नई दिल्ली: दिल्ली में गुरुवार से दिल्ली रोबोटिक्स लीग और एचई-21 प्रदर्शनी की शुरुआत हो गई है. त्यागराज स्टेडियम में कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. दो दिवसीय लीग एवं प्रदर्शनी में 38 स्कूलों की 68 टीमें हिस्सा ले रही है. इस दौरान रोबो कंचा थीम पर छात्रों ने मॉडल पेश किए और सात एचई-21 स्कूलों के 90 छात्रों ने प्रदर्शनी में अपने 26 प्रोजेक्ट्स प्रस्तुत किए. मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनी का भ्रमण कर बच्चों द्वारा किए गए नए इनोवेशन के बारे में जानकारी ली.
मुख्यमंत्री हर स्टॉल पर गए और बच्चों से उनके इनोवेशन के बारे में जाना. छात्रों ने मुख्यमंत्री से अपने प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी साझा की. प्रदर्शनी में यह दिखाया गया कि किस तरह से हमारे भविष्य को बेहतर बनाया जा सकता है. उसको लेकर बच्चों ने अपने प्रयास की झलक पेश की. इस दौरान विदेश से आया एक प्रतिनिधि मंडल भी मौजूद था. उन्होंने बच्चों द्वारा किए गए इनोवेशन को काफी सराहा.
फ्यूचर फॉरवर्ड प्रदर्शनी: एचई-21 स्कूलों के छात्र 6 टेस्टर पाठ्यक्रम पढ़ते हैं, जिसमें रोबोटिक्स, डिजिटल मीडिया और डिजाइन, फैशन, फाइनेंस, इलेक्ट्रो मैकेनिकल प्रोडक्शन और कोडिंग शामिल हैं. फ्यूचर फॉरवर्ड प्रदर्शनी छात्रों की क्रिएशन को प्रस्तुत करने के लिए एक एग्जीबिशन है, जो इन पाठ्यक्रमों के जरिए मिलने वाले ज्ञान का इस्तेमाल करके 21वीं सदी की वास्तविक दुनिया की समस्याओं के समाधान को दर्शाएंगी.
फ्यूचर फॉरवर्ड प्रदर्शनी में प्रदर्शित होंगे ये प्रोजेक्ट्स:
इलेक्ट्रिक ईगल मोबाइल एप: छात्रों द्वारा डिजाइन किया गया इलेक्ट्रिसिटी सेविंग मोबाइल एप ऊर्जा खपत पर विस्तृत जानकारी देने में मदद करता है. रियल टाइम मॉनिटरिंग, पर्सनल रिकमेंडक्शन और एनर्जी सेविंग के लिए टिप्स भी देता है.
स्मार्ट एआई वाला चश्मा: यह एक ऐसा चश्मा है, जो फेस ब्लाइंडनेस की दुर्लभ बीमारी से पीड़ित लोगों की मदद के लिए डिज़ाइन किया गया है. ये चश्मा यूजर के सामने खड़े किसी भी व्यक्ति के फेस को पहचान सकता हैं और ब्लूटूथ इयरफोन के माध्यम से यूजर का नाम बता सकते हैं.
वॉयस एक्टिवेटेड व्हीलचेयर: इसे दिव्यांग और बुजुर्गों के लिए डिज़ाइन किया गया है, ताकि एक समावेशी समाज बन सके.
फायर फाइटिंग बॉट: ऑटोमेटिक काम करने वाले बॉट आग का पता लगाने और उसे बुझाने के लिए डिज़ाइन किया गया हैं. इसका उद्देश्य आग की दुर्घटनाओं को रोकना और सुरक्षित शहरी स्थान बनाना है.
क्रिप्टोकरेंसी (भविष्य के लिए समाधान): क्रिप्टोकरेंसी कैसे विकसित होती है, दुनिया भर में इसका असर और वितरण कैसे होता है और यह ब्लॉकचेन के इस्तेमाल को दर्शाता है.
ऑटोमेटेड हाइड्रोपोनिक सिस्टम: स्मार्ट खेती को बढ़ावा देने और हरित भविष्य के लिए गैर-पारंपरिक तरीकों को अपनाने के विचार के साथ डिज़ाइन किया गया है.
