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भारतीयों के मोबाइल में सेंध लगा हो रहा एक्सटॉर्शन, वारदात का मास्टरमाइंड निकला चीन - Delhi Police busted international thugs and extortionist gang

भारतीय नागरिकों के मोबाइल में लोन ऐप के जरिये घुसकर ठगी एवं जबरन उगाही करने वाले एक गैंग का साइबर सेल (इफ़्सो) ने पर्दाफाश किया है. इस गैंग के 8 आरोपियों को अलग-अलग राज्यों से गिरफ्तार किया गया है. इस जालसाजी एवं जबरन उगाही के पीछे चीनी नागरिकों का हाथ होने के साक्ष्य मिले हैं. ठगी की यह रकम क्रिप्टो करेंसी की शक्ल में उनके खातों में भारत से भेजी जा रही है. यह गैंग महिलाओं की फोटो से छेड़छाड़ कर उनसे भी जबरन उगाही करता था.

Delhi Police busted international thugs and extortionist gang connections with China
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Published : Apr 3, 2022, 3:05 PM IST

Updated : Apr 3, 2022, 9:39 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय नागरिकों के मोबाइल में लोन ऐप के जरिये घुसकर ठगी एवं जबरन उगाही करने वाले एक गैंग का साइबर सेल (इफ़्सो) ने पर्दाफाश किया है. इस गैंग के 8 आरोपियों को अलग-अलग राज्यों से गिरफ्तार किया गया है. इस जालसाजी एवं जबरन उगाही के पीछे चीनी नागरिकों का हाथ होने के साक्ष्य मिले हैं. ठगी की यह रकम क्रिप्टो करेंसी की शक्ल में उनके खातों में भारत से भेजी जा रही है. यह गैंग महिलाओं की फोटो से छेड़छाड़ कर उनसे भी जबरन उगाही करता था.

डीसीपी केपीएस मल्होत्रा के अनुसार दिल्ली की रहने वाली एक महिला ने पुलिस को शिकायत कर बताया कि कुछ लोग छेड़छाड़ कर तैयार की गई उसकी फोटो भेजकर धमकी दे रहे हैं. यह फोटो उसके परिवार एवं दोस्तों को भेजने की धमकी दी जा रही है. उसने बताया की कैश एडवांस (दाना क्रेडिट) नामक लोन एप से उसने एक लोन लिया था. उसने समय पर यह लोन भर दिया लेकिन इसके बाद उसे धमकी आने लगी. यह भी पता चला कि एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की प्रोफाइल पिक्चर आरोपियों ने लगा रखी है. पुलिस टीम ने इस ऐप के बारे में जांच की तो पता चला कि यह डाउनलोड करने पर लोगों की जानकारी तीसरी पार्टी को भेज रहा है. यह भी पता चला की महिला को अलग-अलग व्हाट्सएप नंबर से कॉल कर धमकी दी जा रही है.


आगे छानबीन में पता चला कि लोगों से ली जाने वाली रकम बालाजी टेक्नोलॉजी नाम से खोले गए बैंक खाते में जा रही थी. यह खाता रोहित कुमार के नाम पर मिला. इस खाते में अब तक लगभग 8.45 करोड़ रुपए 15 दिन के अंदर ही आए थे. एसीपी रमन लांबा की देखरेख में इंस्पेक्टर मनोज, सब इंस्पेक्टर अवधेश, सुनील और हरजीत की टीम ने पीतमपुरा रोहिणी इलाके में छापा मारकर रोहित कुमार, विविध कुमार, पुनीत और मनीष को गिरफ्तार किया. उनके पास से वह मोबाइल बरामद हो गए जिनका इस्तेमाल वारदात में किया गया था. इनसे पूछताछ के बाद पुनीत कुमार की पत्नी दिव्या को भी गिरफ्तार किया गया.


