नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हिंसा के मामले में यूएपीए के तहत जेल में बंद पिंजरा तोड़ संगठन की सदस्य देवांगन कलीता की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि उसने ये नैरेटिव तैयार किया था कि दंगों के पीछे बीजेपी नेता कपिल मिश्रा थे. दिल्ली पुलिस ने कड़कड़डूमा कोर्ट से कहा कि कलीता ने कपिल मिश्रा के इस नैरेटिव को वायरल किया था, ताकि लोग इसे सच मानने लगें.
'कलीता ने कपिल मिश्रा के खिलाफ नैरेटिव तैयार किया'
सुनवाई के दौरान जब कलीता की ओर से पेश वकील अदीत एस पुजारी ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि कपिल मिश्रा दंगों को भड़काने वालों में थे. तब दिल्ली पुलिस की ओर से वकील अमित प्रसाद ने कहा कि कलीता ने पहले इसे लेकर नैरेटिव तैयार किया ताकि लोग समझने लगें कि कपिल मिश्रा ही दंगों के पीछे थे और अभियोजन एक समुदाय के खिलाफ काम कर रही है. आरोपी मीडिया रिपोर्ट का हवाला इसलिए दे रहे हैं ताकि उसके पीछे छिपा जा सके.
'हर मैसेज को चार्जशीट में नहीं रखा जा सकता है'
अमित प्रसाद ने आरोपी की ओर से दिल्ली पुलिस पर सेलेक्टिव मैसेजेज को कोर्ट के सामने रखने के आरोप पर कहा कि हर मैसेज को चार्जशीट में नहीं रखा जा सकता है. अमित प्रसाद ने कहा कि कलीता ये नहीं कह सकती हैं कि उनका मामला शरजील इमाम से अलग है और दोनों के रास्ते अलग हैं.
'पुलिस ने जानबूझकर अधूरा दस्तावेज पेश किया'
पिछले 4 दिसंबर को देवांगन कलीता कीीओर से कहा गया था कि दिल्ली पुलिस ने उसके खिलाफ पक्षपातपूर्ण जांच की है. सुनवाई के दौरान अदीत एस पुजारी ने कहा था कि चार्जशीट के साथ जो जब्ती फाईल है वो अधूरी है और पुलिस ने ऐसा जानबूझकर किया है ताकि पुलिस ये कह सके कि जहांगीरपुरी से जाफराबाद करीब तीन सौ महिलाएं पहुंचीं और उन्होंने हिंसा को अंजाम दिया.
पुजारी ने कहा था कि दिल्ली पुलिस ये कह रही है कि कलीता के उकसावे पर ये महिलाएं एसिड और मिर्च पाउडर के साथ आई थीं और हिंसा को अंजाम दिया.
पुलिस पर सेलेक्टिव मैसेज कोर्ट के सामने रखने का आरोप
पुजारी ने कहा था कि दिल्ली पुलिस ने सेलेक्टिव मैसेजेज को कोर्ट के सामने रखा और उन मैसेजेज के बारे में अंधेरे में रखा है कि नागरिकता संशोधन कानून के पक्ष में भी विरोध प्रदर्शन चल रहे थे. पुलिस का यह रवैया पक्षपातपूर्ण है. उन्होंने पुलिस अधिकारियों के उस मैसेज का जिक्र किया था जिसमें कहा गया है कि पत्थरबाजी थम गई है और स्थिति नियंत्रण में है.
ये मैसेज उस मैसेज के जवाब में था जिसमें कहा गया था कि मौजपुर में एक रैली में पत्थरबाजी हो रही है. उन्होंने कहा था कि पुलिस ने इन मैसेजेज को कोर्ट के सामने रखने की बजाय ये कहा कि जहांगीरपुरी से महिलाओं ने आकर हिंसा की.
पुलिस ने महिलाओं को रोकने की कोशिश क्यों नहीं की
पुजारी ने कहा था कि कलीता जहां बैठी हुई थी वहां पुलिस भी बैठी हुई थी. अगर ये आरोप सही है कि महिलाओं का नेतृत्व कलीता ने किया और मिर्च पावडर और एसिड की बोतलें फेंकी गई तो पुलिस ने एक बार भी उन्हें रोकने की कोशिश क्यों नहीं की. दिल्ली पुलिस के सभी लोग इन महिलाओं से नहीं डर सकते थे और अपराध करने देते. उन्होंने कहा था कि अधूरे दस्तावेज के आधार पर दिल्ली पुलिस कैसे भरोसा कर सकती है.
पिंजरा तोड़ संगठन से जुड़ी है कलीता
देवांगन कलीता पिंजरा तोड़ संगठन से जुड़ी हुई हैं. कलीता पर आरोप है कि उसने पिछले 22 फरवरी को जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास सड़क जाम करने के लिए लोगों को उकसाया था. बता दें कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में 53 लोग मारे गए थे और करीब दो सौ लोग घायल हो गए थे.