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फर्जीवाड़े के आरोपी की जमानत बढ़ाने से दिल्ली HC का इनकार

फर्जीवाड़े के आरोपी की जमानत अवधि बढ़ाने से दिल्ली हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि आरोपी कोरोना संकट की वजह से लखनऊ में है, तो वो लखनऊ की जेल में ही सरेंडर कर दें.

Delhi High Court refuses to extend bail period
दिल्ली हाईकोर्ट
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Published : May 14, 2020, 4:30 PM IST

Updated : May 27, 2020, 8:48 AM IST

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने फर्जीवाड़े के एक आरोपी की सेशंस कोर्ट की ओर से अंतरिम जमानत निरस्त होने के बाद जमानत की अवधि बढ़ाने की मांग को खारिज कर दिया है. जस्टिस बृजेश सेठी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई सुनवाई के बाद कहा कि आरोपी कोरोना संकट की वजह से लखनऊ में है, तो वो लखनऊ की जेल में ही सरेंडर कर दें.

रेलवे को टिकट देने का निर्देश

कोर्ट ने कहा कि अगर वह तिहाड़ जेल में सरेंडर करना चाहता है, तो वो रेल या सड़क मार्ग से आए. कोर्ट ने रेल प्रशासन को निर्देश दिया कि वो आरोपी के लिए टिकट प्राथमिकता के आधार पर दें. अगर आरोपी रेलवे का टिकट खरीदने में असमर्थ है तो जांच अधिकारी आरोपी को लखनऊ से दिल्ली लाने के लिए टिकट का इंतजाम करेगा.

कोर्ट ने कहा कि अगर जांच अधिकारी आरोपी के लिए टिकट बुक करा पाने में असमर्थ रहा तो वो खुद लखनऊ जाकर ट्रेन या किसी दूसरे साधन से आरोपी को लेकर आएगा, ताकि वो तिहाड़ जेल आकर सरेंडर कर सके.

सेशंस कोर्ट ने निरस्त किया था अंतरिम जमानत

आरोपी विशाल प्रजापति ने याचिका दायर कर कहा था कि मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने पिछे 21 अप्रैल को अंतरिम जमानत दी थी. सेशंस कोर्ट ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट से मिली जमानत को निरस्त कर दिया. आरोपी ने अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने की मांग की थी. आरोपी के खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा ने 2012 में भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 120बी , 467 और 468 के तहत FIR दर्ज है.

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने फर्जीवाड़े के एक आरोपी की सेशंस कोर्ट की ओर से अंतरिम जमानत निरस्त होने के बाद जमानत की अवधि बढ़ाने की मांग को खारिज कर दिया है. जस्टिस बृजेश सेठी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई सुनवाई के बाद कहा कि आरोपी कोरोना संकट की वजह से लखनऊ में है, तो वो लखनऊ की जेल में ही सरेंडर कर दें.

रेलवे को टिकट देने का निर्देश

कोर्ट ने कहा कि अगर वह तिहाड़ जेल में सरेंडर करना चाहता है, तो वो रेल या सड़क मार्ग से आए. कोर्ट ने रेल प्रशासन को निर्देश दिया कि वो आरोपी के लिए टिकट प्राथमिकता के आधार पर दें. अगर आरोपी रेलवे का टिकट खरीदने में असमर्थ है तो जांच अधिकारी आरोपी को लखनऊ से दिल्ली लाने के लिए टिकट का इंतजाम करेगा.

कोर्ट ने कहा कि अगर जांच अधिकारी आरोपी के लिए टिकट बुक करा पाने में असमर्थ रहा तो वो खुद लखनऊ जाकर ट्रेन या किसी दूसरे साधन से आरोपी को लेकर आएगा, ताकि वो तिहाड़ जेल आकर सरेंडर कर सके.

सेशंस कोर्ट ने निरस्त किया था अंतरिम जमानत

आरोपी विशाल प्रजापति ने याचिका दायर कर कहा था कि मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने पिछे 21 अप्रैल को अंतरिम जमानत दी थी. सेशंस कोर्ट ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट से मिली जमानत को निरस्त कर दिया. आरोपी ने अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने की मांग की थी. आरोपी के खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा ने 2012 में भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 120बी , 467 और 468 के तहत FIR दर्ज है.

Last Updated : May 27, 2020, 8:48 AM IST
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