इसके बाद राजस्थान से कृष्णा उर्फ रवि को गिरफ्तार किया गया. कृष्णा भारत में इस गैंग को हेड करता है. चीनी नागरिक को सभी बैंक खाते वही मुहैया कराता है. कृष्णा क्रिप्टोकरंसी के माध्यम से तीन चीनी नागरिकों को यह रकम भेज रहा था. इसके बाद गुरुग्राम से पुलिस ने सुमित को गिरफ्तार किया जो महिला को धमकी दे रहा था. उससे मिली जानकारी पर कार्तिक पांचाल उर्फ दीपक को गिरफ्तार किया गया. पुलिस को पता चला कि यह लोग पहले ऐप के माध्यम से लोगों को लोन देते थे और इसके बाद उनसे ठगी करते थे. कई मामलों में वह धमकी देकर जबरन उगाही करते थे. अगर कोई उनसे 6000 का लोन लेता था तो वह 2300 रुपये सर्विस चार्ज काटकर उसे केवल 3700 रुपये देते थे.


डीसीपी केपीएस मल्होत्रा के अनुसार पुलिस टीम ने जब इस मामले में छानबीन की तो पता चला कि यह पूरा नेटवर्क चीन से चलाया जा रहा है. इस मामले में तीन चीनी नागरिकों की पहचान की गई है जो अलग-अलग देशों से ऑपरेट कर रहे हैं. लोगों से ठगी और जबरन उगाही से मिली रकम को चीन, हांगकांग और दुबई क्रिप्टो करेंसी के जरिए भेजा जा रहा था. यह खाते चीनी नागरिकों के हैं. इन आरोपियों ने करोड़ों रुपए की जालसाजी लोगों के साथ की थी. साइबर सेल ने इनके एक बैंक खाते में 8.25 करोड़ रुपए आने की पुष्टि की है. इसके अलावा 25 अन्य बैंक खाते भी चिन्हित किए गए हैं. पुलिस को जांच में पता चला है कि यह गैंग लोगों के मोबाइल पर एप्लीकेशन भेज कर उनका मोबाइल हैक कर लेता था और उनकी सभी निजी जानकारी को हासिल कर लेता था. इसके बाद उनसे जबरन उगाही की जाती थी.

डीसीपी केपीएस मल्होत्रा के अनुसार कई मामलों में महिलाओं के मोबाइल से उनकी फोटो निकालकर उससे छेड़छाड़ की गई. इसके बाद उसे सार्वजनिक करने की धमकी देकर उनसे जबरन उगाही की गई है. पुलिस टीम ने 16 डेबिट कार्ड, 22 चेक बुक,26 पासबुक, 20 मोबाइल और 3 लैपटॉप भी बरामद हुए हैं. एक बैंक खाते में 11 लाख रुपये फ्रीज किए गए हैं. तीन गाड़ियां भी पुलिस ने बरामद की है जो ठगी की रकम से खरीदी गई थी. इसके साथ ही 4 लाख रुपये नकद भी आरोपियों के पास से बरामद हुए हैं.

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नई दिल्ली: भारतीय नागरिकों के मोबाइल में लोन ऐप के जरिये घुसकर ठगी एवं जबरन उगाही करने वाले एक गैंग का साइबर सेल (इफ़्सो) ने पर्दाफाश किया है. इस गैंग के 8 आरोपियों को अलग-अलग राज्यों से गिरफ्तार किया गया है. इस जालसाजी एवं जबरन उगाही के पीछे चीनी नागरिकों का हाथ होने के साक्ष्य मिले हैं. ठगी की यह रकम क्रिप्टो करेंसी की शक्ल में उनके खातों में भारत से भेजी जा रही है. यह गैंग महिलाओं की फोटो से छेड़छाड़ कर उनसे भी जबरन उगाही करता था.

डीसीपी केपीएस मल्होत्रा के अनुसार दिल्ली की रहने वाली एक महिला ने पुलिस को शिकायत कर बताया कि कुछ लोग छेड़छाड़ कर तैयार की गई उसकी फोटो भेजकर धमकी दे रहे हैं. यह फोटो उसके परिवार एवं दोस्तों को भेजने की धमकी दी जा रही है. उसने बताया की कैश एडवांस (दाना क्रेडिट) नामक लोन एप से उसने एक लोन लिया था. उसने समय पर यह लोन भर दिया लेकिन इसके बाद उसे धमकी आने लगी. यह भी पता चला कि एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की प्रोफाइल पिक्चर आरोपियों ने लगा रखी है. पुलिस टीम ने इस ऐप के बारे में जांच की तो पता चला कि यह डाउनलोड करने पर लोगों की जानकारी तीसरी पार्टी को भेज रहा है. यह भी पता चला की महिला को अलग-अलग व्हाट्सएप नंबर से कॉल कर धमकी दी जा रही है.


