सुनवाई के दौरान स्कूल ने बताया कि उन्होंने तीनों बच्चों का प्रोविजनल दाखिला कर लिया है और तीनों बच्चों के अभिभावकों को दाखिले संबंधी प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया है. उसके बाद हाईकोर्ट ने स्कूल को निर्देश दिया कि वो 15 फरवरी से तीनों बच्चों को क्लास में बैठने की अनुमति दें.
दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की याचिका
तीनों बच्चों के पिता मनमोहन ने वकील अशोक अग्रवाल के जरिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि एसकेवी आनंद विहार स्कूल ने उनके तीन बच्चों को यह कहकर दाखिला देने से मना कर दिया था कि उनके पास दिल्ली का आवास प्रमाण पत्र नहीं है.
तीनों बच्चे प्रिया, चंचल और मोहित ने एसकेवी आनंद विहार स्कूल में सातवीं और पहली कक्षा में दाखिला लेने के लिए आवेदन किया था. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि शिक्षा का अधिकार हर बच्चे का मौलिक अधिकार है. इस अधिकार का कोई भी मनमाने तरीके से उल्लंघन नहीं कर सकता है.
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