नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने कोरोना की दूसरी लहर के असर पर काबू पाने के लिए तत्काल उपाय करने के लिए दिल्ली सरकार को निर्देश देने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी है. जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि दिल्ली सरकार पहले से ही कोरोना के असर पर काबू पाने के सभी प्रयास कर रही है, अलग से दिशानिर्देश देने की जरुरत नहीं है.
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कोरोना के नए वैरिएंट को नियंत्रित करने की मांग
याचिका वकील राकेश मल्होत्रा ने दायर की थी. जिसमें में कहा गया था कि कोर्ट दिल्ली सरकार को निर्देश दे कि वो कोरोना के नए वैरिएंट को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए. याचिका में कहा गया था कि दिल्ली की अदालतों में पिछले 15 मार्च से फिजिकल सुनवाई शुरु हो चुकी है. इस दौरान कैदियों को कोर्ट परिसर में लाया जाता है, जहां वे अपने रिश्तेदारों से मिलते हैं. ऐसे में जेल और उसके बाहर भी कोरोना का संक्रमण हो सकता है. याचिका में कैदियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेश करने की मांग की गई थी.
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मार्केट और शॉपिंग मॉल में भीड़ देखी जा रही
याचिका में कहा गया था कि दिल्ली के स्थानीय मार्केट और शॉपिंग कांप्लेक्स , मॉल्स , रेस्टोरेंट में भीड़ काफी देखी जा रही है. लोग मास्क नहीं पहन रहे हैं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं कर रहे हैं. याचिका में इसके लिए उचित दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई थी. बता दें कि वकील राकेश मल्होत्रा ने पहले भी याचिका दायर कर रखी थी, जिसमें निजी और सरकारी अस्पतालों और लैब्स में कोरोना की पर्याप्त टेस्टिंग करने का दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई थी.