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पिता की देखभाल के लिए रेप आरोपी को दिल्ली हाईकोर्ट ने दी जमानत - Delhi High Court News

पिता की देखभाल के लिए दिल्ली हाईकोर्ट ने रेप के आरोपी को जमानत दे दी है. कोर्ट ने कहा कि आरोपी अपने पिता की देखभाल करने के लिए अकेला व्यक्ति है. वहीं पांच हजार रुपये के मुचलके पर 45 दिनों के लिए रिहा करने का आदेश दिया.

Delhi High Court granted bail to rape accused for father care
दिल्ली हाईकोर्ट
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Published : May 14, 2020, 3:45 PM IST

Updated : May 27, 2020, 8:49 AM IST

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने रेप के एक आरोपी को अंतरिम जमानत दे दिया है. आरोपी के पिता को हार्ट की बीमारी है और एंजियोग्राफी होनी है. जस्टिस विभू बाखरु ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई के बाद जमानत देने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि आरोपी अपने पिता की देखभाल करने के लिए अकेला व्यक्ति है.

कोर्ट ने आरोपी को पांच हजार रुपये के मुचलके पर 45 दिनों के लिए रिहा करने का आदेश दिया. पीड़िता की आरोपी से फेसबुक के जरिये जान पहचान हुई थी. वो कई बार आरोपी से मिली थी. पीड़िता के मुताबिक आरोपी ने उसे सरिता विहार के एक गेस्ट हाउस में बुलाया था और वहीं बिना उसकी सहमति के उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया था.

पीड़िता के साथ रिलेशनशिप में होने का दावा

रेप आरोपी ने पीड़िता के इन आरोपों से इनकार किया और झूठे आरोपों में फंसाने का आरोप लगाया. उसने कहा कि पीड़िता के साथ वो रिलेशनशिप में था और सब कुछ उसकी सहमति से हुआ था. हाईकोर्ट ने पीड़िता के पिता के उस बयान पर गौर किया जिसमें कहा गया था कि उसका आरोपी के पिता के साथ कुछ विवाद था जो छिपाया गया था.

पीड़िता की उम्र पर विवाद

आरोपी के खिलाफ दर्ज एफआईआर के मुताबिक पीड़िता ने घटना के वक्त अपनी उम्र 17 साल की बताई थी. आरोपी ने पीड़िता का जन्म प्रमाण-पत्र कोर्ट के समक्ष पेश किया जिसमें पीड़िता की उम्र घटना के वक्त 18 वर्ष से ज्यादा बताई गई है. हाईकोर्ट ने कहा कि ये गंभीर सवाल है कि अगर जन्म प्रमाण पत्र को कोर्ट ने मंजूर किया, तो आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला बनता है या नहीं.

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने रेप के एक आरोपी को अंतरिम जमानत दे दिया है. आरोपी के पिता को हार्ट की बीमारी है और एंजियोग्राफी होनी है. जस्टिस विभू बाखरु ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई के बाद जमानत देने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि आरोपी अपने पिता की देखभाल करने के लिए अकेला व्यक्ति है.

कोर्ट ने आरोपी को पांच हजार रुपये के मुचलके पर 45 दिनों के लिए रिहा करने का आदेश दिया. पीड़िता की आरोपी से फेसबुक के जरिये जान पहचान हुई थी. वो कई बार आरोपी से मिली थी. पीड़िता के मुताबिक आरोपी ने उसे सरिता विहार के एक गेस्ट हाउस में बुलाया था और वहीं बिना उसकी सहमति के उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया था.

पीड़िता के साथ रिलेशनशिप में होने का दावा

रेप आरोपी ने पीड़िता के इन आरोपों से इनकार किया और झूठे आरोपों में फंसाने का आरोप लगाया. उसने कहा कि पीड़िता के साथ वो रिलेशनशिप में था और सब कुछ उसकी सहमति से हुआ था. हाईकोर्ट ने पीड़िता के पिता के उस बयान पर गौर किया जिसमें कहा गया था कि उसका आरोपी के पिता के साथ कुछ विवाद था जो छिपाया गया था.

पीड़िता की उम्र पर विवाद

आरोपी के खिलाफ दर्ज एफआईआर के मुताबिक पीड़िता ने घटना के वक्त अपनी उम्र 17 साल की बताई थी. आरोपी ने पीड़िता का जन्म प्रमाण-पत्र कोर्ट के समक्ष पेश किया जिसमें पीड़िता की उम्र घटना के वक्त 18 वर्ष से ज्यादा बताई गई है. हाईकोर्ट ने कहा कि ये गंभीर सवाल है कि अगर जन्म प्रमाण पत्र को कोर्ट ने मंजूर किया, तो आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला बनता है या नहीं.

Last Updated : May 27, 2020, 8:49 AM IST
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