नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने गुमशुदा व्यक्तियों की रिपोर्ट दर्ज करने के लिए ऐप लांच करने पर दिल्ली पुलिस की प्रशंसा की है. जस्टिस मनमोहन और जस्टिस संगीता ढींगरा सहगल की बेंच ने कहा कि इससे गुमशुदा व्यक्तियों को ढूंढ़ने में होनेवाली देरी को रोकने में मदद मिलेगी.
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने बताया कि उसने गुमशुदा व्यक्तियों की रिपोर्ट दर्ज करने के लिए पिछले 13 सितंबर को मोबाइल ऐप लांच किया. ये ऐप दिल्ली पुलिस की वेबसाईट (www.delhipolice.nic.in) पर सिटिजन सर्विसेज के लिंक पर जाने के बाद मिल जाएगा.
SMS, ई-मेल और व्हाट्सएप के जरिये गुमशुदा लोगों की सूचना
पिछले 21 जून को हाईकोर्ट के निर्देश के बाद दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से कहा था कि वो तीन महीने में गुमशुदा लोगों के मामले में एसएमएस, ई-मेल और व्हाट्सएप के जरिये ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करने की सेवा शुरु करेगी. दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट को सौंपे अपने स्टेटस रिपोर्ट में कहा था कि गुमशुदा लोगों की सूचना दिल्ली पुलिस के वेबसाइट के जरिए दर्ज की जाएगी.
दिल्ली पुलिस ने कहा था कि ऑनलाइन शिकायत से मिली सूचना के आधार पर उसके लिए जांच अधिकारी मार्क कर दिया जाएगा. शिकायत जिस इलाके की होगी उस इलाके के थाने के एसएचओ ये सुनिश्चित करेंगे कि संबंधित शिकायत पर एफआईआर दर्ज कराई जाए. इसके साथ-साथ शिकायतकर्ता को जांच की प्रगति रिपोर्ट हर 24 घंटे में उसके मोबाइल पर दी जाएगी.
पिछले 24 मई को हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था कि वो गुमशुदा लोगों के मामले में एसएमएस, ई-मेल और व्हाट्सएप के जरिये एफआईआर दर्ज करने की अनुमति देने पर विचार करें. कोर्ट ने कहा था कि इससे समय की बचत होगी और जल्द जांच हो सकेगी.
4 अगस्त की FIR 28 दिसंबर को दर्ज
दरअसल एक महिला ने शिकायत की थी कि उसने अपने पति के गायब होने की सूचना पुलिस को दी थी लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. महिला ने कहा था कि 4 अगस्त 2018 को मातृ और उसके कुछ सहयोगियों ने उसके पति का अपहरण किया था. महिला ने पुलिस आयुक्त के पास अपने प्रतिनिधि भेजती रही लेकिन एफआईआर 28 दिसंबर 2018 को दर्ज किया गया.
महिला की इस शिकायत को हाईकोर्ट ने याचिका में तब्दील करते हुए सुनवाई की. कोर्ट ने कहा कि पुलिस तब सक्रिय हुई जब महिला ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. हाईकोर्ट ने पुलिस की निष्क्रियता पर नाराजगी जताते हुए कहा कि बहुमूल्य समय बर्बाद कर दिया गया. हाईकोर्ट ने पिछले 26 मार्च को इस केस को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को जांच के लिए सौंपने का आदेश दिया.
उसके बाद क्राइम ब्रांच ने पिछले 13 मई को स्टेटस रिपोर्ट सौंपा. स्टेटस रिपोर्ट पर गौर करते हुए कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि गुमशुदा लोगों के बारे में एसएमएस, ई-मेल और व्हाट्सएप के जरिये एफआईआर दर्ज करने पर विचार करे. कोर्ट ने कहा कि अगर जांच के बाद गुमशुदा व्यक्ति मिल जाता है तो एफआईआर रद्द कर दिया जा सकता है.