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दिल्ली के अस्पतालों ने शख्स को नहीं दिया इलाज, उसकी मौत को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर

Delhi High Court : दिल्ली के चार सरकारी अस्पतालों में इलाज न मिलने से एक शख्स की मौत मामले को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 6, 2024, 9:13 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर हाल ही में चलती पुलिस वैन से कूदने वाले एक व्यक्ति की मौत का मामला उठाया गया है. आरोप है कि इस व्यक्ति को चार सरकारी अस्पतालों ने इलाज देने से इनकार कर दिया. हाईकोर्ट इस याचिका पर 8 जनवरी को सुनवाई करेगा. घटना 2 और 3 जनवरी की दरम्यानी रात की है. प्रमोद नामक व्यक्ति नशे की हालत में पुलिस वैन से कूद गया जिसमें वह बुरी तरह घायल हो गया.

ये भी पढ़ें: कोर्ट ने संजय सिंह को राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की दी इजाजत, 'आप' ने जताया था भरोसा

घायल अवस्था में पुलिस उसे सबसे पहले जगप्रवेश चंद्र (जेपीसी) अस्पताल ले गई. वहां से उसे गुरु तेगबहादुर (जीटीबी) अस्पताल रेफर कर दिया गया. जीटीबी अस्पताल ने ये कहते हुए प्रमोद को एडमिट नहीं किया कि उस अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन उपलब्ध नहीं है. इसके बाद प्रमोद को लोकनायक जयप्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल ले जाया गया. एलएनजेपी ने भी उसे एडमिट करने से ये कहते हुए मना कर दिया कि आईसीयू और वेंटिलेटर उपलब्ध नहीं है. अंत में जब उसे जेपीसी अस्पताल दोबारा ले जाया गया तो तब तक उसने दम तोड़ दिया था.

याचिका में चारों अस्पतालों पर आपराधिक लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया है. याचिका में कहा गया है कि इन अस्पतालों में इलाज के लिए जरूरी सुविधाएं जैसे सीटी स्कैन, आईसीयू, वेंटिलेटर बेड इत्यादि उपलब्ध नहीं होना सरकार की घोर लापरवाही है. याचिका में कहा गया है कि दिल्ली के अस्पतालों में सुविधाओं को लेकर सूचना होने का घोर अभाव है.

याचिका में कहा गया है कि ये अस्पताल या तो केंद्र सरकार या फिर दिल्ली सरकार के अधीन हैं. अगर प्रमोद को किसी अस्पताल में भर्ती किया गया होता तो उसकी जान बचाई जा सकती थी. याचिका में मांग की गई है कि केंद्र और दिल्ली सरकार को इस मामले की जांच का आदेश दिया जाए और जांच की रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की जाए ताकि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को सजा दी जा सके.

ये भी पढ़ें: घायल आरोपी को लेकर अस्पतालों का चक्कर लगाती रही पुलिस, इलाज न मिलने से तोड़ा दम

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर हाल ही में चलती पुलिस वैन से कूदने वाले एक व्यक्ति की मौत का मामला उठाया गया है. आरोप है कि इस व्यक्ति को चार सरकारी अस्पतालों ने इलाज देने से इनकार कर दिया. हाईकोर्ट इस याचिका पर 8 जनवरी को सुनवाई करेगा. घटना 2 और 3 जनवरी की दरम्यानी रात की है. प्रमोद नामक व्यक्ति नशे की हालत में पुलिस वैन से कूद गया जिसमें वह बुरी तरह घायल हो गया.

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घायल अवस्था में पुलिस उसे सबसे पहले जगप्रवेश चंद्र (जेपीसी) अस्पताल ले गई. वहां से उसे गुरु तेगबहादुर (जीटीबी) अस्पताल रेफर कर दिया गया. जीटीबी अस्पताल ने ये कहते हुए प्रमोद को एडमिट नहीं किया कि उस अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन उपलब्ध नहीं है. इसके बाद प्रमोद को लोकनायक जयप्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल ले जाया गया. एलएनजेपी ने भी उसे एडमिट करने से ये कहते हुए मना कर दिया कि आईसीयू और वेंटिलेटर उपलब्ध नहीं है. अंत में जब उसे जेपीसी अस्पताल दोबारा ले जाया गया तो तब तक उसने दम तोड़ दिया था.

याचिका में चारों अस्पतालों पर आपराधिक लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया है. याचिका में कहा गया है कि इन अस्पतालों में इलाज के लिए जरूरी सुविधाएं जैसे सीटी स्कैन, आईसीयू, वेंटिलेटर बेड इत्यादि उपलब्ध नहीं होना सरकार की घोर लापरवाही है. याचिका में कहा गया है कि दिल्ली के अस्पतालों में सुविधाओं को लेकर सूचना होने का घोर अभाव है.

याचिका में कहा गया है कि ये अस्पताल या तो केंद्र सरकार या फिर दिल्ली सरकार के अधीन हैं. अगर प्रमोद को किसी अस्पताल में भर्ती किया गया होता तो उसकी जान बचाई जा सकती थी. याचिका में मांग की गई है कि केंद्र और दिल्ली सरकार को इस मामले की जांच का आदेश दिया जाए और जांच की रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की जाए ताकि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को सजा दी जा सके.

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