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बोर्ड परीक्षा फीस में वृद्धि पर दिल्ली HC का CBSE को नोटिस, 12 नवंबर तक मांगा जवाब

दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीएसई के जरिए दसवीं और बारहवीं कक्षा के छात्रों से बोर्ड परीक्षा में पंजीकरण के लिए मांगी गई परीक्षा फीस में बढ़ोतरी के खिलाफ याचिका पर सीबीएसई को नोटिस जारी किया. इस मुद्दे पर पैरेंट्स फोरम फॉर मीनिंगफुल एजुकेशन नामक एक एसोसिएशन ने याचिका दायर की थी.

delhi HC issued notice to cbse on increase in board exam fees and seek response
बोर्ड परीक्षा फीस में वृद्धि पर दिल्ली HC का CBSE को नोटिस
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Published : Oct 7, 2020, 5:50 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की ओर से दसवीं और बारहवीं की परीक्षा फीस में बढ़ोतरी के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीएसई को नोटिस जारी किया है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने सीबीएसई को 12 नवंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.

बोर्ड परीक्षा फीस में वृद्धि पर दिल्ली HC का CBSE को नोटिस

फीस बढ़ाने का स्थायी हल निकालने की मांग

याचिका पैरेंट्स फोरम फॉर मिनिंगफुल एजुकेशन नामक एक एसोसिएशन की ओर से दायर की गई है. याचिकाकर्ता की ओर से वकील पीएस शारदा और क्षितिज शारदा ने कहा कि सीबीएसई ने 2014-15, 2017-18 के मुकाबले 2019-20 के लिए दसवीं और बारहवीं की परीक्षा फीस कई गुना बढ़ा दिया है. याचिका में कहा गया है कि सीबीएसई को फीस बढ़ाने का स्थायी हल निकालने का आदेश दिया जाए.

एम्पावर्ड कमेटी का हो गठन

याचिका में कहा गया है कि सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाओं के लिए फीस निर्धारित करने के लिए एक एम्पावर्ड कमेटी का गठन किया जाए. कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर फीस के निर्धारण की प्रक्रिया तय की जाए. याचिका में कहा गया है कि शिक्षा बच्चों का संवैधानिक अधिकार है. इसके लिए परीक्षा का आयोजन भी छात्रों के हितों के ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए. ऐसे फैसले नहीं लिए जाने चाहिए जिससे छात्रों के हित टकराएं. याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार छात्रों की समस्याओं का निराकरण करने में असफल रही है.

गरीब छात्र नहीं दे पाएंगे परीक्षा
याचिका में कहा गया है कि दसवीं और बारहवीं के फीस कई गुणा बढ़ाकर आर्थिक रुप से कमजोर छात्रों को सीधे-सीधे प्रभावित करेगा. कई छात्र फीस नहीं दे पाने की वजह से परीक्षा देने से वंचित हो जाएंगे. इसलिए दसवीं और बारहवीं की परीक्षा फीस के निर्धारण के लिए एक स्थायी मेकानिज्म बनाया जाए.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की ओर से दसवीं और बारहवीं की परीक्षा फीस में बढ़ोतरी के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीएसई को नोटिस जारी किया है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने सीबीएसई को 12 नवंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.

बोर्ड परीक्षा फीस में वृद्धि पर दिल्ली HC का CBSE को नोटिस

फीस बढ़ाने का स्थायी हल निकालने की मांग

याचिका पैरेंट्स फोरम फॉर मिनिंगफुल एजुकेशन नामक एक एसोसिएशन की ओर से दायर की गई है. याचिकाकर्ता की ओर से वकील पीएस शारदा और क्षितिज शारदा ने कहा कि सीबीएसई ने 2014-15, 2017-18 के मुकाबले 2019-20 के लिए दसवीं और बारहवीं की परीक्षा फीस कई गुना बढ़ा दिया है. याचिका में कहा गया है कि सीबीएसई को फीस बढ़ाने का स्थायी हल निकालने का आदेश दिया जाए.

एम्पावर्ड कमेटी का हो गठन

याचिका में कहा गया है कि सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाओं के लिए फीस निर्धारित करने के लिए एक एम्पावर्ड कमेटी का गठन किया जाए. कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर फीस के निर्धारण की प्रक्रिया तय की जाए. याचिका में कहा गया है कि शिक्षा बच्चों का संवैधानिक अधिकार है. इसके लिए परीक्षा का आयोजन भी छात्रों के हितों के ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए. ऐसे फैसले नहीं लिए जाने चाहिए जिससे छात्रों के हित टकराएं. याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार छात्रों की समस्याओं का निराकरण करने में असफल रही है.

गरीब छात्र नहीं दे पाएंगे परीक्षा
याचिका में कहा गया है कि दसवीं और बारहवीं के फीस कई गुणा बढ़ाकर आर्थिक रुप से कमजोर छात्रों को सीधे-सीधे प्रभावित करेगा. कई छात्र फीस नहीं दे पाने की वजह से परीक्षा देने से वंचित हो जाएंगे. इसलिए दसवीं और बारहवीं की परीक्षा फीस के निर्धारण के लिए एक स्थायी मेकानिज्म बनाया जाए.

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