नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में दो अलग-अलग जगहों पर परिवार से बिछड़ गई बच्चियों को पीसीआर की टीम ने उनके परिवार से मिलवा दिया. यह घटनाएं पालम के राजनगर और पटेल नगर इलाके में हुईं. वहीं एक अन्य मामले में रणहौला इलाके में खुदकुशी कर रहे शख्स को पीसीआर ने कमरे का दरवाजा तोड़कर बचा लिया.
पुलिस ने ऐसे की सहायता
डीसीपी शरत सिन्हा के अनुसार शाम के समय पीसीआर वैन में तैनात एसआई जितेंद्र प्रकाश और सिपाही रविन्द्र को सूचना मिली कि राजनगर स्थित वाल्मीकि मंदिर के पास एक बच्ची अकेली घूम रही है.
मौके पर पहुंची पुलिस को 3 साल की बच्ची मिली. वह बेहद परेशान थी और अपने परिवार के बारे में कोई जानकारी नहीं दे पा रही थी. पीसीआर की टीम ने बच्ची को गोद में उठाकर दुलार किया और उसे लेकर परिजनों की तलाश शुरू की.
कुछ ही देर में मिल गया परिवार
पुलिस टीम पीसीआर वैन के माध्यम से अनाउंसमेंट करते हुए उसके परिजनों की तलाश रही थी. इस दौरान जब वह राज नगर पार्ट-2 के सी-ब्लॉक में पहुंचे तो वहां एक परिवार उनके पास आया और उन्होंने बच्ची की पहचान की. उन्होंने बताया कि यह उनकी बेटी है. बच्ची ने भी उनकी पहचान कर ली जिसके बाद लोकल पुलिस के माध्यम से बच्ची उन्हें सौंप दी गई.
लापता बच्ची को परिजनों से मिलवाया
सुबह के समय पीसीआर में तैनात एएसआई अशोक और सिपाही रामजी लाल को कॉल मिली कि पश्चिमी पटेल नगर के पास एक बच्ची अकेली है. मौके पर पहुंची पुलिस को कॉल करने वाले शख्स ने तीन वर्षीय बच्ची सौंपी.
यह बच्ची रो रही थी और अपने परिवार के बारे में कोई जानकारी नहीं दे पा रही थी. पुलिसकर्मियों ने बच्ची को अपने साथ गाड़ी में बिठाया और उसके परिजनों की तलाश शुरू की. पुलिस जब बलजीत नगर पहुंची तो बच्ची ने एक गली की तरफ इशारा किया. पुलिस को वहां बच्ची का पिता मिल गया. इसके बाद लोकल पुलिस के सहयोग से बच्ची परिजनों को सौंप दी गई.
खुदकुशी कर रहे व्यक्ति की बचाई जान
वहीं दिल्ली के बापरौला गांव में सुबह के समय पीसीआर वैन में तैनात सिपाही राकेश और अमित को सूचना मिली कि बापरौला गांव में एक व्यक्ति शराब के नशे में फांसी लगा रहा है. पीसीआर टीम मौके पर पहुंची जहां 55 वर्षीय महिला उन्हें मिली.
उसने बताया कि व्यक्ति कमरा बंद कर अंदर फांसी लगाने की धमकी दे रहा है. उन्होंने खिड़की से देखा कि अंदर एक शख्स पंखे से फांसी का फंदा लगा रहा है. दरवाजा तोड़कर वह तुरंत अंदर घुसे और इस व्यक्ति को खुदकुशी करने से बचा लिया. उसे रणहौला पुलिस के हवाले कर दिया गया है.