नई दिल्ली: कोरोना के चलते लगातार जमानत या पैरोल पर जेलों से छोड़े गए कैदियों को अब जेल वापस लौटना पड़ सकता है. दिल्ली हाईकोर्ट की फुल बेंच आज इस मुद्दे पर अपना फैसला सुनाएगी. हाईकोर्ट ने कहा कि वो ऐसे लोगों की अंतरिम जमानत अवधि बढ़ाए जाने के पुराने आदेश के बदलाव के पक्ष में है.
6711 कैदी अंतरिम जमानत या पैरोल पर बाहर
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से वकील राहुल मेहरा ने कहा कि 6711 कैदी अंतरिम जमानत या पैरोल पर जेल से बाहर हैं. मेहरा ने कहा कि सिर्फ तीन कैदियों को कोरोना का संक्रमण हुआ है, जिनका लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल में इलाज चल रहा है. सुनवाई के दौरान जेल प्रशासन ने कहा कि जिन आरोपियों को पैरोल पर रिहा किया गया है, उनमें से 2318 कैदी गंभीर अपराधों में लिप्त रहे हैं. 2907 ऐसे आरोपी हैं जिनके खिलाफ छोटे-मोटे मामले हैं.
दंगों के आरोपियों का बाहर होना बनी चिंता
सुनवाई के दौरान स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्युटर अमित प्रसाद ने कहा कि उनकी चिंता सिर्फ दिल्ली दंगों के 25 आरोपियों को लेकर है, जिनको मिली अंतरिम जमानत लगातार बढ़ रही है. तब चीफ जस्टिस डीएन पटेल ने कहा कि कोरोना का चैप्टर अब फुल बेंच के लिए ओवर होना चाहिए. अब हाई पावर्ड कमेटी तय करे कि किसे जेल में वापस बुलाना है किसे नहीं. तब राहुल मेहरा ने कहा कि अंतरिम जमानत बढ़ाने का आदेश निरस्त करना सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होगा, जिसमें कहा गया है कि जेलों में भीड़ को कम करने की जरुरत है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में अभी कोरोना खत्म नहीं हुआ है. इस बात का कहीं उल्लेख नहीं है कि जेलों में भीड़ कम करने से अराजकता फैली है.
पुराने आदेश को निरस्त करने की जरुरत
चीफ जस्टिस डीएन पटेल ने कहा कि हाईकोर्ट खुले हैं, ट्रायल कोर्ट खुले हैं. सरकार चाहे तो कैदियों को पेरोल पर रिहा कर सकती है. इसलिए पुराने आदेश को निरस्त करने की जरुरत है. जस्टिस तलवंत सिंह ने सुझाव दिया कि हाईकोर्ट का पुराना आदेश उन आरोपियों के लिए निरस्त किया जाए जो गैर-कोरोना कारणों की वजह से अंतरिम जमानत पर हैं और जिनके खिलाफ गंभीर अपराधों के आरोप हैं. उसके बाद चीफ जस्टिस ने कहा कि हम इस पर चर्चा कर आदेश पारित करेंगे.
आरोपी हाईकोर्ट के आदेश का कर रहे दुरुपयोग
दरअसल, स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्युटर अमित प्रसाद ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि अंतरिम जमानत पर रिहा हुए गंभीर अपराधों के आरोपी हाईकोर्ट के आदेश का दुरुपयोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कैदी एक बार मानवीय आधार पर अंतरिम जमानत ले लेते हैं और उसके बाद हाईकोर्ट के आदेश की आड़ में अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग करते हैं.
मंडोली के दो जेलों में 248 आइसोलेशन वार्ड
पिछले 28 सितंबर को सुनवाई के दौरान अमित प्रसाद ने कोर्ट को बताया था कि मंडोली के दो जेलों में 248 आइसोलेशन वार्ड हैं. तब चीफ जस्टिस डीएन पटेल, जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस तलवंत सिंह की स्पेशल बेंच ने पूछा था कि आपके बाद 248 आइसोलेशन वार्ड हैं, तब हजारों कैदियों को वापस लाने पर उन्हें कैसे रखेंगे. कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था कि वो हलफनामा दाखिल कर ये बताएं कि जेलों में कितने कैदी कोरोना से संक्रमित हैं.
हाई कोर्ट अंतरिम आदेश को बढ़ाता रहा
कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था कि हलफनामे में ये भी बताएं कि अभी तक कितने कैदी अंतरिम जमानत पर रिहा हुए हैं और उनमें कितने कैदियों को अगले महीने सरेंडर करना है. कोर्ट ने जेल महानिदेशक को खुद पेश होने का निर्देश जारी किया था. बता दें कि हाईकोर्ट ने पिछले 24 अगस्त को अंतरिम जमानत पर रिहा हुए सभी कैदियों की जमानत 31 अक्टूबर तक बढ़ाने का आदेश दिया था.