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दिल्ली हाईकोर्ट ने दी अनोखी सजा, कहा- पौधरोपण कर 10 साल तक करें देखभाल - Punishment for planting 10 trees

दिल्ली हाईकोर्ट ने आपसी विवाद के एक मामले की सुनवाई में आरोपियों को एक अनोखी सजा दी है. हाईकोर्ट ने मामले में 10 आरोपियों को घर के आसपास 10 पेड़ लगाने और उन पेड़ों की 10 साल तक देखभाल करने का आदेश दिया है.

दिल्ली हाईकोर्ट ने दी अनोखी सजा
दिल्ली हाईकोर्ट
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Published : Mar 3, 2023, 4:57 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने आपसी विवाद के एक मामले में 10 आरोपियों को घर के आसपास 10 पेड़ लगाने और उन पेड़ों की 10 साल तक देखभाल करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने आरोपियों को यह सजा सुनाते हुए उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने का आदेश दिया. मामला 2017 से जुड़ा है, जब दोनों पक्षों के बीच सुअर पालन को लेकर झगड़ा हो गया था. इसके बाद पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. मामले में आरोपियों ने एक दूसरे पर महिलाओं के साथ छेड़खानी करने और झगड़ा करने जैसी धाराओं में केस दर्ज कराया था.

न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की एकल पीठ ने 21 फरवरी को आदेश पारित किया. अपने आदेश में उन्होंने कहा कि प्रत्येक आवेदक अपने क्षेत्र में 10 पेड़ लगाएं और 10 साल तक उनकी देखभाल करें. उन्होंने कहा कि संबंधित जांच अधिकारी से चर्चा कर इन व्यक्तियों के घरों के पास पौधे रोपे जाएंगे. यह अधिकारी एमसीडी के उद्यानिकी विभाग की सलाह पर आवेदकों को जगह-जगह पेड़ लगाने की जानकारी देगा. चार सप्ताह में बोवनी करने के निर्देश कोर्ट ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ताओं की अपराधिक पृष्ठभूमि ना होने के चलते उन पर कोई मौद्रिक जुर्माना नहीं लगा रही है, लेकिन उन्हें चार सप्ताह के भीतर इन पेड़ों को लगाना होगा. दिल्ली पुलिस ने आरोपी (याचिकाकर्ताओं) के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.

इनमें एक महिला का अपमान करने के लिए धारा 354, 354 बी और 509 (आपराधिक धमकी) शामिल हैं. वहीं इस मामले में कोर्ट को बताया गया कि सभी पक्षों में समझौता हो गया है और वे इस मामले को और आगे नहीं ले जाना चाहते हैं. इस संबंध में कोर्ट ने कहा कि हालांकि पक्षकारों ने अपना विवाद सुलझा लिया है और एफआईआर को रद्द करने के बाद मामला निपट जाएगा, लेकिन याचिकाकर्ताओं को कुछ अच्छा सामाजिक कार्य करना चाहिए.

इसे भी पढ़ें: Child Burned by Cigarette: बहन ने 7 वर्षीय भाई को सिगरेट से दागा, जानें वजह

पहले भी मिली अनोखी सजा: दिल्ली हाईकोर्ट से पहले भी कई बार अपने निर्णय को लेकर चर्चा में रहा है. 15 अगस्त से पहले एक व्यक्ति पर राष्ट्रध्वज के अपमान का आरोप सिद्ध होने पर कोर्ट ने आरोपी युवक को 900 X600 मिली मीटर नाप के 1000 राष्ट्रध्वज दिल्ली वक्फ बोर्ड के जरिए छात्रों को दिए जाने का निर्देश दिया था. वहीं एक मामले में पीडब्ल्यूडी अधिकारियों द्वारा हरे पेड़ों को काटने का मामला जब सामने आया तो कोर्ट ने सभी जिम्मेदार अधिकारियों पर 400 पेड़ डीडीए द्वारा निर्दिष्ट जमीन पर लगाने का निर्देश दिया था.

इसे भी पढ़ें: CBSC Board Exam: 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा को लेकर शिक्षा विभाग का नया नोटिस

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने आपसी विवाद के एक मामले में 10 आरोपियों को घर के आसपास 10 पेड़ लगाने और उन पेड़ों की 10 साल तक देखभाल करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने आरोपियों को यह सजा सुनाते हुए उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने का आदेश दिया. मामला 2017 से जुड़ा है, जब दोनों पक्षों के बीच सुअर पालन को लेकर झगड़ा हो गया था. इसके बाद पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. मामले में आरोपियों ने एक दूसरे पर महिलाओं के साथ छेड़खानी करने और झगड़ा करने जैसी धाराओं में केस दर्ज कराया था.

न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की एकल पीठ ने 21 फरवरी को आदेश पारित किया. अपने आदेश में उन्होंने कहा कि प्रत्येक आवेदक अपने क्षेत्र में 10 पेड़ लगाएं और 10 साल तक उनकी देखभाल करें. उन्होंने कहा कि संबंधित जांच अधिकारी से चर्चा कर इन व्यक्तियों के घरों के पास पौधे रोपे जाएंगे. यह अधिकारी एमसीडी के उद्यानिकी विभाग की सलाह पर आवेदकों को जगह-जगह पेड़ लगाने की जानकारी देगा. चार सप्ताह में बोवनी करने के निर्देश कोर्ट ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ताओं की अपराधिक पृष्ठभूमि ना होने के चलते उन पर कोई मौद्रिक जुर्माना नहीं लगा रही है, लेकिन उन्हें चार सप्ताह के भीतर इन पेड़ों को लगाना होगा. दिल्ली पुलिस ने आरोपी (याचिकाकर्ताओं) के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.

इनमें एक महिला का अपमान करने के लिए धारा 354, 354 बी और 509 (आपराधिक धमकी) शामिल हैं. वहीं इस मामले में कोर्ट को बताया गया कि सभी पक्षों में समझौता हो गया है और वे इस मामले को और आगे नहीं ले जाना चाहते हैं. इस संबंध में कोर्ट ने कहा कि हालांकि पक्षकारों ने अपना विवाद सुलझा लिया है और एफआईआर को रद्द करने के बाद मामला निपट जाएगा, लेकिन याचिकाकर्ताओं को कुछ अच्छा सामाजिक कार्य करना चाहिए.

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पहले भी मिली अनोखी सजा: दिल्ली हाईकोर्ट से पहले भी कई बार अपने निर्णय को लेकर चर्चा में रहा है. 15 अगस्त से पहले एक व्यक्ति पर राष्ट्रध्वज के अपमान का आरोप सिद्ध होने पर कोर्ट ने आरोपी युवक को 900 X600 मिली मीटर नाप के 1000 राष्ट्रध्वज दिल्ली वक्फ बोर्ड के जरिए छात्रों को दिए जाने का निर्देश दिया था. वहीं एक मामले में पीडब्ल्यूडी अधिकारियों द्वारा हरे पेड़ों को काटने का मामला जब सामने आया तो कोर्ट ने सभी जिम्मेदार अधिकारियों पर 400 पेड़ डीडीए द्वारा निर्दिष्ट जमीन पर लगाने का निर्देश दिया था.

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