नई दिल्ली: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia Defamation Case) की तरफ से भाजपा सांसद हंसराज हंस और भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा (BJP Leader Manjinder Singh Sirsa) के खिलाफ निचली अदालत में दायर मानहानि मुकदमे पर दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगा दी. न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा की पीठ ने साथ ही भाजपा नेताओं की ओर से दायर की गई अपील याचिका पर सिसोदिया को नोटिस जारी किया है. भाजपा नेताओं ने सिसोदिया पर दिल्ली सरकार के स्कूलों की कक्षा के निर्माण में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया था. इसके खिलाफ उन्होंने मानहानि का मुकदमा दायर किया था.
सिसोदिया ने मानहानि (Manish Sisodia Defamation Case) के लिए हंस, सिरसा, मनोज तिवारी और विजेंद्र गुप्ता सहित कई अन्य भाजपा नेताओं पर मुकदमा दायर किया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि वह दिल्ली के सरकारी स्कूलों में नई कक्षाओं के निर्माण से संबंधित लगभग 2,000 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार घोटाले में शामिल थे. न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने हंस और सिरसा की ओर से अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) द्वारा उनके खिलाफ जारी समन आदेश को चुनौती देने वाली याचिका दायर करने के बाद आज कार्रवाई पर रोक लगा दी.
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निचली अदालत ने पिछले महीने इसी मामले में आरोप मुक्त करने की भाजपा नेताओं की अर्जी खारिज कर दी थी. भाजपा नेताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कीर्ति उप्पल और पवन नारंग पेश हुए. उन्होंने तर्क दिया कि समन जारी करने के उसी आदेश के खिलाफ, समन किए गए लोगों में से एक (विजेंद्र गुप्ता) ने सुप्रीम कोर्ट जाकर राहत प्राप्त की थी. उन्होंने कहा कि चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने एक निष्कर्ष दिया है कि गुप्ता का ट्वीट मानहानि का मामला नहीं है, इसलिए हंस और सिरसा के खिलाफ मामले पर भी विचार-विमर्श और परीक्षण की जरूरत है. वरिष्ठ वकीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने सिसोदिया को नोटिस जारी किया और मामले को आगे की सुनवाई के लिए 10 मार्च के लिए सूचीबद्ध कर दिया.
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