांड के दोषी मनु शर्मा समेत 19 कैदियों को छोड़ दिया गया था.

Delhi sentence review board
तिहाड़ में बंद पाकिस्तानी कैदी
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Published : Aug 10, 2020, 1:41 PM IST

नई दिल्ली: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तिहाड़ जेल में बंद कितने सजायाफ्ता कैदियों को इस बार रिहा किया जाए, इस संबंध में सेंटेंस रिव्यू बोर्ड यानी (एसआरबी) की बैठक इस सप्ताह होगी. इस बैठक में जेल में बंद 159 से अधिक सजायाफ्ता कैदियों के भाग्य का फैसला लिया जा सकता है. इनमें से ज्यादातर कैदी समय से ज्यादा अपनी सजा काट चुके हैं.

जल्द फैसला लेगा सेंटेंस रिव्यू बोर्ड

बोर्ड मीटिंग में ये पता लगेगा कि किस-किस कैदी को जेल से रिहा किया जाएगा. इसमें पाकिस्तानी कैदियों के नाम भी शामिल हैं. साथ ही प्रियदर्शिनी मट्टू हत्याकांड में सजा काट रहे संतोष सिंह का नाम भी शामिल है. संतोष सिंह तिहाड़ जेल में समय से ज्यादा सजा काट चुका है. इससे पहले संतोष सिंह का नाम कई बार खारिज किया जा चुका है.


पाकिस्तानी आतंकवादी भी हो सकते हैं रिहा

सूत्रों के मुताबिक तिहाड़ जेल की ओर से सेंटेंस रिव्यू बोर्ड के सामने 159 से अधिक कैदियों की लिस्ट रखी जाएगी. जिसमें प्रियदर्शनी मट्टू हत्याकांड में सजा काट रहे संतोष सिंह का नाम भी शामिल है. इसके अलावा एसआरबी की मीटिंग में पाकिस्तानी आतंकवादियों के नाम भी शामिल है.

इनमें अब्दुल रहीम, नसीर महमूद, नजीर खान, अमजद अली समेत कई कैदी के नामों की चर्चा है. ये लोग निर्धारित सजा से अधिक समय तिहाड़ जेल में काट चुके हैं. इनमें अधिकांश सजायाफ्ता हथियार रखने के दोषी हैं. इन आतंकियों ने 23 साल से ज्यादा समय सजा जेल में काट चुके हैं.



दिल्ली सचिवालय में होगी बोर्ड की बैठक

दिल्ली सचिवालय में गृह मंत्री सत्येंद्र जैन की अध्यक्षता में सेंटेंस रिव्यू बोर्ड की मीटिंग होगी. जिसमें उम्मीद जताई जा रही है कि अधिक से अधिक कैदियों को रिहा करने का फैसला लिया जाए. इससे पहले एसआरबी की मीटिंग लॉकडाउन के दौरान 11 मई को हुई थी. जिसमें जेसिका लाल हत्याकांड के दोषी मनु शर्मा समेत 19 कैदियों को छोड़ दिया गया था.


बता दें कि जिन कैदियों का नाम सेंटेंस रिव्यू बोर्ड की मीटिंग में जाता है. उसका दोबारा नाम 6 महीने के बीच होने वाली मीटिंग में नहीं भेजा जाता है. बताया गया है कि 159 कैदियों की लिस्ट में ज्यादातर पुराने कैदी हैं. जिनमें ज्यादातर कैदी समय से ज्यादा सजा काट चुके हैं.

नई दिल्ली: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तिहाड़ जेल में बंद कितने सजायाफ्ता कैदियों को इस बार रिहा किया जाए, इस संबंध में सेंटेंस रिव्यू बोर्ड यानी (एसआरबी) की बैठक इस सप्ताह होगी. इस बैठक में जेल में बंद 159 से अधिक सजायाफ्ता कैदियों के भाग्य का फैसला लिया जा सकता है. इनमें से ज्यादातर कैदी समय से ज्यादा अपनी सजा काट चुके हैं.

जल्द फैसला लेगा सेंटेंस रिव्यू बोर्ड

बोर्ड मीटिंग में ये पता लगेगा कि किस-किस कैदी को जेल से रिहा किया जाएगा. इसमें पाकिस्तानी कैदियों के नाम भी शामिल हैं. साथ ही प्रियदर्शिनी मट्टू हत्याकांड में सजा काट रहे संतोष सिंह का नाम भी शामिल है. संतोष सिंह तिहाड़ जेल में समय से ज्यादा सजा काट चुका है. इससे पहले संतोष सिंह का नाम कई बार खारिज किया जा चुका है.


पाकिस्तानी आतंकवादी भी हो सकते हैं रिहा

सूत्रों के मुताबिक तिहाड़ जेल की ओर से सेंटेंस रिव्यू बोर्ड के सामने 159 से अधिक कैदियों की लिस्ट रखी जाएगी. जिसमें प्रियदर्शनी मट्टू हत्याकांड में सजा काट रहे संतोष सिंह का नाम भी शामिल है. इसके अलावा एसआरबी की मीटिंग में पाकिस्तानी आतंकवादियों के नाम भी शामिल है.

इनमें अब्दुल रहीम, नसीर महमूद, नजीर खान, अमजद अली समेत कई कैदी के नामों की चर्चा है. ये लोग निर्धारित सजा से अधिक समय तिहाड़ जेल में काट चुके हैं. इनमें अधिकांश सजायाफ्ता हथियार रखने के दोषी हैं. इन आतंकियों ने 23 साल से ज्यादा समय सजा जेल में काट चुके हैं.



दिल्ली सचिवालय में होगी बोर्ड की बैठक

दिल्ली सचिवालय में गृह मंत्री सत्येंद्र जैन की अध्यक्षता में सेंटेंस रिव्यू बोर्ड की मीटिंग होगी. जिसमें उम्मीद जताई जा रही है कि अधिक से अधिक कैदियों को रिहा करने का फैसला लिया जाए. इससे पहले एसआरबी की मीटिंग लॉकडाउन के दौरान 11 मई को हुई थी. जिसमें जेसिका लाल हत्याकांड के दोषी मनु शर्मा समेत 19 कैदियों को छोड़ दिया गया था.


बता दें कि जिन कैदियों का नाम सेंटेंस रिव्यू बोर्ड की मीटिंग में जाता है. उसका दोबारा नाम 6 महीने के बीच होने वाली मीटिंग में नहीं भेजा जाता है. बताया गया है कि 159 कैदियों की लिस्ट में ज्यादातर पुराने कैदी हैं. जिनमें ज्यादातर कैदी समय से ज्यादा सजा काट चुके हैं.

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