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दिल्ली HC ने महिला को दी 23 हफ्ते के जुड़वां भ्रूण को गिराने की अनुमति, जानिए गर्भपात की वजह

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महिला को उसके 23 सप्ताह के जुड़वां भ्रूण गिराने की इजाजत दी है. हाईकोर्ट ने मंगलवार को एम्स मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट देखने के बाद ये आदेश दिया.

delhi high court allows woman to remove 23 week old twin fetus
दिल्ली हाईकोर्ट
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Published : May 25, 2021, 10:24 PM IST

Updated : May 25, 2021, 10:54 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महिला को उसके 23 हफ्ते के जुड़वां गर्भ को हटाने की अनुमति दे दी है. जस्टिस रेखा पल्ली ने एम्स के मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट देखने के बाद ये आदेश दिया.


एम्स बोर्ड ने जुड़वां गर्भ को हटाने की अनुशंसा की थी

एम्स के मेडिकल बोर्ड ने कहा कि अगर महिला के जुड़वां गर्भ को जारी रखने की इजाजत दी गई तो जन्म के बाद काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. मेडिकल बोर्ड ने कहा कि फिलहाल जुड़वां गर्भ जिस स्थिति में हैं, उन्हें सुरक्षित हटाया जा सकता है. उसके बाद कोर्ट ने महिला को अपने जुड़वां गर्भ हटाने की अनुमति दे दी.


जुड़वां भ्रूण के सिर जुड़े हुए

याचिका में कहा गया था कि महिला के गर्भ में पल रहे जुड़वां गर्भ के दोनों सिर जुड़े हुए हैं और वे पूरे तरीके से विकसित नहीं हो पाए हैं. याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने एम्स को महिला के जुड़वां बच्चों के गर्भ का मेडिकल परीक्षण करने के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन करने का निर्देश दिया था.

पढ़ें - अग्रिम जमानत संबंधी इलाहाबाद उच्च न्यायालय की टिप्पणी पर रोक


20 हफ्ते से ज्यादा का भ्रूण हटाने की अनुमति नहीं

बता दें कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) एक्ट की धारा 3(2) के तहत 20 हफ्ते से ज्यादा के भ्रूण को हटाने की अनुमति नहीं है. 12 से 20 हफ्ते के भ्रूण को तभी हटाया जा सकता है. जब दो डॉक्टरों का पैनल इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि भ्रूण महिला के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है.

ये भी पढ़ेंः सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा रद्द करने के लिए छात्रों ने लिखा मुख्य न्यायाधीश को पत्र

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महिला को उसके 23 हफ्ते के जुड़वां गर्भ को हटाने की अनुमति दे दी है. जस्टिस रेखा पल्ली ने एम्स के मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट देखने के बाद ये आदेश दिया.


एम्स बोर्ड ने जुड़वां गर्भ को हटाने की अनुशंसा की थी

एम्स के मेडिकल बोर्ड ने कहा कि अगर महिला के जुड़वां गर्भ को जारी रखने की इजाजत दी गई तो जन्म के बाद काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. मेडिकल बोर्ड ने कहा कि फिलहाल जुड़वां गर्भ जिस स्थिति में हैं, उन्हें सुरक्षित हटाया जा सकता है. उसके बाद कोर्ट ने महिला को अपने जुड़वां गर्भ हटाने की अनुमति दे दी.


जुड़वां भ्रूण के सिर जुड़े हुए

याचिका में कहा गया था कि महिला के गर्भ में पल रहे जुड़वां गर्भ के दोनों सिर जुड़े हुए हैं और वे पूरे तरीके से विकसित नहीं हो पाए हैं. याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने एम्स को महिला के जुड़वां बच्चों के गर्भ का मेडिकल परीक्षण करने के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन करने का निर्देश दिया था.

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20 हफ्ते से ज्यादा का भ्रूण हटाने की अनुमति नहीं

बता दें कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) एक्ट की धारा 3(2) के तहत 20 हफ्ते से ज्यादा के भ्रूण को हटाने की अनुमति नहीं है. 12 से 20 हफ्ते के भ्रूण को तभी हटाया जा सकता है. जब दो डॉक्टरों का पैनल इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि भ्रूण महिला के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है.

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Last Updated : May 25, 2021, 10:54 PM IST
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