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दिल्ली हिंसाः 85 वर्षीय अकबरी बेगम की हत्या के आरोपी की जमानत याचिका खारिज

दिल्ली हिंसा के समय भजनपुरा के 85 वर्षीय अकबरी बेगम की हत्या के आरोपी विशाल सिंह ऊर्फ पवन की जमानत याचिका को कड़कड़डूमा कोर्ट ने खारिज कर दिया है. कोर्ट ने पिछले जून महीने में भी एक आरोपी रवि कुमार ऊर्फ अमित की जमानत याचिका खारिज कर दिया था.

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दिल्ली दंगा कड़कड़डूमा कोर्ट
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Published : Oct 21, 2020, 10:12 PM IST

Updated : Nov 18, 2020, 6:10 PM IST

नई दिल्लीः कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली हिंसा के मामले में भजनपुरा के 85 वर्षीय अकबरी बेगम की हत्या के आरोपी विशाल सिंह ऊर्फ पवन की जमानत याचिका खारिज कर दिया है. एडिशनल सेशंस जज विनोद यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई सुनवाई के बाद ये आदेश दिया. अकबरी बेगम की 25 फरवरी को हत्या हुई थी.

अकबरी बेगम की हत्या के आरोपी की जमानत याचिका खारिज

इसके पहले भी कड़कड़डूमा कोर्ट ने पिछले 6 अगस्त को इस मामले के चार आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दिया था. पिछले जून महीने में भी एक आरोपी रवि कुमार ऊर्फ अमित की जमानत याचिका खारिज कर दिया था. अकबरी बेगम की हत्या 25 फरवरी को की गई थी.

चार्जशीट में कहा गया है कि दंगाईयों की भीड़ ने अकबरी बेगम के गामरी रोड स्थित चार मंजिले घर में आग लगा दिया. अकबरी बेगम के परिवार वाले मकान की छत पर चले गए, लेकिन वो नहीं जा सकी. अकबरी बेगम की मौत दम घुटने से मकान की दूसरी मंजिल पर हो गई. अग्निशमन दल ने जब आग बुझाई तब अकबरी बेगम का शव बिस्तर से निकाला गया.

बेटे की शिकायत पर दर्ज किया था केस

पुलिस ने अकबरी बेगम के बेटे की शिकायत पर केस दर्ज किया था. चार मंजिले मकान की पहली मंजिल पर कपड़े का वर्कशॉप था. अकबरी बेगम का परिवार मकान के दूसरे और तीसरे मंजिल पर रहता था. केस दर्ज होने के बाद ये केस एसआईटी को ट्रांसफर कर दिया गया.

इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था. वीडियो बनाने वाले लोगों के मोबाइल का पता लगाकर उनकी जांच की गई. एसआईटी ने उन पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज किए, जिन्होंने अकबरी बेगम के परिवार वालों को बचाया. दूसरे गवाहों के भी बयान दर्ज किए गए.

नई दिल्लीः कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली हिंसा के मामले में भजनपुरा के 85 वर्षीय अकबरी बेगम की हत्या के आरोपी विशाल सिंह ऊर्फ पवन की जमानत याचिका खारिज कर दिया है. एडिशनल सेशंस जज विनोद यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई सुनवाई के बाद ये आदेश दिया. अकबरी बेगम की 25 फरवरी को हत्या हुई थी.

अकबरी बेगम की हत्या के आरोपी की जमानत याचिका खारिज

इसके पहले भी कड़कड़डूमा कोर्ट ने पिछले 6 अगस्त को इस मामले के चार आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दिया था. पिछले जून महीने में भी एक आरोपी रवि कुमार ऊर्फ अमित की जमानत याचिका खारिज कर दिया था. अकबरी बेगम की हत्या 25 फरवरी को की गई थी.

चार्जशीट में कहा गया है कि दंगाईयों की भीड़ ने अकबरी बेगम के गामरी रोड स्थित चार मंजिले घर में आग लगा दिया. अकबरी बेगम के परिवार वाले मकान की छत पर चले गए, लेकिन वो नहीं जा सकी. अकबरी बेगम की मौत दम घुटने से मकान की दूसरी मंजिल पर हो गई. अग्निशमन दल ने जब आग बुझाई तब अकबरी बेगम का शव बिस्तर से निकाला गया.

बेटे की शिकायत पर दर्ज किया था केस

पुलिस ने अकबरी बेगम के बेटे की शिकायत पर केस दर्ज किया था. चार मंजिले मकान की पहली मंजिल पर कपड़े का वर्कशॉप था. अकबरी बेगम का परिवार मकान के दूसरे और तीसरे मंजिल पर रहता था. केस दर्ज होने के बाद ये केस एसआईटी को ट्रांसफर कर दिया गया.

इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था. वीडियो बनाने वाले लोगों के मोबाइल का पता लगाकर उनकी जांच की गई. एसआईटी ने उन पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज किए, जिन्होंने अकबरी बेगम के परिवार वालों को बचाया. दूसरे गवाहों के भी बयान दर्ज किए गए.

Last Updated : Nov 18, 2020, 6:10 PM IST
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