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Delhi HC on Faraaz Film: फिल्म निर्माता हंसल मेहता को नोटिस, कोर्ट ने पूछा-फिल्म पर बैन क्यों नहीं लगाएं? - सत्य घटना पर आधारित फिल्म फराज

दिल्ली हाईकोर्ट ने फिल्म 'फ़राज़' के निर्माता हंसल मेहता को नोटिस जारी कर 4 दिन के अंदर जवाब मांगा है. कोर्ट ने पूछा है कि फिल्म पर क्यों नहीं रोक लगाया जाए? पढ़िए पूरा मामला...

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Published : Jan 24, 2023, 6:54 PM IST

नई दिल्ली: ढाका आतंकी हमलों पर आधारित फिल्म फराज को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को फिल्म निर्माता हंसल मेहता को नोटिस जारी किया है. न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और तलवंत सिंह की बेंच ने मेहता को नोटिस जारी कर अगले 4 दिनों के अंदर अपना रिप्लाई दाखिल करने का निर्देश दिया है. फिल्म से जुड़े अन्य अथॉरिटी को भी नोटिस जारी किया गया है. कोर्ट ने वादी पक्ष के वकील से भी पूछा है कि क्या आपको लगता है कि एक सत्य घटना पर आधारित फिल्म पर अदालत इस स्थिति में निषेधाज्ञा लागू कर सकती है? कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह बेंच अभी उस स्थिति में नहीं है कि वह फिल्म पर पूरी तरह से रोक लगाएं.

खंडपीठ 2016 में बांग्लादेश की राजधानी ढाका स्थित होली आर्टिसन बेकरी पर हुए आतंकवादी हमले में जान गंवाने वाली अबिंटा कबीर तारिषी जैन के परिवार की याचिका पर सुनवाई कर रही है. याचिका में फिल्म फराज की रिलीज पर रोकने लगाने की मांग की गई है. इसमें कहा गया है कि फिल्म से हमारी प्राइवेसी को खतरा हो सकता है. फिल्म को कई मौके पर सत्य घटना पर आधारित बताया गया है, जबकि मामला बांग्लादेश की अदालतों में लंबित है और फिल्म न्यायालयों के समक्ष चल रहे मामले को बाधित करेगी.

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पिछली सुनवाई में कोर्ट ने मामले को आपस में सुलझाने को कहा थाः पिछली सुनवाई 17 जनवरी को हुई थी. उसमें कोर्ट ने फिल्म के निर्देशक और निर्माताओं से दोनों पीड़ितों की माताओं के साथ अपने विवादों पर चर्चा करने और उन्हें सुलझाने को कहा था. खंडपीठ ने कहा था कि फिल्म निर्माता को पहले विश्लेषण करना चाहिए कि उर्दू कवि अहमद फराज ने क्या स्टैंड लिया, अगर उन्होंने फिल्म का नाम फराज रखने और इस मुद्दे को हल करने का फैसला किया है. अगर आप फिल्म का नाम 'फराज' रख रहे हैं तो आपको पता होना चाहिए कि अहमद फराज किसके लिए खड़ा था. अगर आप मां की भावनाओं के प्रति संवेदनशील होना चाहते हैं तो उनसे बात करें.

पिछले साल खारिज हो गई थी याचिकाः दिल्ली हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने इससे पहले 2022 में इस मामले को खारिज कर दिया था. कोर्ट ने आदेश किया था कि सत्य घटना पर आधारित फिल्म पर रोक नहीं लगाई जा सकती. इसके बाद परिवार ने डबल बेंच में अपील किया. फिल्म 3 फरवरी को रिलीज होने वाली है. कोर्ट ने इस मामले को अगली सुनवाई के लिए 1 फरवरी के लिए सूचीबद्ध किया है.

यह भी पढ़ेंः 'धाकड़' गर्ल कंगना रनौत की ट्विटर पर वापसी, बोलीं- I am Back

नई दिल्ली: ढाका आतंकी हमलों पर आधारित फिल्म फराज को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को फिल्म निर्माता हंसल मेहता को नोटिस जारी किया है. न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और तलवंत सिंह की बेंच ने मेहता को नोटिस जारी कर अगले 4 दिनों के अंदर अपना रिप्लाई दाखिल करने का निर्देश दिया है. फिल्म से जुड़े अन्य अथॉरिटी को भी नोटिस जारी किया गया है. कोर्ट ने वादी पक्ष के वकील से भी पूछा है कि क्या आपको लगता है कि एक सत्य घटना पर आधारित फिल्म पर अदालत इस स्थिति में निषेधाज्ञा लागू कर सकती है? कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह बेंच अभी उस स्थिति में नहीं है कि वह फिल्म पर पूरी तरह से रोक लगाएं.

खंडपीठ 2016 में बांग्लादेश की राजधानी ढाका स्थित होली आर्टिसन बेकरी पर हुए आतंकवादी हमले में जान गंवाने वाली अबिंटा कबीर तारिषी जैन के परिवार की याचिका पर सुनवाई कर रही है. याचिका में फिल्म फराज की रिलीज पर रोकने लगाने की मांग की गई है. इसमें कहा गया है कि फिल्म से हमारी प्राइवेसी को खतरा हो सकता है. फिल्म को कई मौके पर सत्य घटना पर आधारित बताया गया है, जबकि मामला बांग्लादेश की अदालतों में लंबित है और फिल्म न्यायालयों के समक्ष चल रहे मामले को बाधित करेगी.

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पिछली सुनवाई में कोर्ट ने मामले को आपस में सुलझाने को कहा थाः पिछली सुनवाई 17 जनवरी को हुई थी. उसमें कोर्ट ने फिल्म के निर्देशक और निर्माताओं से दोनों पीड़ितों की माताओं के साथ अपने विवादों पर चर्चा करने और उन्हें सुलझाने को कहा था. खंडपीठ ने कहा था कि फिल्म निर्माता को पहले विश्लेषण करना चाहिए कि उर्दू कवि अहमद फराज ने क्या स्टैंड लिया, अगर उन्होंने फिल्म का नाम फराज रखने और इस मुद्दे को हल करने का फैसला किया है. अगर आप फिल्म का नाम 'फराज' रख रहे हैं तो आपको पता होना चाहिए कि अहमद फराज किसके लिए खड़ा था. अगर आप मां की भावनाओं के प्रति संवेदनशील होना चाहते हैं तो उनसे बात करें.

पिछले साल खारिज हो गई थी याचिकाः दिल्ली हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने इससे पहले 2022 में इस मामले को खारिज कर दिया था. कोर्ट ने आदेश किया था कि सत्य घटना पर आधारित फिल्म पर रोक नहीं लगाई जा सकती. इसके बाद परिवार ने डबल बेंच में अपील किया. फिल्म 3 फरवरी को रिलीज होने वाली है. कोर्ट ने इस मामले को अगली सुनवाई के लिए 1 फरवरी के लिए सूचीबद्ध किया है.

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