नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस की परेड में दिल्ली की झांकी शामिल नहीं किए जाने को लेकर सियासत तेज हो गई है. दिल्ली में गुरुवार को आम आदमी पार्टी ने इस पूरे मामले को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए केंद्र सरकार पर हमला बोला था. उसके जवाब में दिल्ली बीजेपी की सचिव बांसुरी स्वराज ने आम आदमी पार्टी द्वारा लगाए गए आरोपी को सिरे से नकार दिया था. इसके बाद दिल्ली कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने केंद्र सरकार से सवाल पूछा है. उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार ने साजिश के तहत झांकियों के लिए भेजे गए प्रारूप को अस्वीकार कर दिया. इस साल भी झांकी के लिए चुने गए राज्यों में से अधिकतर भाजपा के शासन वाले राज्य हैं.
दरअसल, झांकियां हर साल गणतंत्र दिवस परेड का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती हैं. जब यह परेड कर्तव्य पथ पर गुजरती हैं, तो यह भारतीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विविध संस्कृति और परंपराओं को प्रदर्शित करती है. सौरभ भारद्वाज का कहा कि तीसरे साल भी दिल्ली सरकार के प्रपोजल को रिजेक्ट कर दिया गया है. साल 2022 में जहां रिजॉल्व 75 का एक टॉपिक भेजा गया था, वहीं साल 2023 में नारी सशक्तिकरण का विषय था. वहीं साल 2024 के लिए हमने विकसित भारत थीम के तहत झांकी भेजी थी.
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उन्होंने आगे कहा कि, झांकी के लिए टॉपिक भी केंद्र सरकार ही देती है. इस बार दिल्ली की झांकी की थीम 'विकसित भारत' दी गई थी. इसके तहत झांकी में दिल्ली के स्कूलों और मोहल्ला क्लीनिक के मॉडल को दिखाया गया था. साथ ही केंद्र के सुझाव पर झांकी में बदलाव भी किए गए थे. यदि कुछ और सुझाव दिए जाते तो उसमें भी बदलाव किया जा सकता था.
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