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जामिया हिंसा: JNU के पूर्व छात्र शरजील की वैधानिक जमानत याचिका खारिज

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Published : May 5, 2020, 9:52 AM IST

Updated : May 27, 2020, 10:15 AM IST

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 90 दिनों की निर्धारित अवधि के दौरान जांच नहीं पूरी होने के आधार पर जमानत की मांग कर रहे सीएए के विरोध में गिरफ्तार जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम की जमानत याचिका को सोमवार को खारिज कर दिया है.

bail plea of sharjeel imam
शरजील की जमानत याचिका खारिज

नई दिल्ली: जामिया हिंसा व सीएए के विरोध के सिलसिले में गिरफ्तार जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम की जमानत याचिका सोमवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने खारिज कर दी. शरजील ने तय समय में जांच पूरी न होने का हवाला देते हुए जमानत मांगी थी. एडिशनल सेशंस जज धर्मेंद्र राणा ने जमानत याचिका खारिज करने का आदेश दिया.


शरजील इमाम ने अपनी जमानत याचिका में कहा था कि जांच के लिए नियत समय 90 दिन 27 अप्रैल को पूरे हो चुका है. इसलिए उन्हे कानून के मुताबिक जमानत दी जाए. कोर्ट ने इस दलील को खारिज करते हुए कहा कि कोर्ट ने जांच के लिए 90 दिनों का समय पूरा होने से पहले ही उसकी अवधि 180 दिनों के लिए कर दी है. पिछले 25 अप्रैल को पटियाला हाउस कोर्ट ने शरजील इमाम के खिलाफ जांच की अवधि 90 दिन से बढ़ाकर 180 दिन कर दी थी. शरजील इमाम के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने यूएपीए के मामला दर्ज किया है.

लॉकडाउन से जांच पर असर

दिल्ली पुलिस की क्राईम ब्रांच ने कोर्ट से कहा था कि लॉकडाउन के बाद जांच की गति पर काफी असर पड़ा है. इसलिए जांच की अवधि 90 दिन से बढ़ाकर 180 दिन कर दी जाए. दिल्ली पुलिस की अर्जी पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने क्राईम ब्रांच की रिपोर्ट पर गौर करते हुए पाया था कि यूएपीए के तहत जांच की अवधि 90 दिन होती है. यूएपीए की धारा 43(डी)(2) के तहत जांच की अवधि 90 दिन और बढ़ाई जा सकती है.

गुवाहाटी की जेल में शरजील इमाम

शरजील इमाम दिल्ली के जामिया युनिवर्सिटी में भड़काऊ भाषण देने के मामले में फिलहाल गुवाहाटी की जेल में बंद है. सुनवाई के दौरान पुलिस ने कहा था कि वह शरजील इमाम के उस दोस्त से पूछताछ करना चाहता है, जिसने उसका भाषण देते हुए वीडियो बनाया था. पुलिस ने कहा कि उन लोगों से भी पूछताछ की जा रही है, जिन्होंने पोस्टर छपवाने के लिए पैसे ट्रांसफर करने के लिए अपना बैंक खाता नंबर दिया था.

जांच रिपोर्ट का इंतजार

पुलिस ने कहा था कि बरामद किए गए हार्ड डिस्क, लैपटॉप और मोबाइल की फोरेंसिक जांच रिपोर्ट अभी नहीं आई है. भाषण वाले कथित वीडियो की भी फोरेंसिक रिपोर्ट नहीं आई है. फेसबुक और ट्विटर से भी अभी कोई जवाब नहीं मिल पाया है. इसके अलावा केस चलाने के लिए जरूरी अनुमति भी नहीं ली जा सकी है.

18 अप्रैल को पूरक चार्जशीट दाखिल

पिछले 18 अप्रैल को दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम के खिलाफ दिल्ली में दंगे भड़काने के मामले में साकेत कोर्ट में पूरक चार्जशीट दाखिल करवाई थी. शरजील इमाम के खिलाफ देशद्रोह की धारा के तहत साकेत कोर्ट में चार्जशीट दाखिल हुई है.

चार्जशीट में कहा गया है कि 13 दिसंबर 2019 को शरजील इमाम ने शाहीन बाग में देश को तोड़ने की बात कही थी. पुलिस ने शरजील इमाम के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए और 153ए के तहत आरोप लगाया है.



बिहार से हुई थी गिरफ्तारी

18 फरवरी को दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी. जिसमे शरजील इमाम पर हिंसा को भड़काने का आरोप लगाया गया है. शरजील इमाम को शाहीन बाग में आपत्तिजनक भाषण देने के मामले में बिहार से गिरफ्तार किया गया था. पुलिस के मुताबिक जामिया हिंसा की जांच के दौरान एक आरोपी ने कहा कि उसने शरजील इमाम के भाषण से प्रभावित होकर हिंसा को अंजाम दिया.

