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Delhi Lokayukta ने भाजपा पार्षद के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा, LG को भेजी सिफारिश

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Published : Apr 21, 2023, 4:31 PM IST

लोकायुक्त ने BJP पार्षद इंद्रजीत सेहरावत पर दिल्ली नगर निगम को कार्रवाई करने को कहा है. इससे संबंधित फाइल को LG को भेज दिया है. सेहरावत पर चुनाव में अपनी संपत्तियों को छुपाने का आरोप है.

दिल्ली लोकायुक्त
दिल्ली लोकायुक्त

नई दिल्ली: दिल्ली लोकायुक्त ने महिपालपुर के पार्षद इंद्रजीत सेहरावत के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश उपराज्यपाल वीके सक्सेना को भेज दी. इसमें कहा गया है कि LG दिल्ली नगर निगम को कार्रवाई करने का निर्देश जारी करें. सेहरावत पर 2017 के नगर निगम चुनाव के दौरान अपनी तीन संपत्तियों का विवरण छुपाने का आरोप है.

लोकायुक्त ने सिफारिश की है कि सेहरावत को एक निंदा की सूचना दी जा सकती है और उन्हें चेतावनी दी जा सकती है कि वे भविष्य में रिटर्निंग अधिकारियों के समक्ष घोषणा प्रपत्रों में जानकारी न छुपाएं. 2022 के निगम चुनाव में फिर से भाजपा के टिकट पर चुने गए सहरावत ने बताया कि वह 2017 में चुनावी हलफनामे में लिपिकीय त्रुटि के कारण अपनी संपत्ति का विवरण देने में विफल रहे थे. उन्होंने लोकायुक्त के समक्ष दायर याचिका में कहा कि मैं भविष्य में सावधान रहूंगा.

इन संपत्तियों को छुपायाः बताया जा रहा है कि नगर निगम के महिपालपुर वार्ड से भाजपा पार्षद इंद्रजीत सहरावत ने महिपालपुर ए ब्लॉक में 500 वर्ग गज प्लॉट पर होटल ओरिएंट नाम का गेस्ट हाउस, महिपालपुर एक्सटेंशन के एल ब्लॉक में 100 वर्ग गज प्लॉट पर पांच मंजिला इमारत और 2017 से पहले अर्जित की गई महिपालपुर में उनकी पत्नी के साथ 100 वर्ग गज की एक संयुक्त संपत्ति का विवरण नहीं दिया था. 2019 में ही भाजपा पार्षद ने सेट ऑफ डिक्लेरेशन दाखिल करते समय पहली बार तीनों संपत्तियों के अस्तित्व का जिक्र किया था.

यह भी पढ़ेंः कांग्रेस ने दोषपूर्ण 6.5 लाख VVPAT मशीनों के इस्तेमाल पर केंद्र और EC से मांगा जवाब

सहरावत के वकील ने लोकायुक्त के समक्ष प्रस्तुत किया कि यह प्रतिवादी की ओर से केवल एक प्रामाणिक लिपिक निरीक्षण था. न्यायमूर्ति हरीश चंद्र मिश्रा (सेवानिवृत्त) ने पाया कि प्रतिवादी इन संपत्तियों के सचेत पोस्ट-फाई सत्र में था और उसके वकील का तर्क है कि रिटर्निंग अधिकारी के सामने इसका खुलासा केवल एक लिपिकीय त्रुटि के कारण छोड़ दिया गया था. लेकिन, वास्तविक गलती और अनदेखी में विश्वास नहीं किया जा सकता.

सारी दलील खारिजः लोकायुक्त ने आगे देखा कि गांव महिपालपुर में एक और प्रापर्टी थी, जिसे सहरावत ने 2017 और 2021 के बीच घोषित नहीं किया था और केवल 2022 के चुनावी हलफनामे में इसका उल्लेख किया था. सहरावत ने कहा कि उन्होंने अपने भाइयों के पक्ष में संपत्ति में अपना हिस्सा छोड़ दिया था, लेकिन इस तरह की मौखिक पारिवारिक व्यवस्था कब हुई थी, इसका खुलासा करने में विफल रहे. हालांकि, लोकायुक्त ने तर्क को अस्वीकार कर दिया और कहा कि यह दिखाने के लिए पर्याप्त सामग्री थी कि प्रतिवादी ने जानबूझकर घोषणा पत्र में अपनी अचल संपत्ति दिखाने के लिए छोड़ दिया.