आगे छानबीन में पता चला कि लोगों से ली जाने वाली रकम बालाजी टेक्नोलॉजी नाम से खोले गए बैंक खाते में जा रही थी. यह खाता रोहित कुमार के नाम पर मिला. इस खाते में अब तक लगभग 8.45 करोड़ रुपए 15 दिन के अंदर ही आए थे. एसीपी रमन लांबा की देखरेख में इंस्पेक्टर मनोज, सब इंस्पेक्टर अवधेश, सुनील और हरजीत की टीम ने पीतमपुरा रोहिणी इलाके में छापा मारकर रोहित कुमार, विविध कुमार, पुनीत और मनीष को गिरफ्तार किया. उनके पास से वह मोबाइल बरामद हो गए जिनका इस्तेमाल वारदात में किया गया था. इनसे पूछताछ के बाद पुनीत कुमार की पत्नी दिव्या को भी गिरफ्तार किया गया.


इसके बाद राजस्थान से कृष्णा उर्फ रवि को गिरफ्तार किया गया. कृष्णा भारत में इस गैंग को हेड करता है. चीनी नागरिक को सभी बैंक खाते वही मुहैया कराता है. कृष्णा क्रिप्टोकरंसी के माध्यम से तीन चीनी नागरिकों को यह रकम भेज रहा था. इसके बाद गुरुग्राम से पुलिस ने सुमित को गिरफ्तार किया जो महिला को धमकी दे रहा था. उससे मिली जानकारी पर कार्तिक पांचाल उर्फ दीपक को गिरफ्तार किया गया. पुलिस को पता चला कि यह लोग पहले ऐप के माध्यम से लोगों को लोन देते थे और इसके बाद उनसे ठगी करते थे. कई मामलों में वह धमकी देकर जबरन उगाही करते थे. अगर कोई उनसे 6000 का लोन लेता था तो वह 2300 रुपये सर्विस चार्ज काटकर उसे केवल 3700 रुपये देते थे.


डीसीपी केपीएस मल्होत्रा के अनुसार पुलिस टीम ने जब इस मामले में छानबीन की तो पता चला कि यह पूरा नेटवर्क चीन से चलाया जा रहा है. इस मामले में तीन चीनी नागरिकों की पहचान की गई है जो अलग-अलग देशों से ऑपरेट कर रहे हैं. लोगों से ठगी और जबरन उगाही से मिली रकम को चीन, हांगकांग और दुबई क्रिप्टो करेंसी के जरिए भेजा जा रहा था. यह खाते चीनी नागरिकों के हैं. इन आरोपियों ने करोड़ों रुपए की जालसाजी लोगों के साथ की थी. साइबर सेल ने इनके एक बैंक खाते में 8.25 करोड़ रुपए आने की पुष्टि की है. इसके अलावा 25 अन्य बैंक खाते भी चिन्हित किए गए हैं. पुलिस को जांच में पता चला है कि यह गैंग लोगों के मोबाइल पर एप्लीकेशन भेज कर उनका मोबाइल हैक कर लेता था और उनकी सभी निजी जानकारी को हासिल कर लेता था. इसके बाद उनसे जबरन उगाही की जाती थी.

डीसीपी केपीएस मल्होत्रा के अनुसार कई मामलों में महिलाओं के मोबाइल से उनकी फोटो निकालकर उससे छेड़छाड़ की गई. इसके बाद उसे सार्वजनिक करने की धमकी देकर उनसे जबरन उगाही की गई है. पुलिस टीम ने 16 डेबिट कार्ड, 22 चेक बुक,26 पासबुक, 20 मोबाइल और 3 लैपटॉप भी बरामद हुए हैं. एक बैंक खाते में 11 लाख रुपये फ्रीज किए गए हैं. तीन गाड़ियां भी पुलिस ने बरामद की है जो ठगी की रकम से खरीदी गई थी. इसके साथ ही 4 लाख रुपये नकद भी आरोपियों के पास से बरामद हुए हैं.

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Last Updated : Apr 3, 2022, 9:39 PM IST

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