नई दिल्ली: राजधानी से कई बार ऐसी ख़बरें आती हैं जब दिल्ली पुलिस की तारीफ होती है. दिल्ली पुलिस की पीसीआर लंदन, स्पेन, हांगकांग और टोक्यो जैसे शहरों से भी बेहतर सेवा राजधानी में दे रही है.
दिल्ली पुलिस की पीसीआर को रोजाना औसतन 60 हजार कॉल मिलती है. इनमें से 78 फीसदी कॉल में पांच मिनट से कम समय में पीसीआर की टीम मौके पर पहुंचती है. वहीं अधिकांश यूरोपीय देशों में पीसीआर को मौके पर पहुंचने में औसतन 10 से 15 मिनट लग जाते हैं.
महज 5 मिनट में मौके पर पहुंच जाती है दिल्ली पुलिस
जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस लगभग 78 फीसदी कॉल पर महज पांच मिनट के भीतर मौके पर पहुंच जाती है जो अपने आप में बड़ी उपलब्धि है. लंदन में कॉल होने से लेकर मौके पर पहुंचने तक में वहां की पुलिस को लगभग 15 मिनट का समय लग जाता है.
टोक्यो पुलिस को औसतन 11 मिनट, हांगकांग पुलिस को 9 मिनट जबकि स्पेन पुलिस को 8 मिनट लगते हैं. यह आंकड़े दर्शाते हैं कि किस तरह से दिल्ली पुलिस की पीसीआर कई यूरोपीय देशों से बेहतर सेवा राजधानी में दे रही हैं.
पांच साल में ढाई गुना हुई पीसीआर कॉल
राजधानी में पीसीआर कॉल अटेंड करना कितनी बड़ी चुनौती है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता कि बीते पांच सालों में पीसीआर कॉल की संख्या ढाई गुना से ज्यादा हो गई है.
साल 2015 में जहां एक दिन में 22500 कॉल पीसीआर को मिलती थी, वहीं साल 2019 में रोजाना औसतन 60 हजार कॉल पीसीआर को मिलती हैं. लेकिन इसके बावजूद पीसीआर कॉल अटेंड करने में पीसीआर लगातार सुधार कर रही है.
दिल्ली पुलिस का प्रयास है कि वह प्रत्येक कॉल पर पांच मिनट से कम समय में पहुंचे ताकि समय पर पीड़ित को मदद मिल सके.
65 हजार घायलों को पहुंचाती है अस्पताल
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पीसीआर की टीम न केवल कॉल अटेंड करती है बल्कि घायलों को अस्पताल भी पहुंचाती है.एक साल में छोटे-बड़े सड़क हादसों में घायल होने वाले 65 हजार से ज्यादा लोगों को पीसीआर की गाड़ी अस्पताल पहुंचाती है.
इसके अलावा कई बार अपराधियो को पकड़ने में भी महत्वपूर्ण भूमिका पीसीआर द्वारा निभाई जाती है.
नए कंट्रोल रूम से बढ़ेगी जिम्मेदारी
पुलिस के अनुसार पीसीआर का नया कंट्रोल रूम हैदरपुर में बना लिया गया है. यहां पर पुलिस के अलावा दमकल और एम्बुलेंस के लिए भी कॉल आएंगी. इसके लिए यूरोपीय देशों की तरह इमरजेंसी सेवाओं के लिए नई हेल्पलाइन नंबर 112 होगी.
पुलिस का मानना है कि इसकी शुरुआत होने से पीसीआर पर दबाव पड़ेगा लेकिन इसके बावजूद वह बेहतर प्रदर्शन करेंगे.