यह भी पढ़ेंः Delhi Mayor Election: पीठासीन अधिकारी के लिए दिल्ली सरकार ने मुकेश गोयल का नाम LG को भेजा

नई दिल्ली: दिल्ली लोकायुक्त ने महिपालपुर के पार्षद इंद्रजीत सेहरावत के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश उपराज्यपाल वीके सक्सेना को भेज दी. इसमें कहा गया है कि LG दिल्ली नगर निगम को कार्रवाई करने का निर्देश जारी करें. सेहरावत पर 2017 के नगर निगम चुनाव के दौरान अपनी तीन संपत्तियों का विवरण छुपाने का आरोप है.

लोकायुक्त ने सिफारिश की है कि सेहरावत को एक निंदा की सूचना दी जा सकती है और उन्हें चेतावनी दी जा सकती है कि वे भविष्य में रिटर्निंग अधिकारियों के समक्ष घोषणा प्रपत्रों में जानकारी न छुपाएं. 2022 के निगम चुनाव में फिर से भाजपा के टिकट पर चुने गए सहरावत ने बताया कि वह 2017 में चुनावी हलफनामे में लिपिकीय त्रुटि के कारण अपनी संपत्ति का विवरण देने में विफल रहे थे. उन्होंने लोकायुक्त के समक्ष दायर याचिका में कहा कि मैं भविष्य में सावधान रहूंगा.

इन संपत्तियों को छुपायाः बताया जा रहा है कि नगर निगम के महिपालपुर वार्ड से भाजपा पार्षद इंद्रजीत सहरावत ने महिपालपुर ए ब्लॉक में 500 वर्ग गज प्लॉट पर होटल ओरिएंट नाम का गेस्ट हाउस, महिपालपुर एक्सटेंशन के एल ब्लॉक में 100 वर्ग गज प्लॉट पर पांच मंजिला इमारत और 2017 से पहले अर्जित की गई महिपालपुर में उनकी पत्नी के साथ 100 वर्ग गज की एक संयुक्त संपत्ति का विवरण नहीं दिया था. 2019 में ही भाजपा पार्षद ने सेट ऑफ डिक्लेरेशन दाखिल करते समय पहली बार तीनों संपत्तियों के अस्तित्व का जिक्र किया था.

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सहरावत के वकील ने लोकायुक्त के समक्ष प्रस्तुत किया कि यह प्रतिवादी की ओर से केवल एक प्रामाणिक लिपिक निरीक्षण था. न्यायमूर्ति हरीश चंद्र मिश्रा (सेवानिवृत्त) ने पाया कि प्रतिवादी इन संपत्तियों के सचेत पोस्ट-फाई सत्र में था और उसके वकील का तर्क है कि रिटर्निंग अधिकारी के सामने इसका खुलासा केवल एक लिपिकीय त्रुटि के कारण छोड़ दिया गया था. लेकिन, वास्तविक गलती और अनदेखी में विश्वास नहीं किया जा सकता.

सारी दलील खारिजः लोकायुक्त ने आगे देखा कि गांव महिपालपुर में एक और प्रापर्टी थी, जिसे सहरावत ने 2017 और 2021 के बीच घोषित नहीं किया था और केवल 2022 के चुनावी हलफनामे में इसका उल्लेख किया था. सहरावत ने कहा कि उन्होंने अपने भाइयों के पक्ष में संपत्ति में अपना हिस्सा छोड़ दिया था, लेकिन इस तरह की मौखिक पारिवारिक व्यवस्था कब हुई थी, इसका खुलासा करने में विफल रहे. हालांकि, लोकायुक्त ने तर्क को अस्वीकार कर दिया और कहा कि यह दिखाने के लिए पर्याप्त सामग्री थी कि प्रतिवादी ने जानबूझकर घोषणा पत्र में अपनी अचल संपत्ति दिखाने के लिए छोड़ दिया.

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