नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के बख्तावरपुर में हाउसिंग सोसाइटी का सपना दिखाकर एक शख्स ने 700 लोगों से बुकिंग में करोड़ों रुपये ले लिए. इसके अलावा चार अन्य जगहों पर भी उसने फ्लैट बेचने के नाम पर ठगी की. लगभग 7 करोड़ रुपये की ठगी कर फरार हुए इस शख्स को क्राइम ब्रांच ने कोलकाता से गिरफ्तार कर लिया है. वो तीन साल से फरार चल रहा था. अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था. उसकी गिरफ्तारी से ठगी की पांच वारदातों को पुलिस ने सुलझा लिया है.
2016 में मामला दर्ज
अतिरिक्त आयुक्त अजीत सिंगला के मुताबिक सुभाष प्लेस इलाके में आरएन गोविल की शिकायत पर साल 2016 में ठगी का मामला दर्ज किया गया था. इस शिकायत में उन्होंने बताया था कि जय प्रकाश सैनी ने अपने साथियों के साथ मिलकर एक सोसाइटी बनाई थी. इसका नाम वेदांता वेलफेयर सोसाइटी रखा गया था.
उसने अपने एजेंट के जरिए लोगों को इस सोसाइटी में फ्लैट के लिए झांसा दिया. ये सोसाइटी बख्तावरपुर इलाके में बननी थी. उसने दावा किया था कि बख्तावरपुर में 30 एकड़ जमीन वह खरीद चुका है.
700 लोगों से 4.35 करोड़ रुपये ठगे
इस सोसाइटी के लिए 700 लोगों ने अपनी सदस्यता ले ली. उन्हें इस सदस्यता के लिए सर्टिफिकेट देने का वादा भी किया गया. शिकायतकर्ता ने इस सोसाइटी में 4 फ्लैट बुक कराए थे. उन्होंने आरोपी को 34 लाख रुपए दिए थे, लेकिन रुपए लेने के बाद वह फरार हो गया.
इसी तरह से 47 अन्य लोगों ने भी उनके साथ ठगी किए जाने का खुलासा पुलिस के समक्ष किया था. लगभग 4.35 करोड़ रूपए की ठगी का मामला उस समय सामने आया था. इस वजह से मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंप दी गई थी.
फ्लैट के नाम पर वसूले लाखों रुपये
एक अन्य मामले में उसने द्वारका इलाके में खुद को एक फ्लैट का मालिक बताया और उसे बेचने के लिए मोटी रकम ले ली. पीड़ित ने जब उसे रजिस्ट्री करने के लिए कहा तो वह उसे टालने लगा और बाद में रुपए लेकर फरार हो गया. इस तरीके से द्वारका इलाके में उसने कई लोगों के साथ ठगी की थी.
कोलकाता से गिरफ्तार हुआ आरोपी
इसे ध्यान में रखते हुए डीसीपी जॉय टिर्की की देखरेख में एसीपी मनोज पंत की टीम काम कर रही थी. हाल ही में क्राइम ब्रांच के एएसआई कुलदीप को सूचना मिली कि जय प्रकाश सैनी कोलकाता में छिपा हुआ है. वह त्रिलोक सिंह बनकर वहां रहता है. इस जानकारी पर उसे वहां से पुलिस टीम ने पकड़ लिया. उसे पुलिस टीम दिल्ली लेकर आ गई है.
कोलकाता में थी ठगी की तैयारी
जयप्रकाश ने पुलिस को बताया कि वह द्वारका का रहने वाला है और दिल्ली यूनिवर्सिटी से एम.कॉम पढ़ा है. साल 2002 में वह द्वारका इलाके में प्रॉपर्टी डीलर का काम करता था. साल 2011 में उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक फर्जी वेलफेयर सोसाइटी बनाई और इसके नाम पर लगभग 700 लोगों से करोड़ों रुपए ठग लिए.
आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह इसी तरीके से कोलकाता में भी ठगी करने वाला था. इसके लिए उसने पूरा जाल बिछा लिया था. पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी से फिलहाल लगभग 7 करोड़ रुपए की ठगी के पांच मामलों को सुलझाने का दावा किया है.