नई दिल्ली: दिल्ली मेट्रो अपने रेलवे लाईन के विस्तार के लिए लगातार प्रयासरत है, इसी कड़ी में रेलवे के कार्यकारी अध्यक्ष अनुज दयाल ने जानकारी दी कि सिल्वर लाइन मेट्रो के तुगलकाबाद एरोसीटी का प्लेटफॉर्म अब तक का सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म बनाया जा रहा है. इसकी व्यापक लंबाई को यात्री यातायात को समायोजित करने के लिए सावधानी से डिजाइन किया गया है. क्योंकि भविष्य में एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन, सिल्वर लाइन और गुरुग्राम, मानेसर और अलवर के लिए आरआरटीएस कॉरिडोर के बीच कनेक्टिविटी के साथ यह एक महत्वपूर्ण ट्रिपल इंटरचेंज सुविधा वाला स्टेशन होगा.
उन्होंने बताया कि यह प्लेटफॉर्म एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन, सिल्वर लाइन और आरआरटीएस कॉरिडोर के बीच निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए स्टेशन 23 मीटर की गहराई पर बनेगा, तथा यह स्टेशन एक टर्मिनल स्टेशन होगा, जो फरीदाबाद के एनसीआर शहर से दक्षिण दिल्ली के साथ-साथ पश्चिमी दिल्ली और विशेष रूप से इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगा.
इस स्टेशन के लिए निर्माण कार्य शुरू हो चुका है और निर्माण की प्रक्रिया बॉटम-अप विधि द्वारा की जा रही है. इस स्टेशन पर तीन प्रवेश/निकास बिंदु होंगे, जिसमें एक एरोसिटी के बिजनेस हब को जोड़ता है. अन्य दो प्रवेश/निकास संरचनाएं स्टेशन को NH-8 और पास के इलाके महिपालपुर से पैदल यात्री सबवे के माध्यम से जोड़ेगी, जिससे हवाई अड्डा पहुंचने में आसानी होगी.
एरोसिटी स्टेशन के प्रमुख लाभों में से एक इसका मौजूदा हाई-स्पीड एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन और दिल्ली-गुरुग्राम-अलवर आरआरटीएस कॉरिडोर के साथ इंटरचेंज का प्रावधान है. यह सहज एकीकरण तुगलकाबाद-एरोसिटी कॉरिडोर और हाई-स्पीड एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन के बीच यात्रियों की आवाजाही को आसान बनाएगा, जिससे उन्हें बेहतर कनेक्टिविटी विकल्प और सुविधा मिलेगी. बढ़ती आबादी की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तुगलकाबाद-एरोसिटी कॉरिडोर महरौली, बदरपुर रोड, छतरपुर एक्सटेंशन और महिपालपुर इत्यादि क्षेत्रों में बढ़ती परिवहन मांगों को पूरा करेगा.
अनुज दयाल ने कहा कि यह यात्रियों के लिए एक जीवन रेखा के रूप में काम करेगा, यात्रा के समय को कम करेगा और परिवहन का एक सक्षम और विश्वसनीय माध्यम उपलब्ध कराएगा. यह स्टेशन दक्षिण दिल्ली, फरीदाबाद और नोएडा के निवासियों को तेज गति से यात्रा करने और हवाई अड्डे तक पहुंचने में मदद करेगा.
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