नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली दंगों और नेताओं की हेट स्पीच को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई टाल दी है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच के नहीं बैठने की वजह से सुनवाई टाली गई. इस मामले पर अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी.
17 सितंबर को भी कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई टाल दी थी. सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील कॉलिन गोंजाल्वेस ने कहा था कि इस मामले पर सुनवाई जरूरी है. उन्होंने कहा था कि कई नौजवानों को फंसाया जा रहा है.
गोंजाल्वेस ने कहा-
सुनवाई में जितनी देरी होगी, पुलिस उतना ही प्रताड़ित करेगी. हम जामिया और उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा, दोनों की जांच दिल्ली पुलिस से हटाकर दूसरी एजेंसी को देने की मांग कर रहे हैं. कोर्ट ने कहा था कि हम पहले जामिया मामले की सुनवाई करना चाहते हैं. सुनवाई के दौरान वकील तारा नरुला ने कहा था कि अंतिम चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है और ट्रायल शुरू होने वाला है. हमें इस मामले पर दलीलें रखने की जरूरत है.
पहले की सुनवाई के दौरान जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से कहा गया था कि वीडियो फुटेज के संरक्षण के कोर्ट के पहले के आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है. 24 अगस्त को सुनवाई के दौरान जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से कहा गया था कि कोर्ट ने पहले आदेश दिया था कि वीडियो फुटेज का संरक्षण किया जाए, लेकिन कोर्ट के इस आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है.
27 फरवरी को दिल्ली हाईकोर्ट ने भड़काऊ भाषण मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई टालते हुए 13 अप्रैल को सुनवाई करने का आदेश दिया था. हाईकोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार को पक्षकार बनाने की अनुमति दी थी.
हाईकोर्ट के इसी आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 4 मार्च को हाईकोर्ट को निर्देश दिया था कि मामले की सुनवाई जल्द कर फैसला लें. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से 6 मार्च को सुनवाई करने का आदेश दिया था.