नई दिल्ली: राजधानी में आगामी 7 सितंबर से मेट्रो सेवा शुरू होने जा रही है. इसके लिए जहां एक तरफ दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने तैयारी पूरी कर ली है तो वहीं दिल्ली पुलिस भी सुरक्षा से लेकर गाइडलाइंस का पालन कराने के लिए पूरी तरीके से तैयार है. इस बार मेट्रो का परिचालन होने पर मेट्रो पुलिस ना केवल अपराधियों पर बल्कि ऐसे यात्रियों पर भी नजर रखेगी, जो गाइडलाइंस का उल्लंघन कर रहे हैं. इनके चालान भी किये जायेंगे.
मेट्रो डीसीपी जितेंद्र मणि त्रिपाठी ने बताया कि दिल्ली मेट्रो में मुख्य रूप से तीन एजेंसियां काम करती है. मेट्रो परिचालन का काम डीएमआरसी संभालती है. वहीं अंदर और बाहर की सुरक्षा व्यवस्था केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल(CISF) एवं दिल्ली पुलिस द्वारा संभाली जाती है. मेट्रो परिचालन को केंद्र सरकार की तरफ से मंजूरी मिल गई है. इसे ध्यान में रखते हुए डीएमआरसी और सीआईएसफ के साथ दिल्ली पुलिस की बैठक हुई है. इसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं. यह तय किया गया है कि किस तरीके से सुरक्षा और कोरोना को ध्यान में रखते हुए मेट्रो का परिचालन किया जाएगा.
'अपराधियों पर रहेगी खास नजर'
डीसीपी जितेंद्र मणि ने बताया कि मेट्रो परिचालन बंद होने के बाद से इसमें सक्रिय होने वाले अपराधी भी खाली हैं. ऐसे में संभावना है कि मेट्रो परिचालन शुरू होने के साथ ही यह अपराधी भी मेट्रो में वारदात करने के लिए सक्रिय होंगे. इसे ध्यान में रखते हुए उनकी तरफ से सभी पुलिसकर्मियों को ब्रीफ किया गया है. इसके साथ ही मेट्रो में आए दिन वारदात करने वाले अपराधियों की तस्वीरें भी उनके साथ साझा की गई है ताकि अगर किसी भी मेट्रो स्टेशन पर ऐसे बदमाश दिखे तो उन्हें तुरंत पकड़ा जाए. उन्होंने बताया कि मुख्य तौर पर चोरी और ठगी की वारदात मेट्रो स्टेशन में होती है, जिन्हें लेकर पुलिसकर्मियों को अलर्ट रहने की सलाह दी गई है.
'गाइडलाइंस पालन कराने पर जोर'
डीसीपी जितेंद्र मणि ने बताया कि एक तरफ जहां अपराधियों को लेकर पुलिस काम करेगी तो वहीं दूसरी तरफ सरकार द्वारा तय की गई गाइडलाइंस का पालन कराने के लिए भी वह काम करेंगे. उन्होंने पुलिस के जवानों को सलाह दी है कि वह यात्रियों से दूरी बनाते हुए अपना काम करें. सोशल डिस्टेंसिंग का खुद भी पालन करें. उन्हें मास्क एवं सैनिटाइजर दिए जाएंगे ताकि वह अपनी सुरक्षा करते हुए पुलिस की जिम्मेदारी निभा सकें. उन्हें यह निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें जो सरकार द्वारा तय की गई गाइडलाइंस का उल्लंघन कर रहे हैं.