नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में युवाओं को नशे और अपराध से दूर रखने के लिए दिल्ली पुलिस 'युवा' नाम से एक कार्यक्रम चलाती है. इस कार्यक्रम के तहत जेजे क्लस्टर इलाके में रहने वाले युवाओं को दिल्ली पुलिस तीन से छह महीने का रोजगार संबंधी प्रशिक्षण देती है.
नशे की वजह से बच्चे रखते हैं अपराध में कदम
दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि कई बार यह देखने में आता है कि जेजे क्लस्टर में रहने वाले युवा नशे और अपराध की तरफ कदम बढ़ा देते हैं. एक बार अगर बच्चे को नशे की लत लग गई तो वह इसे पूरा करने के लिए अपराध की तरफ चला जाता है.
ऐसे बच्चों को चिन्हित करने के साथ ही दिल्ली पुलिस उन्हें अपने 'युवा' कार्यक्रम से जोड़ती है. उन्हें इस लायक बनाती है कि वह अपने इलाके में रोल मॉडल बने और वहां के अन्य युवा भी उनकी तरह बनना चाहें.
22 पुलिस थानों में मिल रहा प्रशिक्षण
संयुक्त आयुक्त देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि दो साल पहले उपराज्यपाल अनिल बैजल के निर्देश पर शुरु किये गए युवा कार्यक्रम को फिलहाल 22 थानों में चलाया जा रहा है. खुद पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक इसकी निगरानी करते हैं. 22 थानों में राह भटक गए युवाओं को सही रास्ते पर लाने के लिए कौशल विकास योजना के तहत उन्हें प्रशिक्षण दिया जाता है.
फिलहाल दिल्ली पुलिस 16 कोर्स में उन्हें प्रशिक्षण देती है. प्रशिक्षण देने के बाद उन्हें दिल्ली पुलिस के साथ जुड़ी हुई कंपनियों में रोजगार मेला लगाकर नौकरी भी दिलवाई जाती है.
उन्होंने बताया कि बीते दो सालों में ऐसे पांच हजार से ज्यादा युवाओं की दिल्ली पुलिस ने कंपनी में नौकरी लगवाई है.
नशे से दूर रहेंगे युवा तो बढ़ेगा आगे देश
संयुक्त आयुक्त देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि किसी भी प्रकार का नशा बुरा होता है. इसलिए वह युवाओं से अपील करेंगे कि ड्रग्स हो या शराब, उन्हें प्रत्येक नशे से दूर रहना चाहिए. अगर उन्हें नशे से जुड़ी किसी भी प्रकार की जानकारी मिले तो वह तुरंत इसे सांझा करें ताकि पुलिस कार्रवाई कर सके. राजधानी में नशे के प्रति दिल्ली पुलिस जीरो टॉलरेंस रखती है.