नई दिल्ली: जामिया हिंसा व सीएए के विरोध के सिलसिले में गिरफ्तार जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम की जमानत याचिका सोमवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने खारिज कर दी. शरजील ने तय समय में जांच पूरी न होने का हवाला देते हुए जमानत मांगी थी. एडिशनल सेशंस जज धर्मेंद्र राणा ने जमानत याचिका खारिज करने का आदेश दिया.


शरजील इमाम ने अपनी जमानत याचिका में कहा था कि जांच के लिए नियत समय 90 दिन 27 अप्रैल को पूरे हो चुका है. इसलिए उन्हे कानून के मुताबिक जमानत दी जाए. कोर्ट ने इस दलील को खारिज करते हुए कहा कि कोर्ट ने जांच के लिए 90 दिनों का समय पूरा होने से पहले ही उसकी अवधि 180 दिनों के लिए कर दी है. पिछले 25 अप्रैल को पटियाला हाउस कोर्ट ने शरजील इमाम के खिलाफ जांच की अवधि 90 दिन से बढ़ाकर 180 दिन कर दी थी. शरजील इमाम के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने यूएपीए के मामला दर्ज किया है.

लॉकडाउन से जांच पर असर

दिल्ली पुलिस की क्राईम ब्रांच ने कोर्ट से कहा था कि लॉकडाउन के बाद जांच की गति पर काफी असर पड़ा है. इसलिए जांच की अवधि 90 दिन से बढ़ाकर 180 दिन कर दी जाए. दिल्ली पुलिस की अर्जी पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने क्राईम ब्रांच की रिपोर्ट पर गौर करते हुए पाया था कि यूएपीए के तहत जांच की अवधि 90 दिन होती है. यूएपीए की धारा 43(डी)(2) के तहत जांच की अवधि 90 दिन और बढ़ाई जा सकती है.

गुवाहाटी की जेल में शरजील इमाम

शरजील इमाम दिल्ली के जामिया युनिवर्सिटी में भड़काऊ भाषण देने के मामले में फिलहाल गुवाहाटी की जेल में बंद है. सुनवाई के दौरान पुलिस ने कहा था कि वह शरजील इमाम के उस दोस्त से पूछताछ करना चाहता है, जिसने उसका भाषण देते हुए वीडियो बनाया था. पुलिस ने कहा कि उन लोगों से भी पूछताछ की जा रही है, जिन्होंने पोस्टर छपवाने के लिए पैसे ट्रांसफर करने के लिए अपना बैंक खाता नंबर दिया था.

जांच रिपोर्ट का इंतजार

पुलिस ने कहा था कि बरामद किए गए हार्ड डिस्क, लैपटॉप और मोबाइल की फोरेंसिक जांच रिपोर्ट अभी नहीं आई है. भाषण वाले कथित वीडियो की भी फोरेंसिक रिपोर्ट नहीं आई है. फेसबुक और ट्विटर से भी अभी कोई जवाब नहीं मिल पाया है. इसके अलावा केस चलाने के लिए जरूरी अनुमति भी नहीं ली जा सकी है.

18 अप्रैल को पूरक चार्जशीट दाखिल

पिछले 18 अप्रैल को दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम के खिलाफ दिल्ली में दंगे भड़काने के मामले में साकेत कोर्ट में पूरक चार्जशीट दाखिल करवाई थी. शरजील इमाम के खिलाफ देशद्रोह की धारा के तहत साकेत कोर्ट में चार्जशीट दाखिल हुई है.

चार्जशीट में कहा गया है कि 13 दिसंबर 2019 को शरजील इमाम ने शाहीन बाग में देश को तोड़ने की बात कही थी. पुलिस ने शरजील इमाम के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए और 153ए के तहत आरोप लगाया है.



बिहार से हुई थी गिरफ्तारी

18 फरवरी को दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी. जिसमे शरजील इमाम पर हिंसा को भड़काने का आरोप लगाया गया है. शरजील इमाम को शाहीन बाग में आपत्तिजनक भाषण देने के मामले में बिहार से गिरफ्तार किया गया था. पुलिस के मुताबिक जामिया हिंसा की जांच के दौरान एक आरोपी ने कहा कि उसने शरजील इमाम के भाषण से प्रभावित होकर हिंसा को अंजाम दिया.

Last Updated : May 27, 2020, 10:15 AM IST
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