नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने कैदियों को सप्ताह में वकील के साथ केवल दो मीटिंग करने के दिल्ली सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर आज सुनवाई की. हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने 4 अप्रैल को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया.
न्याय तक पहुंच के अधिकार का उल्लंघन
याचिका जय ए देहाद्रि ने दायर की है. याचिकाकर्ता की ओर से वकील हर्षित गोयल ने दिल्ली प्रिजन रुल्स के नियम 585 को चुनौती दी है. याचिका में कहा गया है कि ये प्रावधान संविधान की धारा 21 के तहत कैदियों को न्याय तक पहुंच के अधिकार का उल्लंघन करता है. यह प्रावधान कैदियों को सप्ताह में अपने वकीलों से केवल दो बार मिलने की अनुमति देता है.
82 फीसदी से ज्यादा विचाराधीन कैदी हैं
याचिका में कहा गया है कि तिहाड़ सेंट्रल जेल के कैदियों की प्रोफाइल में ही कहा गया है कि जेल के कुल कैदियों में 82.02 विचाराधीन कैदी हैं. ऐसे में वकीलों के साथ मीटिंग करने और आगे के कदम उठाने के लिए लगातार कानूनी समर्थन की जरूरत होती है. याचिका में कहा गया है कि किसी भी कैदी का बुनियादी अधिकार है कि उसका उचित कानूनी प्रतिनिधित्व हो.
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विकसित देशों में वकीलों से मीटिंग की संख्या पर रोक नहीं
याचिका में मांग की गई है कि दिल्ली प्रिजन रुल्स में संशोधन कर सोमवार से शुक्रवार तक कानूनी सलाह के लिए अपने वकील से मिलने की असीमित समय का प्रावधान लागू करने का दिशा-निर्देश जारी किया जाए. याचिका में कहा गया है कि अमेरिका जैसे दूसरे विकसित देशों में कैदियों को अपने वकीलों से मीटिंग करने की संख्या पर कोई रोक नहीं है.