नई दिल्ली: राजधानी में राउज एवेन्यू कोर्ट के एक वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी का उनकी ही महिला कर्मचारी के साथ आपत्तिजनक वीडियो वायरल करने से रोकने के लिए दायर याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने व्हाट्सऐप और गूगल को वीडियो यूआरएल हटाने का निर्देश दिया है. वीडियो न्यायिक अधिकारी के केबिन का है, जिसमें वह अपनी ही महिला कर्मचारी के साथ आपत्तिजनक स्थिति में दिखाई दिए थे. इस मामले में न्यायिक अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया था.
बुधवार को न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए सभी प्रति वादियों को वीडियो यूआरएल हटाए जाने का निर्देश दिया है. इस मामले में शिकायतकर्ता ने प्रति वादियों के द्वारा उठाए गए कदमों पर संतुष्टि जताई. वादी पक्ष ने किसी भी प्रकार के हर्जाने या मुआवजे की मांग नहीं की, जिसके बाद कोर्ट ने इस याचिका को निस्तारित कर दिया. गूगल व व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा कि यह उनकी नैतिक जिम्मेदारी है कि वह कोर्ट द्वारा दिए गए आदेशों का पालन करें. वह नैतिक कर्तव्यों के तहत इस प्रकार के वीडियो यूआरएल को त्वरित कार्यवाही पर हटा रहे हैं.
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बता दें कि राउज एवेन्यू कोर्ट में पीठासीन अधिकारी के तौर पर तैनात जितेंद्र कुमार मिश्रा का एक वीडियो वायरल हुआ था. अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वीडियो चलने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर राउज एवेन्यू कोर्ट ने सूचना दी. इसपर दिल्ली हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान के तहत कार्यवाही शुरू की, जिसके बाद वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी को सस्पेंड कर उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी गई थी.
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