दिल्ली से 287 टीमों ने किया था आवेदन: दिल्ली रोबोटिक्स लीग की थीम और वेबसाइट को 16 दिसंबर को लॉन्च किया गया था. इसके बाद इस प्रतियोगिता में स्टूडेंट्स की भागीदारी के लिए दिल्ली के सभी स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस में 30 से अधिक बूट कैंप लगाए थे. शिक्षा निदेशालय को इस प्रतियोगिता के लिए 287 आवेदन प्राप्त हुए थे.
'रोबो कंचा' की थीम पर पेश किए मॉडल: कंचा भारत में एक पारंपरिक खेल के तौर पर खेला जाता रहा है. इस बार दिल्ली शिक्षा विभाग ने रोबोटिक्स लीग की थीम ऐसी रखी है कि छात्र सहयोगात्मक मानसिकता के साथ काम करें. इस प्रतियोगिता का उद्देश्य यही रखा गया है कि छात्र समस्या को हल करने की सोच के साथ काम करें. इसके लिए गेमिंग का कॉन्सेप्ट, रोबोट की डिजाइनिंग और निर्माण, टेस्टिंग, डिबगिंग को बढ़ावा देकर एक विजयी रणनीति लाने पर जोर दिया गया है. रोबोटिक्स लीग छात्रों को टीम भावना के साथ काम करने का मौका देती है. इसके साथ उन्हें इंडस्ट्री के लिए भी तैयार करती है, ताकि वे समाज में मौजूद समस्याओं का वास्तविक हल निकाल सकें.
2022 में हुई दिल्ली रोबोटिक्स लीग की शुरुआत: दिल्ली रोबोटिक्स लीग भारत की पहली राज्य स्तरीय रोबोटिक्स प्रतियोगिता है. जहां स्कूली बच्चों के बीच प्रतियोगिता के माध्यम से उनकी कौशलता को बढ़ाने का अवसर दिया जा रहा है. स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस ने आईआईटी दिल्ली के आई-हब फाउंडेशन फॉर कोबोटिक्स टेक्नोलॉजी हब के साथ मिलकर दिसंबर 2022 में दिल्ली रोबोटिक्स लीग की शुरुआत की थी.
उच्च स्तर की प्रतियोगिता देश में कहीं नहीं की गई: केजरीवाल ने कहा कि पूरे देश में शायद पहली बार दिल्ली में स्कूल स्तर पर रोबोटिक्स के क्षेत्र में कंपटिशन करने के बाद स्टेट स्तर पर कंपटिशन किया जा रहा है. इस तरह की उच्च स्तर की प्रतियोगिता देश में कहीं नहीं की गई. इस प्रतियोगिता में सबसे ज्यादा दिल्ली सरकार के स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सिलेंस (एसओएसई) के स्कूल हैं. मुझे यह कहते हुए बड़ी खुशी हो रही है कि आप की सरकार बनने के 8 साल बाद पूरी दुनिया के अंदर सबसे अच्छी शिक्षा आज हमारे दिल्ली के सरकारी स्कूलों में मिल रही है.
स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एजुकेशन में रोबोटिक्स जैसे विषय: शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा आयोजित की जाने वाली अपनी तरह की अनूठी प्रतियोगिता है. 8-9 साल पहले तक किसी ने भी ऐसे दिन की कल्पना नहीं की होगी, जब दिल्ली सरकार के छात्र रोबोटिक्स प्रतियोगिता में भाग लेंगे. लेकिन आज, हम दिल्ली रोबोटिक्स लीग के अंतिम दौर की मेजबानी कर रहे हैं. इस प्रतियोगिता में भाग लेने से छात्रों को रोबोटिक्स में अपने कौशल को विकसित करने और प्रदर्शित करने का अवसर मिलता है, जो 21वीं सदी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. रोबोटिक्स में अपनी भागीदारी के माध्यम से छात्र क्रिटिकल थिंकिंग, प्रॉब्लम सोल्विंग स्किल्स के साथ टीम में काम करना भी सीख रहे है.
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